अलवर. जिले में लगभग 1 महीने बाद सोमवार से करीब 450 लोक परिवहन सेवा और उपनगरीय प्राइवेट बसें फिर से चलना शुरू हो जाएंगी. सफर के दौरान यात्रियों को कोरोना गाइडलाइन की पालना करनी होगी. जिन यात्रियों के पास मास्क नहीं होंगे उन्हें बस संचालक की ओर से उपलब्ध कराना होगा. इसके अलावा बस में निर्धारित सीटों पर ही यात्रियों को यात्रा करानी होगी. बसों में खड़े रहकर या भीड़ की मनाही होगी. अगर किसी बस संचालक की ओर से कोविड-19 गाइडलाइन की पालना की अवहेलना की जाएगी तो ऐसे बस ऑपरेटरों के खिलाफ जिला प्रशासन उचित कार्रवाई करेगी.
अलवर प्राइवेट बस ऑपरेटर यूनियन अध्यक्ष ओमप्रकाश अरोड़ा ने बताया कि राज्य सरकार के आदेशनुसार 10 जून से लोक परिवहन और उपनगरीय प्राइवेट बसों का संचालन होना था लेकिन 3 महीने का रोड टैक्स माफ करने की मांग को लेकर ऑपरेटर्स ने बसें नहीं चलाई थी. कोरोना संक्रमण की द्वितीय लहर के करण 10 मई से 9 जून तक बसों का संचालन बंद था.
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अध्यक्ष ने बताया इस साल के अप्रैल माह में जून महीने का रोड टैक्स माफ करने को लेकर प्रतिनिधिमंडल परिवहन मंत्री से मिला. परिवहन मंत्री ने आश्वासन दिया कि रोड टैक्स माफ करने के लिए सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर वित्त विभाग को भेजा जाएगा. इसके बाद लोक परिवहन व उपनगरीय बसों की यूनियनों ने 14 जून से बसों के संचालन का निर्णय लिया है.
जिले में 450 उपनगरीय प्राइवेट और लोक परिवहन बसे हैं. कल से 5 रूट जयपुर, बहरोड, भिवाड़ी, भरतपुर और कोटपूतली के लिए लोक परिवहन की 100 बसों व 350 उपनगरीय प्राइवेट बसों का संचालन प्रारंभ हो जाएगा. इससे यात्रियों को कोरोना गाइडलाइन के अनुसार सुरक्षित दूरी पर बैठकर बसों में सफर करने की सुविधा मिल पाएगी.
कोरोना की दूसरी लहर में चित्तौड़गढ़ डिपो को नुकसान
कोरोना की दूसरी लहर ने राजस्थान रोडवेज प्रबंधन को बुरी तरह से हिला कर रख दिया. क्योंकि लगातार एक महीने तक रोडवेज बसों के चक्के जाम रहे. इससे प्रतिदिन अकेले चित्तौड़गढ़ डिपो को ही 1200000 रुपए तक का नुकसान झेलना पड़ा. यहां तक कि कार्मिकों की तनख्वाह देने तक के लाले पड़ गए. प्रबंधन का मानना है कि इस नुकसान की भरपाई इस साल तक होना मुश्किल माना जा रहा है.
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चित्तौड़गढ़ डिपो से करीब 80 बसों का संचालन होता है और नियमित तथा अस्थाई कर्मचारियों सहित लगभग ढाई सौ से 300 लोगों को समय पर वेतन तक नहीं मिल पाया. जबकि पहले से ही कर्मचारी अपने वेतन को लेकर परेशान थे. राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों को अप्रैल महीने तक की तनख्वाह का आवंटन हो पाया. डिपो के मुख्य प्रबंधक ओमप्रकाश चेचानी के अनुसार हमें लॉकडाउन के दौरान प्रतिदिन 1200000 रुपए तक का नुकसान झेलना पड़ा और इस साल तक तो इस नुकसान की भरपाई होना मुश्किल है। हालांकि सरकार की मदद से कर्मचारियों को अप्रैल तक की तनख्वाह दे दी गई है.