बहरोड़ (अलवर). राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने बहरोड़ नीमराणा क्षेत्र में संचालित काला धुंआ उगलने वाली सीमेंट फैक्टरियों, प्लाई बनाने वाली कंपनी और शराब फैक्ट्री सहित ईंट भट्ठों पर रोक नहीं लगाई गई है. इससे ये उद्योग दिन-रात जहरीला धुंआ उगल रहे हैं. प्रदूषण नियंत्रण मंडल इस बात पर गोलमाल जवाब देता है और कहता है कि कार्रवाई करेंगे.
बहरोड़ और अलवर में AQI में वायु प्रदूषण 100 से 150 है. ऐसे में यहां के उद्योगों पर रोक नहीं लगाई गई है. भिवाड़ी में अधिक उद्योग होने और वहां AQI का असर अधिक होने से रोक लगाई गई है. जबकि बहरोड़ का AQI 150 से अधिक है. जो मानव जीवन के स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है. वहीं शाम को ही उद्योगों की चिमनियां धुंआ उगलना शुरू कर देती हैं, जो रातभर चलता रहता है.
सोतानाला औद्योगिक क्षेत्र, बहरोड़ में सीमेंट फैक्टरियां, ग्रीनलेम और नीमराणा सहित पांच से अधिक इकाइयां जहर उगल रही हैं. करीब 30 से अधिक फैक्ट्रियां सबसे अधिक प्रदूषण फैलाकर ग्रामीण क्षेत्र की आबोहवा को दूषित कर रही हैं. बहरोड़ एनसीआर क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे स्मॉग को देखते हुए यहां भी प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर रोक लगाने की अति आवश्यकता है.
वहीं जब इन प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों के बारे में बहरोड़ एसडीएम संतोष कुमार मीणा से बात की तो उन्होंने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों के संचालन के लिए कुछ विशेष दिशा-निर्देश तय हैं. साथ ही ऐसे मापदंड भी तय किए गए हैं, जिसका उल्लंघन करने वाली इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.