अलवर. सामाजिक संतुलन को बनाए रखने के लिए समाज में लड़कियां भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं जितने लड़के. लेकिन बेटियों की घटती संख्या देश के लिए चिंता का विषय है. बेटों की चाहत में ना जानें कितनी मासूम बेटियों की बली दे दी जाती है. राजस्थान में तो यह आंकड़ा और भी अधिक है. एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है.
अलवर के बानसूर थाना क्षेत्र के एक गांव में एक जिंदा नवजात बच्ची पड़ी हुई मिली. जिससे इलाके में सनसनी फैल गई. गनीमत रही कि बच्ची को जंगली जानवरों ने नुकसान नहीं पहुंचाया है.
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दरअसल, मामला जिले के बानसूर थाना क्षेत्र के अंतर्गत कस्बे के समीप बुचियावास फतेहपुर रोड का है. जहां एक बच्ची की रोने की आवाज आ रही थी. जब मॉर्निंग वॉक करते हुए कुछ लोग वहां से गुजरे तो उन्हें बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी. जिसके बाद उन्होंने खाई की झाड़ी के पास जाकर देखा तो वे हैरान रह गए. कपड़ो में एक नावजत लिपटी हुई पड़ी थी. उसके पास ही में एक थैली में बच्ची की दवाइयां भी रखी हुई थी.
बच्ची के मिलने की सूचना के बाद ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई और बानसूर पुलिस को भी मामले की जानकारी दी गई. बानसूर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को बानसूर सीएचसी में भर्ती करवाया है. जहां डाक्टरों ने नवजात को स्वस्थ बताया है. फिलहाल सीएचसी में ही बच्ची की देखरेख की जा रही है. वहीं पुलिस बच्ची के परिजनों की तलाश में जुट गई है.
बताया जा रहा है कि यह बच्ची सरकारी हॉस्पिटल में जन्मी है, क्योंकि बच्ची की नाभी में सरकारी हॉस्पिटल का टैग लगा हुआ है.
थाना एएसआई ने बताया कि बहुत जल्दी ही इस मामले की जांच कर बच्ची के परिजनों को ढूंढ़ लिया जाएगा और मानवता को शर्मासार करने वाले दोषियों पर भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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एक तरफ तो बेटियों को सम्मान देने की बातें सरकार करती है, लेकिन दूसरी ओर बेटियों को दफनाया जा रहा है. देखा जाए तो बेटी है तो कल है, यह बात सब जानते हैं लेकिन इस प्रकार से बेटियों को फेंका जाएगा, तो आगे भविष्य कैसा होगा?