अलवर. कोरोना महामारी ने आमजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है. एक तरफ संक्रमण को देखते हुए लोग घरों में कई महीनों से बंद रहे. इस दौरान हजारों नौकरियां छीन गईं और कामकाज प्रभावित हैं. लोग इस बुरे वक्त में डिप्रेशन की ओर जा रहे हैं, जिसके चलते आत्महत्याओं की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में खुद को इस मुश्किल दौर में मानसिक रूप से कैसे स्वस्थ रखें, ये बता रही हैं अलवर की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. निहारिका सैनी.
कोरोना ऐसी महामारी बनकर आया है, जिसने आम जनजीवन, देश की अर्थव्यवस्था सबको प्रभावित किया है. कोरोना संक्रमण से सिर्फ पॉजिटिव मरीज ही नहीं हर कोई प्रभावित है. कोरोना के कारण पूरा देश लॉकडाउन रहा, काम-धंधे पूरी तरह से बंद रहे और देश की अर्थव्यवस्था लगातार नीचे जा रही है. इस दौरान लाखों लोगों की नौकरियां चली गई हैं. वहीं ज्यादातर लोगों के वेतन में कटौती हुई है. ऐसे में जीवनयापन करने में लोगों को खासी दिक्कत हो रही है. इसके अलावा लगातार लोग अपने घरों में बंद हैं.
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लोगों की सोशल लाइफ पूरी तरह से समाप्त हो गई है. लोगों में लगातार तनाव की शिकायतें बढ़ रही हैं वहीं डिप्रेशन में आकर लोग आत्महत्या भी कर रहे हैं. इस दौरान आत्महत्या की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. बढ़ती घटनाओं को देखते हुए ईटीवी भारत ने क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. निहारिका सैनी ने खास बातचीत की कि कैसे हम खुद को नेगेटिविटी से दूर रहें.
फ्यूचर के बारे में ज्यादा न सोचें...
साइकोलॉजिस्ट डॉ. निहारिका सैनी कहती हैं कि लगातार लोगों में तनाव की समस्याएं हो रही हैं. वहीं, डिप्रेशन के आत्महत्याओं की घटनाओं में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में लोगों को परिवार के साथ रहना चाहिए और अपने मन की बात अपने साथियों के साथ शेयर करें, जिससे तनाव कम रहे. मन में कोई दुविधा ना हो. वे कहती हैं कि फ्यूचर को लेकर ज्यादा न सोचें. आज में जीएं और उसके हिसाब से प्लानिंग बनाएं.
बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत...
कोरोना के कारण युवा के साथ स्कूल-कॉलेजों के बच्चों के जीवनशैली में भी भारी बदलाव आया है. बच्चे पढ़ाई से लेकर एंटरटेनमेंट तक के लिए मोबाइल और लैपटॉप पर निर्भर हैं. ऐसे में निहारिका सैनी की सलाह है कि बच्चों को मोबाइल पर ज्यादा समय नहीं बिताने दें. बच्चों के मोबाइल हाथ में आते ही उन पर नजर रखें. मोबाइल के चलते बच्चों में सिर दर्द, आंखों में जलन सहित कई तरह की परेशानियां होने लगी हैं. मोबाइल पर होमवर्क के अलावा असाइनमेंट भी होने लगे हैं. ऑनलाइन ही स्कूल द्वारा प्रोजेक्ट दिए जा रहे हैं, परीक्षाएं भी ऑनलाइन होने लगी है. ऐसे में यह मोबाइल बच्चों को बीमार करने लगे हैं. ऐसे में अभिभावकों को अपने बच्चों पर खास नजर रखने की आवश्यकता है.
कैसे खुद को रखें पॉजिटिव, एक्सपर्ट टिप्स...
- तनाव और डिप्रेशन से बचने के लिए सुबह-शाम के समय योगा और मेडिटेशन करें. इससे लोगों में तनाव और डिप्रेशन की शिकायत दूर होगी
- फोन के माध्यम से अपने परिवार के सदस्यों को दोस्तों से बातचीत करें
- अकेले ना रहें
- जिससे आपको परेशानी होती है, उससे बचने का प्रयास करें
- खुद के पॉजिटिव क्वालिटी पर फोकस करें
- अपने लिए मिरर के सामने पॉजिटिव शब्द बोलें
- अपने गोल डिसाइड करें
- परिवार के संपर्क में रहें
- बच्चों के साथ समय बीताएं
साइकोलॉजिस्ट डॉ. निहारिका सैनी कहती हैं कि आने वाला कुछ समय और परेशानी भरा रहेगा. जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं आती, लोगों को इस तरह की है जीने की आदत डालनी होगी. ऐसे में अपनी दिनचर्या में बदलाव करें औऱ अपने खानपान में तौर-तरीकों में भी खासे बदलाव की आवश्यकता है. इसका सीधा फायदा देखने को मिलेगा.
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आगे सैनी कहती हैं कि वैसे तो पूरी दुनिया में लोग इस बीमारी के चलते प्रभावित हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, जिन पर ज्यादा प्रभाव नजर आ रहा है. ऐसे लोगों को तुरंत सावधान होते हुए ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि एक छोटी सी परेशानी आगामी समय में बड़ी परेशानी बन सकती है. इसके अलावा बच्चों के साथ समय बिताएं, परिवार को ज्यादा समय दें. प्रतिदिन 1 घंटे परिवार को समय दें.
वहीं, सोशल लाइफ में रहने वाले लोगों को खास सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि जो लोग लगातार सोशल रहते हैं लेकिन कोरोना वायरस के चलते उनको अचानक घर में रहना पड़ा है. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को आ रही.