अलवर. तौकते के चलते अलवर में लगातार 24 घंटे से रुक-रुक कर बारिश हो रही है. बारिश के चलते अलवर के सभी नालों और नदियों में भर गया. शहर के सभी चौराहे और सड़क मार्ग पानी से लबालब नजर आए. इस दौरान नगर परिषद की सफाई व्यवस्था की पोल खुलती दिखाई दी. नगर परिषद के तमाम दावों के बाद भी बारिश के चलते सड़क पर कचरा बह रहा है. सभी नाले ओवरफ्लो हो गए.
मंगलवार से हो रही रिमझिम बारिश बुधवार सुबह 9 बजे तेज हो गई. कुछ ही देर बाद शहर में पानी भर गया. बाला किला के नीचे किशनकुंड में झरने से पानी आने लगा. आसपास के लोग झरने को देखने पहुंच गए. इसके अलावा कई जगहों पर पहाड़ों से झरना गिरता हुआ भी दिखाई दिया. नटनी का बारा से रूपारेल नदी में तेज बाहर से पानी चलता हुआ दिखाई दिया. सिलीसेढ़, जयसमंद और मंगलसर बांध सहित सभी बांधों में पानी नजर आए.
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बारिश के पानी से शहर की सड़कें लबालब नजर आई. नालों का पूरा पानी सड़कों पर आ गया. पूरे शहर के मुख्य चौराहे व सड़कें पानी से डूब गई. वाहनों को निकलने की जगह नहीं मिली. कई जगहों पर तो सड़कों पर तीन फीट तक पानी भर गया. अलवर शहर में जग्गनाथजी मंदिर के पास पुराने स्कूल का भवन जर्जर हालत में है. जिसकी ऊंची दीवारें मुख्य रास्ते पर हैं. लगातार हो रही बारिश से भवन के गिरने का डर बना हुआ है. ऐसे में कोई भी हादसा हो सकता है. इसको देखते हुए नगर परिषद की टीम ने मुख्य रास्ते पर बैरिकेडिंग की. आमजन की शिकायत के बाद परिषद की टीम ने मौके पर पहुंचकर यह कार्यवाही की.
इसके अलावा शहर में लगातार रिमझिम बारिश जारी है. बीच-बीच में तेज बारिश होने से अचानक पुराने जल स्रोतों में पानी आने लगा है. किशनकुंड के बाद लाल डिग्गी में भी पानी पहुंचा. सालों बाद मई माह में इतनी बारिश हुई है. इस बारिश से सबको फायदा है. जल स्रोतों में पानी आवक होगी. तो भू जल स्तर बढ़ने की पूरी संभावना है. साथ ही किसान को भी बारिश से राहत मिलेगी.