अलवर.दिल्ली और उसके आसपास के शहरों कस्बों तक तेज और सुगम आवागमन के लिए प्रस्तावित आठ रेपिड रेल ट्रांजिट परियोजना के तहत जिले में कार्य शुरू हो गया है. वहीं दिल्ली रेवाड़ी अलवर मार्ग को तैयार करने का काम इन दिनों एनआईआरटीसी के तहत सीईजी कंपनी ने पानी का लेवल और मिट्टी परिकक्षण का काम शुरु कर दिया है. जहां पर रेपिड रेल के स्टेशन बनाए जाएंगे.
दिल्ली हरियाणा राजस्थान सरकारों की स्वीकृति मिल चुकी है. स्वीकृति मिलने के बाद चार साल में यह रुट बनकर तैयार होने की सम्भावना है. इसका सर्वे का काम लगभग पूरा हो चुका है.एसएनबी के तहत गुगलकोटा , साहजहांपुर , नीमराणा , बहरोड और सोतानाला तक पांच स्टेशन बनाए जाएंगे. 40 किलोमीटर की दूरी में प्रति किलोमिटर पर मिट्टी परीक्षण का काम तेजी से और हो चुका है.
दिल्ली के सराय कालें खां से अलवर तक 164 किलोमीटर के सफर में यह प्रोजेक्ट का समय पूरा होने के बाद यात्रा में 85 मिनट का समय लगेगा. जिससे प्रतिदिन हजारों यात्रियों को लगभग मिलेगा. इसका कुछ हिस्सा भूमिगत और कुछ हिस्सा ऊपर खंबो पर होगा. दिल्ली के सराय काले खां से तीन रुट बनाएं जाएंगे. जिसमे सबसे बड़ा रुट दिल्ली से अलवर का होगा.अलवर रूट पर कुल 22 स्टेशन बनाये जाएंगे.
पहले चरण में साहजहांपुर नीमराणा बहरोड तक का रूट तैयार किया जाएगा. जिस पर गुरुग्राम में नेशनल हाइवे 8 के साथ साथ सात स्टेशन बनाये जाएंगे. इन स्टेशनों में से मानेसर व खेड़की दोला स्टेशन अंडरग्राउंड रहेंगे.
जबकि अन्य पांच स्टेशन एलिवेटेड रखे जाएंगे. मिट्टी परीक्षण कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि साहजहांपुर से सोतानाला तक पांच एलिवेटेड रेपिड स्टेशन बनाए जाएंगे. जिसको लेकर अलग अलग स्थानों पर मिट्टी परीक्षण का कार्य चल रहा है.