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अलवर में मंत्री के दावों की खुली पोल, राहत कैम्प में अव्यवस्था पर लोगों ने किया हंगामा

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Published : Apr 24, 2023, 4:46 PM IST

राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार द्वारा प्रदेश में लगाए जा रहे राहत कैम्पों की पोल अलवर में पहले ही दिन खुल गई. जिस समय पर लोगों को राहत शिवरों में आने का न्योता दिया गया था. उस समय न कोई सरकारी अधिकारी पहुंचा था और न ही कर्मचारी. लोगों द्वारा हंगामा किए जाने के बाद मौके पर पहुंचे एडीएम सिटी ने बमुश्किल लोगों को शांत किया.

Minister Tikaram Julie claims exposed in Alwar
राहत कैम्प में अव्यवस्था पर लोगों ने किया हंगामा
अलवर में मंत्री के दावों की खुली पोल, राहत कैम्प में अव्यवस्था पर लोगों ने किया हंगामा

अलवर. मंत्री टीकाराम जूली ने अपने विधानसभा क्षेत्र में राहत कैम्प के उद्घाटन के दौरान बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन पहले ही दिन सभी दावों की पोल खुलती नजर आई. शहर के काला कुआं क्षेत्र में लगे कैम्प में न तो अधिकारी पहुंचे न ही कर्मचारी. इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने जमकर हंगामा किया और राज्य सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए. हंगामे की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे एडीएम सिटी ने लोगों को समझा कर शांत किया व अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए. कई घंटे बाद कर्मचारी शिविर में पहुंचे.

ये भी पढ़ेंः गहलोत सरकार के कैम्प पर बीजेपी का हमला, कहा-जनता के पैसों का दुरुपयोग है महंगाई राहत शिविर

दिए गए समय पर अधिकारी कैम्प से नदारतः लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने 24 अप्रैल से प्रदेश भर में राहत कैम्प शुरू किए हैं. सरकार का दावा था कि इन कैम्प में लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. अलवर में पहले ही दिन राहत कैम्प के दौरान प्रशासन की लापरवाही नजर आई. आम जनता व लोगों को सुबह 10 बजे कैम्प में आने का न्योता दिया गया. ऐसे में सभी जगह बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. इस दौरान कैम्प में खुद सरकारी अधिकारी और संबंधित कर्मचारी गायब नजर आए. अलवर शहर के बीचो-बीच काला कुआं कॉलोनी में लगे राहत शिविर में 11 बजे तक कोई भी कर्मचारी, अधिकारी नहीं पहुंचे. ऐसे में वहां मौजूद महिलाओं व लोगों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि गर्मी में लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन अधिकारी मौके पर नहीं है. मामले की जानकारी मिलने के बाद उच्च अधिकारियों में हड़कंप मचा एडीएम सिटी व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे उन्होंने लोगों को समझा कर शांत किया.

ये भी पढ़ेंः जवाबदेही कानून पर निराशा ! गहलोत सरकार महंगाई राहत कैम्प पर सवाल, योजनाएं अच्छी लेकिन जवाबदेही किसकी ?

110 स्थानों पर आयोजित होने हैं कैम्पः दूसरी तरफ गहलोत सरकार के मंत्री टीकाराम जूली ने अपने विधानसभा क्षेत्र में राहत शिविर का उद्घाटन करते हुए बड़े-बड़े भाषण दिए. उन्होंने कहा कि जिले में 110 स्थानों पर स्थाई महंगाई राहत कैम्प भी आयोजित होंगे. यह निरन्तर 30 जून तक संचालित होंगे. प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत 24 से 25 अप्रैल तक शिविर आयोजित होंगे. कैम्प में 10 योजनाओं में रजिस्ट्रेशन कर आमजन को लाभांवित किया जाएगा. इसमें मुख्यमंत्री गैस सिलेंडर योजना के तहत 500 रुपये में सिलेंडर, मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट प्रतिमाह निःशुल्क बिजली. मुख्यमंत्री निःशुल्क कृषि बिजली योजना के तहत कृषि उपभोक्ताओं को 2000 यूनिट प्रतिमाह निःशुल्क बिजली. मुख्यमंत्री निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वाले सभी लाभार्थियों को प्रत्येक माह निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट मिलेंगे.

चिरंजीवी बीमा योजना की राशि में भी इजाफा कियाः मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत महात्मा गांधी नरेगा में 100 कार्य दिवस पूरा करने वाले परिवारों को 25 दिन का अतिरिक्त रोजगार एवं कथौड़ी. सहरिया तथा विशेष योग्यजन को 100 अतिरिक्त दिवस का रोजगार, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत वर्ष में 125 दिन कार्य के अवसर. सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत न्यूनतम 1000 रुपए पेंशन प्रतिमाह तथा प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत की वृद्धि. मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए. मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना की राशि 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए एवं मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना के तहत 2 दुधारू गौवंशीय पशुओं के लिए प्रति पशु 40 हजार रुपये का बीमा कवर योजनाएं शामिल हैं.

अलवर में मंत्री के दावों की खुली पोल, राहत कैम्प में अव्यवस्था पर लोगों ने किया हंगामा

अलवर. मंत्री टीकाराम जूली ने अपने विधानसभा क्षेत्र में राहत कैम्प के उद्घाटन के दौरान बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन पहले ही दिन सभी दावों की पोल खुलती नजर आई. शहर के काला कुआं क्षेत्र में लगे कैम्प में न तो अधिकारी पहुंचे न ही कर्मचारी. इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने जमकर हंगामा किया और राज्य सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए. हंगामे की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे एडीएम सिटी ने लोगों को समझा कर शांत किया व अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए. कई घंटे बाद कर्मचारी शिविर में पहुंचे.

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दिए गए समय पर अधिकारी कैम्प से नदारतः लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने 24 अप्रैल से प्रदेश भर में राहत कैम्प शुरू किए हैं. सरकार का दावा था कि इन कैम्प में लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. अलवर में पहले ही दिन राहत कैम्प के दौरान प्रशासन की लापरवाही नजर आई. आम जनता व लोगों को सुबह 10 बजे कैम्प में आने का न्योता दिया गया. ऐसे में सभी जगह बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. इस दौरान कैम्प में खुद सरकारी अधिकारी और संबंधित कर्मचारी गायब नजर आए. अलवर शहर के बीचो-बीच काला कुआं कॉलोनी में लगे राहत शिविर में 11 बजे तक कोई भी कर्मचारी, अधिकारी नहीं पहुंचे. ऐसे में वहां मौजूद महिलाओं व लोगों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि गर्मी में लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन अधिकारी मौके पर नहीं है. मामले की जानकारी मिलने के बाद उच्च अधिकारियों में हड़कंप मचा एडीएम सिटी व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे उन्होंने लोगों को समझा कर शांत किया.

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110 स्थानों पर आयोजित होने हैं कैम्पः दूसरी तरफ गहलोत सरकार के मंत्री टीकाराम जूली ने अपने विधानसभा क्षेत्र में राहत शिविर का उद्घाटन करते हुए बड़े-बड़े भाषण दिए. उन्होंने कहा कि जिले में 110 स्थानों पर स्थाई महंगाई राहत कैम्प भी आयोजित होंगे. यह निरन्तर 30 जून तक संचालित होंगे. प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत 24 से 25 अप्रैल तक शिविर आयोजित होंगे. कैम्प में 10 योजनाओं में रजिस्ट्रेशन कर आमजन को लाभांवित किया जाएगा. इसमें मुख्यमंत्री गैस सिलेंडर योजना के तहत 500 रुपये में सिलेंडर, मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट प्रतिमाह निःशुल्क बिजली. मुख्यमंत्री निःशुल्क कृषि बिजली योजना के तहत कृषि उपभोक्ताओं को 2000 यूनिट प्रतिमाह निःशुल्क बिजली. मुख्यमंत्री निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के दायरे में आने वाले सभी लाभार्थियों को प्रत्येक माह निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट मिलेंगे.

चिरंजीवी बीमा योजना की राशि में भी इजाफा कियाः मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत महात्मा गांधी नरेगा में 100 कार्य दिवस पूरा करने वाले परिवारों को 25 दिन का अतिरिक्त रोजगार एवं कथौड़ी. सहरिया तथा विशेष योग्यजन को 100 अतिरिक्त दिवस का रोजगार, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत वर्ष में 125 दिन कार्य के अवसर. सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत न्यूनतम 1000 रुपए पेंशन प्रतिमाह तथा प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत की वृद्धि. मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपए. मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना की राशि 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए एवं मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना के तहत 2 दुधारू गौवंशीय पशुओं के लिए प्रति पशु 40 हजार रुपये का बीमा कवर योजनाएं शामिल हैं.

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