अलवर. जिले में बेरोजगारों की उम्मीदों का रोजगार मेला शनिवार को लगा लेकिन मेले में आने वाले बेरोजगारों को इसका ज्यादा फायदा नहीं मिल पाया. राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र काली मोरी में लगाए गए इस शिविर में करीब 1000 बेरोजगार युवाओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, लेकिन महज 398 बेरोजगार युवाओं को ही नौकरी के लिए चयनित किया गया. वहीं रोजगार शिविर में भिवाड़ी, बावल सहित कई स्थानों से 8 औद्योगिक इकाइयों ने भाग लिया.
जानकारी के अनुसार पहले इस रोजगार मेले का उद्घाटन श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली को करना था लेकिन कार्यक्रम में जूली नहीं आ सके. ऐसे में स्थानीय प्रशासन ने भी मेले को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हुए बस खानापूर्ति के साथ समेट दिया. गौरतलब है कि कोरोना के कारण बेरोजगार हुए हजारों युवाओं को इस मेले से खासी उम्मीद थी. बता दें कि रोजगार मेले में करीब 1000 युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन 700 लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य लेकर भरा गया.
यह भी पढ़ें: किसान सम्मेलन के पोस्टरों से गायब सचिन पायलट के समर्थन में लगे जिंदाबाद-जिंदाबाद के नारे
यह मेला में 398 लोगों तक ही सिमट गया. इस मेले का आयोजन गवर्नमेंट आईटीआई,आरएसएलडीसी और रोजगार विभाग और समाज कल्याण विभाग की ओर से मेले का आयोजन किया गया. वहीं इस शिविर में एमएसएमई प्रशिक्षण केंद्र भिवाड़ी की ओर से अनुसूचित वर्ग के 60 युवाओं का निशुल्क रोजगार प्रशिक्षण हेतु चयन किया गया.
वहीं रोजगार अधिकारी श्यामलाल साटोलिया ने बताया कि प्रदेश के मंत्री टीकाराम जूली और जिला कलेक्टर के आदेश पर 10वीं और 12वीं आईटीआई, बीएससी और बैकवर्ड क्लास वाले युवाओं को रोजगार देने के लिए रोजगार मेले का आयोजन किया गया, जिसमें करीब एक हजार युवाओं ने भाग लिया, इसमें फाइनेंस, मार्केटिंग, ऑटोमोबाइल्स, एग्रीकल्चर जैसी कंपनियां रही.