अलवर. प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले अलवर में छोटे-बड़े 15 से अधिक औद्योगिक (industrial capital alwar) क्षेत्र हैं. जिनमें 20 हजार से ज्यादा औद्योगिक इकाइयां है. अलवर दिल्ली के नजदीक है, इसलिए कारोबारी यहां निवेश करते हैं. ऐसे में सरकार अलवर में 5 नए (New industrial areas soon to start in Alwar) औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की तैयारी की गई है. इसके लिए जमीन चिन्हित की जा चुकी है. साथ ही सभी सरकारी विभागों की एनओसी और सर्वे का काम भी पूरा हो चुका है. केवल एनसीआरपीबी (National Capital Region Planning Board) की अनुमति का इंतजार किया जा रहा है. प्रदेश सरकार ने रिपोर्ट एनसीआरपीबी को दिल्ली भेज दी है.
अलवर प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा टैक्स देता है. अलवर के औद्योगिक क्षेत्रों में हजारों औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें लाखों लोग काम करते हैं. देशभर के कारोबारी अलवर में निवेश कर रहे हैं, यहां अपना प्लांट लगा रहे हैं. इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल, मोबाइल यूनिट, खिलौना उद्योग, फूड जोन सहित सभी श्रेणी की औद्योगिक इकाइयां अलवर में लग रही हैं. यहां की बढ़ती डिमांड को देखते हुए सरकार ने अलवर में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का फैसला किया है. इस पर रीको ने अलवर के बानसूर, कठूमर, रेणी, मालाखेड़ा और रामगढ़ में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए जगह चिन्हित की है.
इसके साथ ही बानसूर के ग्राम नींबूचाना और खोहरी की 407 हेक्टेयर सरकारी भूमि चिन्हित की गई है. इसी तरह से कठूमर के ग्राम रूद्र, सोकरी की 25.30 हेक्टेयर जमीन, रेणी के ग्राम धोराला की 24.8 हेक्टेयर जमीन, मालाखेड़ा के ग्राम बरखेड़ा की 32.81 हेक्टेयर जमीन, रामगढ़ के ग्राम मुनपुर, करमला और रसरंन की 230 हेक्टेयर जमीन के साथ ही रामगढ़ के बगड़ राजपूत की 44. 90 हेक्टेयर जमीन का भी प्रस्ताव तैयार करके प्रदेश सरकार को भेजा गया है. सभी क्षेत्रों में जमीन के सर्वे हुए और सरकारी विभागों की एनओसी मिल चुकी है. सभी का प्रस्ताव तैयार करके प्रदेश सरकार को भेजा जा चुका है.
औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने का काम शुरू: रीको के अधिकारियों ने बताया कि भूमि का सर्वे एसआरएस एसी ने किया. इसकी रिपोर्ट मुख्यालय ने नेशनल कंजर्वेशन जोन से उक्त भूमि को हटवाने के लिए इसका प्रस्ताव एनसीआरपीबी (National Capital Region Planning Board) को भेजा गया है. वहां आवेदन लंबित है. एनसीआरपीबी की अनुमति मिलने के बाद इन क्षेत्रों में प्लॉट बनाकर उनके नीलामी की जाएगी. जिसके बाद औद्योगिक क्षेत्र के रूप में इन क्षेत्रों को विकसित करने का काम शुरू होगा. इसके लिए सड़क, बिजली, पानी जैसी जरूरत के संसाधन यहां उपलब्ध कराए जाएंगे. साथ ही औद्योगिक इकाइयों की सुविधा के लिए पेट्रोल पंप धर्म कांटे सहित अन्य संसाधन भी रीको की तरफ से उपलब्ध कराए जाएंगे. रीको के अधिकारियों ने कहा कि अलवर में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा. रोजगार के नए साधन उपलब्ध हो सकेंगे.
अलवर में निवेश करना फायदेमंद: देश विदेश के कारोबारी अलवर में निवेश कर रहे हैं. अलवर में निवेश करना कारोबारियों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है, क्योंकि अलवर एनसीआर का हिस्सा है. अलवर से दिल्ली जयपुर की दूरी महज डेढ़ सौ किलोमीटर है. इसके अलावा अलवर सड़क और रेल मार्ग दोनों से जुड़ा हुआ है. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे सहित कई बड़े प्रोजेक्ट अलवर से होकर गुजर रहे हैं. इसलिए हिमाचल हरियाणा और अन्य जिलों की तुलना में कारोबारियों के लिए अलवर बेहतर विकल्प है.
लोगों को मिलेगा रोजगार: अलवर में नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने से हजारों युवाओं को रोजगार (new employment opportunities in alwar) मिलेगा. साथ ही हजारों लोग कामकाज के लिए अलवर आएंगे. इससे अलवर के स्थानीय व्यापार और लोगों को भी कामकाज मिलेगा. अलवर में दो मेडिकल कॉलेज भी खोले जाएंगे, इसलिए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी अलवर में मिल सकेगी.