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अलवर के बहरोड़ में फिर छाया Smog, जहर उगल रहीं चिमनियां - People forced to take poisonous breath

एनसीआर क्षेत्र में आए दिन बढ़ रहे प्रदूषण का असर पिछले कई दिनों से देखने को मिल रहा है. बता दें कि अलवर स्मॉग के आगोश में समाया हुआ है. वायुमंडल में स्मॉग घुलने से लोग सुबह जहरीली सांसें लेने को मजबूर हैं.

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Published : Nov 14, 2019, 12:01 PM IST

बहरोड़ (अलवर). राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने बहरोड़ नीमराणा क्षेत्र में संचालित काला धुंआ उगलने वाली सीमेंट फैक्टरियों, प्लाई बनाने वाली कंपनी और शराब फैक्ट्री सहित ईंट भट्ठों पर रोक नहीं लगाई गई है. इससे ये उद्योग दिन-रात जहरीला धुंआ उगल रहे हैं. प्रदूषण नियंत्रण मंडल इस बात पर गोलमाल जवाब देता है और कहता है कि कार्रवाई करेंगे.

बहरोड़ में जहरीली सांसे लेने को मजबूर लोग

बहरोड़ और अलवर में AQI में वायु प्रदूषण 100 से 150 है. ऐसे में यहां के उद्योगों पर रोक नहीं लगाई गई है. भिवाड़ी में अधिक उद्योग होने और वहां AQI का असर अधिक होने से रोक लगाई गई है. जबकि बहरोड़ का AQI 150 से अधिक है. जो मानव जीवन के स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है. वहीं शाम को ही उद्योगों की चिमनियां धुंआ उगलना शुरू कर देती हैं, जो रातभर चलता रहता है.

सोतानाला औद्योगिक क्षेत्र, बहरोड़ में सीमेंट फैक्टरियां, ग्रीनलेम और नीमराणा सहित पांच से अधिक इकाइयां जहर उगल रही हैं. करीब 30 से अधिक फैक्ट्रियां सबसे अधिक प्रदूषण फैलाकर ग्रामीण क्षेत्र की आबोहवा को दूषित कर रही हैं. बहरोड़ एनसीआर क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे स्मॉग को देखते हुए यहां भी प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर रोक लगाने की अति आवश्यकता है.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: कोटा में 15 गांवों के किसानों के लिए खतरा बने चंबल के घड़ियाल, आए दिन होती है 'पेट एनिमल Vs क्रोकोडाइल कनफ्लिक्ट'

वहीं जब इन प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों के बारे में बहरोड़ एसडीएम संतोष कुमार मीणा से बात की तो उन्होंने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों के संचालन के लिए कुछ विशेष दिशा-निर्देश तय हैं. साथ ही ऐसे मापदंड भी तय किए गए हैं, जिसका उल्लंघन करने वाली इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बहरोड़ (अलवर). राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने बहरोड़ नीमराणा क्षेत्र में संचालित काला धुंआ उगलने वाली सीमेंट फैक्टरियों, प्लाई बनाने वाली कंपनी और शराब फैक्ट्री सहित ईंट भट्ठों पर रोक नहीं लगाई गई है. इससे ये उद्योग दिन-रात जहरीला धुंआ उगल रहे हैं. प्रदूषण नियंत्रण मंडल इस बात पर गोलमाल जवाब देता है और कहता है कि कार्रवाई करेंगे.

बहरोड़ में जहरीली सांसे लेने को मजबूर लोग

बहरोड़ और अलवर में AQI में वायु प्रदूषण 100 से 150 है. ऐसे में यहां के उद्योगों पर रोक नहीं लगाई गई है. भिवाड़ी में अधिक उद्योग होने और वहां AQI का असर अधिक होने से रोक लगाई गई है. जबकि बहरोड़ का AQI 150 से अधिक है. जो मानव जीवन के स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है. वहीं शाम को ही उद्योगों की चिमनियां धुंआ उगलना शुरू कर देती हैं, जो रातभर चलता रहता है.

सोतानाला औद्योगिक क्षेत्र, बहरोड़ में सीमेंट फैक्टरियां, ग्रीनलेम और नीमराणा सहित पांच से अधिक इकाइयां जहर उगल रही हैं. करीब 30 से अधिक फैक्ट्रियां सबसे अधिक प्रदूषण फैलाकर ग्रामीण क्षेत्र की आबोहवा को दूषित कर रही हैं. बहरोड़ एनसीआर क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे स्मॉग को देखते हुए यहां भी प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर रोक लगाने की अति आवश्यकता है.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: कोटा में 15 गांवों के किसानों के लिए खतरा बने चंबल के घड़ियाल, आए दिन होती है 'पेट एनिमल Vs क्रोकोडाइल कनफ्लिक्ट'

वहीं जब इन प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों के बारे में बहरोड़ एसडीएम संतोष कुमार मीणा से बात की तो उन्होंने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों के संचालन के लिए कुछ विशेष दिशा-निर्देश तय हैं. साथ ही ऐसे मापदंड भी तय किए गए हैं, जिसका उल्लंघन करने वाली इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Intro:एनसीआर क्षेत्र में आये दिन बढ़ रहे प्रदूषण का असर पिछले कई दिनों से देखा जा रहा है । अलवर स्मॉग के आगोश में समाया हुआ है। वायुमंडल में स्मॉग घुलने से लोग सुबह जहरीली सांसे लेने को मजबूर बने हुए हैं।Body:बहरोड -एंकर- एनसीआर क्षेत्र में आये दिन बढ़ रहे प्रदूषण का असर पिछले कई दिनों से देखा जा रहा है । अलवर स्मॉग के आगोश में समाया हुआ है। वायुमंडल में स्मॉग घुलने से लोग सुबह जहरीली सांसे लेने को मजबूर बने हुए हैं। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने बहरोड़ नीमराणा क्षेत्र में संचालित काला धुंआ उगलने वाले करीब सीमेंट फैक्टरियों , प्लाई बनाने वाली कंपनी ग्रीनलेम , शराब फेक्ट्री सहित ईंट भट्ठों पर रोक नहीं लगाई गई। जिससे उद्योग दिन-रात जहरीली धुंआ उगल रहे हैं। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल इस बात पर गोलमाल जवाब देता है और कहता है कार्यवाही करेंगे । लेकिन यहां सरेआम आम आदमी की जिंदगी मोत से कम नही गुजर रही । बहरोड़ ओर अलवर में AQI में वायु प्रदूषण 100 से 150 है। ऐसे में यहां के उद्योगों पर रोक नहीं लगाई गई। भिवाड़ी में अधिक उद्योग होने और वहां AQI का असर अधिक होने से रोक लगाई गई है। जबकि बहरोड़ का AQI 150 से अधिक है। जो मानव जीवन के स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है। वहीं शाम को ही उद्योगों की चिमनियां धुंआ उगलना शुरू कर देती हैं। जो रातभर चलता रहता है। सोतानाला औद्योगिक क्षेत्र , बहरोड में सीमेंट फैक्टरियां , ग्रीनलेम और नीमराणा आधा दर्जन इकाइयां जहर उगल रही है । करीब तीन दर्जन फैक्ट्रीयां सबसे अधिक प्रदूषण फैलाकर ग्रामीण क्षेत्र की आबोहवा को दूषित कर रही है । बहरोड़ एनसीआर क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे स्मॉग को देखते हुए यहाँ भी प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर रोक लगाने की अतिआवश्यकता है।  वहीं जब इन प्रदूषण फेलाने वाली कंपनियों के बारे में बहरोड sdm संतोष कुमार मीणा से बात की तो उन्होंने कहा कि अगर प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों के द्वारा कंपनी संचालन के दौरान दिए गए दिशा निर्देश के अनुसार मापदंड पूरे नही किये गए तो उन इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर जुर्माना किया जाएगा और प्रदूषण विभाग को इस मामले से अवगत करा कर कार्यवाही का आदेश देंगे । ताकि आमजन के जीवन मे कोई बाधा नही आये । और वह स्वच्छ वातावरण का आनंद ले सके ।. बाइट - सन्तोष कुमार मीणाConclusion:बहरोड sdm संतोष कुमार मीणा से बात की तो उन्होंने कहा कि अगर प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों के द्वारा कंपनी संचालन के दौरान दिए गए दिशा निर्देश के अनुसार मापदंड पूरे नही किये गए तो उन इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर जुर्माना किया जाएगा और प्रदूषण विभाग को इस मामले से अवगत करा कर कार्यवाही का आदेश देंगे । ताकि आमजन के जीवन मे कोई बाधा नही आये । और वह स्वच्छ वातावरण का आनंद ले सके
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