अलवर. भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल में हेड कांस्टेबल धर्मपाल यादव की हृदय गति रुक जाने से मौत हो गई. मामले की जानकारी मिलते ही सेना के अधिकारी जवान धर्मपाल को लेकर अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में पहुंचे और मामले की सूचना जवान के परिजनों को दी गई. राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया.
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर सलामी देते हुए शहीद को श्रद्धांजलि दी. यह नजारा देख कर परिवार के लोगों की आंखों नम हो गई. उसके बाद धर्मपाल यादव के शव को उसके पैतृक गांव ककराला महेंद्रगढ़ पहुंचाया गया. जहां पर उसका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया (ITBP last rite in Alwar) गया. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी, नेता व पुलिस अधिकारी मौजूद रहे.
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धर्मपाल यादव के भाई सतवीर ने बताया कि धर्मपाल हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात था. धर्मपाल के 3 महीने पहले अटैक आया था, तब उसका इलाज दिल्ली अस्पताल में कई महीनों तक चला. इसके बाद वह पूरी तरह से स्वस्थ्य था. वह कुछ समय पहले छुट्टियों पर घर आया था. घटना के बाद से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. उसके बाद रविवार सुबह दोबारा से अटैक आने के कारण उनकी मौत हो गई. धर्मपाल के साथ के सैनिकों ने अटैक की जानकारी अपने उच्च अधिकारियों को दी.
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आईटीबीपी कैंप के डॉक्टर ने धर्मपाल का इलाज किया गया. हालत गंभीर होने पर सामान्य अस्पताल के लिए रेफर किया गया. धर्मपाल यादव के एक लड़का और एक लड़की है. लड़की की शादी हो चुकी है. जबकि लड़का अविवाहित है. लड़का पढ़ाई कर रहा है. धर्मपाल यादव की श्रीनगर से 2020 में रामगढ़ के बेराबास गांव में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल में हेड कांस्टेबल के पद पर पोस्टिंग हुई थी. अंतिम यात्रा में आईटीबीपी के अधिकारी, जवान व सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.