अलवर. अलवर का हृदय स्थल होप सर्कस अब नए रंगरूप में नजर आएगा. नगर परिषद की तरफ से 49 लाख रुपए की लागत से होप सर्कस का जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया गया (renovation of Hope Circus of Alwar) है. होप सर्कस पर लगे फाउंटेन को फिर से शुरू किया जाएगा और चारों तरफ नई मूर्तियां लगाई जाएंगी. साथ ही साफ-सफाई व मरम्मत का कार्य भी कराया जाएगा. होप सर्कस पर कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है. इसकी निर्माण कला की वजह से यह सर्कस देश-विदेश में अपनी खास पहचान रखता है.
होप सर्कस के जीर्णोद्धार के लिए शनिवार को नगर परिषद सभापति घनशाम गुर्जर और प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम पहुंची. उन्होंने होप सर्कस का जायजा लिया. सभापति ने मरम्मत कार्य को लेकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए. गुर्जर ने बताया कि काफी लंबे समय से होप सर्कस की हालात खस्ता हो रही है. जबकि होप सर्कस शहर का हृदय स्थल के रूप में जाना जाता है. यह ऐतिहासिक पर्यटक स्थल भी है. हजारों लोग इसको देखने के लिए दूरदराज से आते हैं.
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उन्होंने बताया की होप सर्कस पर रंग रोगन का कार्य होना है. इसके चारों तरफ लगी मूर्तियां टूटी गई हैं. इन्हें भी सही कराया जाएगा. साथ ही यहां रंग बिरंगी लाइट और फव्वारे लंबे समय से बंद हैं. उसको सही कराया जायेगा. इसके अलावा यहां ऊपर चढ़ने के लिए बनी सीढ़ियां टूट चुकी हैं, इन्हें बनाया जाएगा. इसके अलावा और भी छोटी-मोटी मरम्मत होनी है. इसके लिए नगर परिषद 49 लाख रुपए खर्च करेगा.
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क्या है होप सर्कस का इतिहास: रियासत काल में निर्मित यह स्मारक अंग्रेज वायसराय विक्टर अलेक्जेंडर जॉन की पुत्री होप को समर्पित है. अलवर के पूर्व शासक तेजसिंह ने सन 1940 में होप सर्कस का निर्माण कराया था. लेडी होप के अलवर आने पर इसका नामकरण उनके नाम पर किया गया. यहां कई फिल्मों की शूटिंग भी हुई है. फिल्म 'नीलकमल' में अभिनेता महमूद पर फिल्माए गए गाने 'खाली डिब्बा, खाली बोतल' की शूटिंग यहीं पर हुई थी.