रामगढ़ (अलवर). रामगढ़ में जैन समाज के लोगों द्वारा केश लोचन समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया गया. केश लोचन समारोह के पश्चात विधि-विधान का शांति पाठ साथ किया गया. जिसके बाद सामूहिक अल्पाहार का आयोजन किया गया. वहीं संध्या आरती की भी आयोजन किया गयी. धर्म के अनुसार केश लोचन प्रक्रिया जैन मुनियों के शरीर के महत्व के वैराग्य उत्पत्ति के निमित्त है.
शरीर से मोह को दूर करने के लिए जैन मुनि की दीक्षा लेते समय केश लोचन की प्रक्रिया अमल में लाई जाती है. बता दें कि केश लोचन प्रक्रिया के पश्चात मुनियों को जैन मुनि की उपाधि दी जाती है. जैन मुनि संसार की मोहमाया से दूर होने का उपदेश देते हुए आत्मस्वरूप में रम जाते हैं. इसके लिए सांसारिक मोह माया का कोई लोभ नही होता है, बल्कि केवल आत्मा ही जीवन का सार माना जाता है.
क्या है केश लोचन-
ये जैन धर्म की एक आम प्रथा है जहां दीक्षा मिलने के बाद साधू और साध्वी साल में एक या दो बार अपने बालों को अपने हाथों से तोड़ते है. इस प्रथा के माध्यम से जैन साधु दुनिया से जुड़े सुखों का परित्याग करते हैं. केश लोचन समारोह में जैन मुनि आचार्य कंचन सागर जी महाराज ने केश लोचन किया. इस अवसर पर जैन समाज के अध्यक्ष कौशल किशोर जैन, महामंत्री मनोज जैन, कोषाध्यक्ष सचिन जैन, पूर्व अध्यक्ष रामजी लाल जैन, महावीर प्रसाद जैन, अनिल जैन, राकेश जैन, सतीश जैन, धर्म चंद जैन सहित जैन समुदाय के लोग उपस्थित रहे.