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अरावली के गायब हुए पहाड़ों की रिपोर्ट अब तक नहीं दे पाई FSI...SC के फटकार के बावजूद काम अधूरा

अलवर में अवैध खनन को लेकर 10 साल पहले हुए सर्वे के बाद अब तक मौका रिपोर्ट पूरी नहीं हो सकी है. मामले में सुप्रीम कोर्ट से फटकार मिलने के बावजूद खनन विभाग अभी तक 50 प्रतिशत काम भी नहीं पूरा कर पाया है.

अरावली पर्वत श्रेणी
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Published : Feb 11, 2019, 11:35 PM IST

अलवर. अवैध खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना करने में खनन विभाग विफल हो रहा है. करीब 10 साल पहले हुए सर्वे के बाद अब तक अवैध खनन स्थलों की मौका रिपोर्ट तैयार नहीं की जा सकी है. वहीं राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से अवैध खनन जारी है.

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दरअसल खनन विभाग ने वर्ष 2008-09 में अलवर में अवैध खनन के 274 स्थलों को चिन्हित किया था. इस दौरान एफएसआई ने अरावली की 2008-09 में सेटेलाइट से हवाई सर्वेक्षण किया था. जिसमें अवैध खनन के 274 स्थलों को चिन्हित किया गया था. एफएसआई ने प्रमाण स्वरूप खनन विभाग को सेटेलाइट इमेज भी भेजी थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसकी मौका रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे. लेकिन इनमें से अब तक कुल 109 स्थलों की मौका रिपोर्ट तैयार हो पाई है.


वहीं खनन विभाग पिछले करीब आठ महीने से अब तक 109 खनन स्थानों की ही मौका रिपोर्ट तैयार करा पाया है. जिसमें 41 स्थान पिछले मई-जून महीने में और 68 स्थलों की मौका रिपोर्ट 5 फरवरी को तैयार की गई. कुल मिलाकर अब तक 274 में 109 अवैध खनन स्थलों की मौका रिपोर्ट तैयार की गई है. वहीं अभी 165 स्थलों की मौका रिपोर्ट अभी तैयार होना शेष है.

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वहीं गत महीने में सुप्रीम कोर्ट ने अवैध खनन को लेकर तल्ख टिप्पणी की थी. जिसके बाद खनन विभाग ने गुम हुए पहाड़ों को ढूंढने के प्रयास तो शुरू किए थे. लेकिन विभाग की सुस्ती के चलते सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अब तक पूरे तौर पालना नहीं हो पाई है.


जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एफएसआई की ओर से चिह्नित खनन स्थलों की मौका रिपोर्ट तैयार कराने के आदेश दिया था. लेकिन खनन विभाग इस आदेश की पालना में विफल रहा है. वहीं जिले में चुनावों के बाद एक बार फिर से अवैध खनन धड़ल्ले से हो रहा है.

अलवर. अवैध खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना करने में खनन विभाग विफल हो रहा है. करीब 10 साल पहले हुए सर्वे के बाद अब तक अवैध खनन स्थलों की मौका रिपोर्ट तैयार नहीं की जा सकी है. वहीं राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से अवैध खनन जारी है.

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दरअसल खनन विभाग ने वर्ष 2008-09 में अलवर में अवैध खनन के 274 स्थलों को चिन्हित किया था. इस दौरान एफएसआई ने अरावली की 2008-09 में सेटेलाइट से हवाई सर्वेक्षण किया था. जिसमें अवैध खनन के 274 स्थलों को चिन्हित किया गया था. एफएसआई ने प्रमाण स्वरूप खनन विभाग को सेटेलाइट इमेज भी भेजी थी. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसकी मौका रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे. लेकिन इनमें से अब तक कुल 109 स्थलों की मौका रिपोर्ट तैयार हो पाई है.


वहीं खनन विभाग पिछले करीब आठ महीने से अब तक 109 खनन स्थानों की ही मौका रिपोर्ट तैयार करा पाया है. जिसमें 41 स्थान पिछले मई-जून महीने में और 68 स्थलों की मौका रिपोर्ट 5 फरवरी को तैयार की गई. कुल मिलाकर अब तक 274 में 109 अवैध खनन स्थलों की मौका रिपोर्ट तैयार की गई है. वहीं अभी 165 स्थलों की मौका रिपोर्ट अभी तैयार होना शेष है.

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वहीं गत महीने में सुप्रीम कोर्ट ने अवैध खनन को लेकर तल्ख टिप्पणी की थी. जिसके बाद खनन विभाग ने गुम हुए पहाड़ों को ढूंढने के प्रयास तो शुरू किए थे. लेकिन विभाग की सुस्ती के चलते सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अब तक पूरे तौर पालना नहीं हो पाई है.


जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एफएसआई की ओर से चिह्नित खनन स्थलों की मौका रिपोर्ट तैयार कराने के आदेश दिया था. लेकिन खनन विभाग इस आदेश की पालना में विफल रहा है. वहीं जिले में चुनावों के बाद एक बार फिर से अवैध खनन धड़ल्ले से हो रहा है.

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