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4 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म के आरोपी को मृत्यु पर्यन्त आजीवन कारावास की सजा

पॉस्को विशेष न्यायालय के न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने आरोपी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. पर न्यायाधीश ने आईपीसी की धारा 376 और पॉस्को की धारा 5/ 6 में आरोपी मनीष को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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Published : Jul 9, 2019, 9:27 PM IST

आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

अलवर. जिले की पॉस्को विशेष न्यायालय नंबर 3 ने एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी को दोषी मानते हुए मंगलवार को सजा सुनाई. न्यायालय के न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अलवर में लगातार बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं पर ऐसी सजा से प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.

आरोपी को मृत्यु पर्यन्त आजीवन कारावास की सजा

गौरतलब है, 17 जुलाई 2017 को थाना क्षेत्र में मनीष नाम का 21 वर्षीय युवक एक 4 वर्ष की बच्ची को अपने साथ उठाकर ले गया था. उसने बच्ची के साथ जंगल में दुष्कर्म किया और लहूलुहान हालत में छोड़कर फरार हो गया. कुछ देर बाद वहां से गुजर रही एक महिला की बच्ची पर नजर पड़ी. इस पर उसने तुरंत मामले की सूचना पुलिस को दी. साथ ही परिजनों से संपर्क करते हुए बच्ची को परिजनों के हवाले किया.

उसके बाद बच्ची के परिजनों ने मामले की लिखित शिकायत पहला थाना पुलिस को दी. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई. इस पर पुलिस ने मनीष नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया. उसके बाद 10 दिनों में पुलिस ने तुरंत तत्परता दिखाते हुए 27 जुलाई 2017 को इस मामले में अपनी फाइनल रिपोर्ट न्यायालय में पेश की. उसके बाद से लगातार यह मामला न्यायालय में ट्रायल पर चल रहा था. सरकारी वकील की तरफ से इस मामले में कुल 18 गवाह पेश किए गए.

सरकारी वकील योगेंद्र खटाना ने बताया कि पॉस्को विशेष न्यायालय के न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने आरोपी को इस मामले में दोषी माना है. इस पर न्यायाधीश ने आईपीसी की धारा 376 और पॉस्को की धारा 5/ 6 में आरोपी मनीष को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. उन्होंने कहा कि अलवर में पॉस्को न्यायालय की तरफ से लगातार आरोपियों के खिलाफ कठोर सजा सुनाई जा रही है. इन सजाओं से समाज पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, तो वहीं इस तरह की सजाओं से घटनाओं पर लगाम लगने की उम्मीद है.

अलवर. जिले की पॉस्को विशेष न्यायालय नंबर 3 ने एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी को दोषी मानते हुए मंगलवार को सजा सुनाई. न्यायालय के न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अलवर में लगातार बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं पर ऐसी सजा से प्रभाव पड़ने की उम्मीद है.

आरोपी को मृत्यु पर्यन्त आजीवन कारावास की सजा

गौरतलब है, 17 जुलाई 2017 को थाना क्षेत्र में मनीष नाम का 21 वर्षीय युवक एक 4 वर्ष की बच्ची को अपने साथ उठाकर ले गया था. उसने बच्ची के साथ जंगल में दुष्कर्म किया और लहूलुहान हालत में छोड़कर फरार हो गया. कुछ देर बाद वहां से गुजर रही एक महिला की बच्ची पर नजर पड़ी. इस पर उसने तुरंत मामले की सूचना पुलिस को दी. साथ ही परिजनों से संपर्क करते हुए बच्ची को परिजनों के हवाले किया.

उसके बाद बच्ची के परिजनों ने मामले की लिखित शिकायत पहला थाना पुलिस को दी. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई. इस पर पुलिस ने मनीष नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया. उसके बाद 10 दिनों में पुलिस ने तुरंत तत्परता दिखाते हुए 27 जुलाई 2017 को इस मामले में अपनी फाइनल रिपोर्ट न्यायालय में पेश की. उसके बाद से लगातार यह मामला न्यायालय में ट्रायल पर चल रहा था. सरकारी वकील की तरफ से इस मामले में कुल 18 गवाह पेश किए गए.

सरकारी वकील योगेंद्र खटाना ने बताया कि पॉस्को विशेष न्यायालय के न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने आरोपी को इस मामले में दोषी माना है. इस पर न्यायाधीश ने आईपीसी की धारा 376 और पॉस्को की धारा 5/ 6 में आरोपी मनीष को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. उन्होंने कहा कि अलवर में पॉस्को न्यायालय की तरफ से लगातार आरोपियों के खिलाफ कठोर सजा सुनाई जा रही है. इन सजाओं से समाज पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, तो वहीं इस तरह की सजाओं से घटनाओं पर लगाम लगने की उम्मीद है.

Intro:अलवर।
अलवर की पॉस्को विशेष न्यायालय नंबर 3 ने एक बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी को दोषी मानते हुए मंगलवार को सजा सुनाई। न्यायालय के न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने आरोपी को मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अलवर में लगातार बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं पर इन सजाओ का प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।


Body:17 जुलाई 2017 को थाना क्षेत्र में मनीष नाम का 21 वर्षीय युवक एक 4 वर्ष की बच्ची को अपने साथ उठाकर ले गया। उसने बच्ची के साथ जंगल में दुष्कर्म किया। उसको लहूलुहान हालत में छोड़कर फरार हो गया। कुछ देर बाद वहां से गुजर रही एक महिला की बच्ची पर नजर पड़ी। इस पर उसने तुरंत मामले की सूचना पुलिस को दी। उसके परिजनों से संपर्क करते हुए बच्ची को परिजनों के हवाले किया।

उसके बाद बच्ची के परिजनों ने मामले की लिखित शिकायत पहला थाना पुलिस को दी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई। इस पर पुलिस ने मनीष नाम के आरोपी को गिरफ्तार किया। उसके बाद 10 दिनों में पुलिस ने तुरंत तत्परता दिखाते हुए 27 जुलाई 2017 को इस मामले में अपनी फाइनल रिपोर्ट न्यायालय में पेश की। उसके बाद से लगातार यह मामला न्यायालय में ट्रायल पर चल रहा था। सरकारी वकील की तरफ से इस मामले में कुल 18 गवाह पेश किए गए।


Conclusion:सरकारी वकील योगेंद्र खटाना ने बताया कि पॉस्को विशेष न्यायालय के न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने आरोपी को इस मामले में दोषी माना है। इस पर न्यायाधीश ने आईपीसी की धारा 376 व पोस्को की धारा 5/ 6 में आरोपी मनीष को शेष बची प्राकृतिक जीवन में मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। योगेंद्र खटाना ने कहा कि अलवर में पोस्को न्यायालय की तरफ से लगातार आरोपियों के खिलाफ कठोर सजा सुनाई जा रही है। इन सजाओ से समाज पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। तो वही इस तरह की सजाओं से घटनाओं पर लगाम लगने की उम्मीद है।


बाइट- योगेंद्र खटाणा, सरकारी वकील
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