अलवर. जिले के पुलिस विभाग ने सुरक्षा की दृष्टि से वन विभाग को दी गईं आरएसी की दो बटालियन वापस ले ली है. जिसके बाद जिले में फिर से अवैध खनन की घटनाएं शुरू हो चुकीं हैं. अलवर में खुलेआम अवैध खनन होता है. आए दिन अवैध खनन माफिया वन विभाग के अधिकारियों के ऊपर हमला करते हैं . जिसके चलते पिछले दिनों पुलिस विभाग की दो बटालियन वन विभाग को सुरक्षा के लिए दी गई थी.
वहीं अलवर से खनन का पत्थर गुड़गांव, दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद सहित एनसीआर क्षेत्र में सप्लाई होता है. इसलिए हरियाणा से लगे हुए क्षेत्र में अवैध खनन की घटनाएं ज्यादा होती हैं. आए दिन होने वाली घटनाओं को देखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से वन विभाग को दो बटालियन आरएसी की दी गई थी. वन विभाग बटालियन को अपने हिसाब से तैनात करता था. अभी हाल ही में यह बटालियन किशनगढ़ बास, लक्ष्मणगढ़ और रामगढ़ इलाके में लगी हुई थी. अलवर जिले में खनन विभाग की तरफ से 200 से अधिक माइंस आवंटन की हुई है.
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बता दें कि वन विभाग के अधिकारियों ने पुलिस विभाग को आरएसी उपलब्ध कराने के लिए पत्र भेजा है. डीएफओ आलोक गुप्ता ने बताया की जिले में क्राइम के हालात खराब होते देख पुलिस विभाग ने आरएसी की बटालियन वापस ली है. लेकिन उससे जिले में फिर से अवैध खनन की घटनाएं शुरू हो चुकी हैं. इसलिए पुलिस विभाग को पत्र लिखा गया है. दरअसल वन विभाग में स्टाफ की खासी कमी है. तो वहीं अलवर जिले में अवैध खनन की घटनाएं ज्यादा होती हैं. इसलिए यहां हथियारबंद पुलिसकर्मियों की ज्यादा आवश्यकता है.