अलवर. थानागाजी नगरपालिका क्षेत्र में पानी सप्लाय किए जाने वाले टंकी में मृत अवस्था में बंदर पाए गए हैं. पानी में लंबे समय से बदबू आ रही थी जिसकी शिकायत लोगों ने जलदाय विभाग व नगर पालिका के अधिकारियों को दी. लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की. कुछ लोगों को दूषित पानी पीने से उल्टी और पेट संबंधी परेशानी होने लगी जिसका इलाज कराने लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं.
शिकायत के बाद भी जब विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई तो स्थानीय लोगों ने सुबह टंकी पर जमा होकर जमकर हंगामा किया. जब लोगों ने टंकी चेक किया तो इसमें बंदर के शव पड़े मिले. 7 शवों को सड़े-गले अवस्था में सफाई कर्मियों की मदद से निकाला गया (monkeys found dead in water tank). मामला सामने आने पर ग्रामीणों में काफी रोष है. इस पूरे मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध किया है. कुछ लोगों के दूषित पानी पीने से उल्टी व पेट संबंधी परेशानी होने लगी थी.
पूरे कस्बे में सप्लाय होता है टंकी का पानी: न्यू कॉलोनी पुराने दरवाजे के पास एवं कस्बे में इस टंकी से पानी सप्लाय होता है. लगभग 3 महीने से लोग पानी से बदबू आने की शिकायत कर रहे थे. स्थानीय लोगों ने कई बार जलदाय विभाग और अन्य जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. जलदाय विभाग की लापरवाही के चलते कई लोग दूषित पानी पीने से बीमार हो रहे थे. लोगों ने विभाग पर उनके जान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है.
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ऊपर से खुली है पानी टंकी: ग्रामीणों ने बताया कि नगरपालिका के अधीन बिजली बोर्ड के पास न्यू कॉलोनी में बनी पानी की टंकी ऊपर से खुली हुई है. पिछले 3 महीने से पानी की सप्लाई में बदबू आ रही थी. ग्रामीणों ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत कराया, इसके अलावा नगर पालिका के पार्षद और नगर पालिका के अध्यक्ष को भी जानाकरी दी गई. लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की. शनिवार को बदबूदार पानी से परेशान होकर दर्जनों ग्रामीण सुबह 6 बजे टंकी पर जमा हो गए.
जब टंकी में पानी आया तो उसके पाइप में कुछ फंसने की जानकारी मिली. टंकी पर लगी टीनशेड को हटाकर देखा तो उसमें तीन बंदर के शव पानी में तैरते हुए मिले. बाकी के चार बंदर पानी के अंदर डूबे हुए सड़ी गली अवस्था में थे. ग्रामीणों ने लाठी की सहायता से बंदरों को बाहर निकाला. सूचना पर नगर पालिका के अध्यक्ष चौथमल सैनी और पार्षद सुरेश शर्मा मौके पर पहुंचे.
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विभाग मना करने के बाद भी सप्लाय कर रहा था पानी: जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता राजीव ने बताया कि 2 साल पहले ही टंकियों की जर्जर हालत और सफाई के बजट के लिए नगर पालिका को अवगत करा दिया गया था. लेकिन बजट नहीं होने के कारण न तो टंकी का निर्माण हुआ और न ही साफ सफाई हुई. टंकी का ऊपर का हिस्सा भी खुला रहता है. इसी कारण बंदर इसके अंदर गिर गए और बाहर नहीं निकल पाए. वहीं नगर पालिका के अध्यक्ष चौथमल सैनी ने बताया कि जलदाय विभाग को पानी के टंकी के उपयोग के लिए मना कर दिया गया था, लेकिन विभाग अपनी मर्जी से पानी का सप्लाय कर रहा था.