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अलवर में पानी का टोटा...बूंद-बूंद के लिए तरस रहे लोग

अलवर में लोग पानी की बूंद बूंद के लिए परेशान हो रहे हैं. जलदाय विभाग में शिकायत करने के बाद भी हालातों में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है.

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Published : May 19, 2020, 1:15 PM IST

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बूंद बूंद के लिए परेशान लोग

अलवर. गर्मी की शुरुआत के साथ ही अलवर में पानी की किल्लत बढ़ने लगती है. लोग दिन भर पानी के लिए खाली बर्तन लेकर घूमते रहते हैं. पुराने मोहल्लों में हालात ज्यादा खराब हैं. जहां जलदाय विभाग की तरफ से हर साल बेहतर पानी सप्लाई के दावे किए जाते हैं. लेकिन हालात में आज तक कोई बदलाव नहीं हुआ है.

बूंद बूंद के लिए परेशान लोग

बता दें की अलवर शहर की आबादी करीब पांच लाख है. जलदाय विभाग की तरफ से 40 से 45 एमएलडी पानी प्रतिदिन सप्लाई किया जाता है. जबकि अलवर शहर की बात करें तो शहर में करीब 80 एमएलडी पानी की डिमांड रहती है. डिमांड के हिसाब से जलदाय विभाग आधा पानी सप्लाई कर पाता है. ऐसे में पुराने मोहल्ले और कृषि कॉलोनियों में पानी की खासी दिक्कत होती है. कुछ माह पहले जलदाय विभाग की तरफ से पूरे शहर में एनसीआर योजना के तहत नई पाइप लाइन डाली गई. अकेले अलवर शहर पर 147 करोड रुपए खर्च हुए हैं. पाइपलाइन डालते समय जनता से विभाग के अधिकारियों ने दावा किया था कि आने वाले दिनों में लोगों को बेहतर पानी सप्लाई मिलेगी, सबको समान पानी मिलेगा. लेकिन अब तक एनसीआर योजना का काम पूरा नहीं हुआ है. जिन क्षेत्रों में काम पूरा हुआ है, वहां लोगों को कोई राहत नहीं मिल रही है. ऐसे में यह साफ है की आम जनता का पैसा खराब हो गया है.

ये पढ़ें- अलवरः पानी की किल्लत से जूझ रहे लाखों लोग, जलदाय विभाग ने शुरू की टैंकर से सप्लाई

वहीं अलवर शहर सहित सभी कस्बों में एनसीआर योजना के तहत काम हुए. लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है. और अब दिन भर लोग पानी के लिए लोग परेशान रहते हैं. शहर में 220 सिंगल फेस की बोरिंग लगी हुई है. इन बोरिंगों का संचालन अब नगर परिषद की तरफ से होता है. वहीं ज्यादातर बोरिंग खराब है. वहीं कुछ एरिया ऐसे हैं जहां पानी के लिए लोग रात भर जागते हैं. लोगों नें कई बार जलदाय विभाग में शिकायत करने के बाद भी हालातों में कोई सुधार नहीं हुआ है.

अलवर. गर्मी की शुरुआत के साथ ही अलवर में पानी की किल्लत बढ़ने लगती है. लोग दिन भर पानी के लिए खाली बर्तन लेकर घूमते रहते हैं. पुराने मोहल्लों में हालात ज्यादा खराब हैं. जहां जलदाय विभाग की तरफ से हर साल बेहतर पानी सप्लाई के दावे किए जाते हैं. लेकिन हालात में आज तक कोई बदलाव नहीं हुआ है.

बूंद बूंद के लिए परेशान लोग

बता दें की अलवर शहर की आबादी करीब पांच लाख है. जलदाय विभाग की तरफ से 40 से 45 एमएलडी पानी प्रतिदिन सप्लाई किया जाता है. जबकि अलवर शहर की बात करें तो शहर में करीब 80 एमएलडी पानी की डिमांड रहती है. डिमांड के हिसाब से जलदाय विभाग आधा पानी सप्लाई कर पाता है. ऐसे में पुराने मोहल्ले और कृषि कॉलोनियों में पानी की खासी दिक्कत होती है. कुछ माह पहले जलदाय विभाग की तरफ से पूरे शहर में एनसीआर योजना के तहत नई पाइप लाइन डाली गई. अकेले अलवर शहर पर 147 करोड रुपए खर्च हुए हैं. पाइपलाइन डालते समय जनता से विभाग के अधिकारियों ने दावा किया था कि आने वाले दिनों में लोगों को बेहतर पानी सप्लाई मिलेगी, सबको समान पानी मिलेगा. लेकिन अब तक एनसीआर योजना का काम पूरा नहीं हुआ है. जिन क्षेत्रों में काम पूरा हुआ है, वहां लोगों को कोई राहत नहीं मिल रही है. ऐसे में यह साफ है की आम जनता का पैसा खराब हो गया है.

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वहीं अलवर शहर सहित सभी कस्बों में एनसीआर योजना के तहत काम हुए. लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है. और अब दिन भर लोग पानी के लिए लोग परेशान रहते हैं. शहर में 220 सिंगल फेस की बोरिंग लगी हुई है. इन बोरिंगों का संचालन अब नगर परिषद की तरफ से होता है. वहीं ज्यादातर बोरिंग खराब है. वहीं कुछ एरिया ऐसे हैं जहां पानी के लिए लोग रात भर जागते हैं. लोगों नें कई बार जलदाय विभाग में शिकायत करने के बाद भी हालातों में कोई सुधार नहीं हुआ है.

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