अलवर. राजस्थान में अलवर शहर की आबादी करीब 5 लाख है. अलवर एनसीआर का हिस्सा है. दिल्ली में जयपुर के मध्य में स्थित अलवर पर्यटन नगरी व देवभूमि के नाम से अपनी खास पहचान रखता है. अलवर में छोटे-बड़े 20 से ज्यादा पर्यटन स्थल हैं. यहां सालभर विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं तो अलवर को प्रदेश की औद्योगिक राजधानी भी कहा जाता है. यहां 25000 से ज्यादा छोटी बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनमें 5 लाख लोग नौकरी करते हैं.
ऐसे में रोजगार की तलाश में हजारों लोग अलवर आते हैं व रोजगार करते हैं. अलवर जिले में तेजी से बढ़ते ट्रैफिक के दबाव के दौरान वाहन चालकों द्वारा नो पार्किंग में वाहन खड़ा कर देते हैं, इससे ट्रैफिक संचालन में परेशानी होती है. वाहन चालक सड़क के किनारे पर वाहन खड़ा कर देते हैं तो वहीं बाजारों में भी वाहन खड़ा करने के कारण जाम के हालात रहते हैं. इस दौरान वाहनों को हटाने के लिए पुलिस के पास कोई व्यवस्था नहीं थी. निजी क्रेन से काम चलाना पड़ रहा था. यह मुद्दा ट्रैफिक प्रबंधन की मीटिंग में उठा तो कलेक्टर व मंत्री के आदेश पर अलवर यूआईटी की तरफ से अलवर पुलिस को टोइंग क्रेन दी गई है. पहले बड़ी क्रेन दी गई थी, उससे शहर के बाजारों में वाहनों को हटाने में परेशानी हो रही थी. ऐसे में अब यूआईटी की तरफ से छोटी वाहनों को टोइंग क्रेन दी गई है.
पढे़ं : वाहन पार्किंग को लेकर हुआ विवाद, होटल में घुसकर गेस्ट से मारपीट, घटना CCTV कैमरे में कैद
पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि जल्द ही मशीन काम करने लगेगी. इसके लिए अलग से स्टाफ लगाया जाएगा तो वहीं पूरी व्यवस्था बनाई गई है. अभी तक नो पार्किंग में खड़े होने वाले वाहनों में लॉक लगाया जाता है. जब तक वाहन चालक मौके पर नहीं आता पुलिसकर्मी को वहीं खड़ा रहना पड़ता है।. इस दौरान खासी परेशानी होती है, साथ ही समय की बर्बादी होती है. लेकिन अब नो पार्किंग से वाहन को टो करके उसे निर्धारित स्थान पर पहुंचाया जाएगा. वाहन चालक वहां पहुंच कर अपने वाहन का चालान जमा करेगा. उसके बाद नियमानुसार उसको वाहन दिया जाएगा. एसपी ने कहा कि इससे शहर में यातायात व्यवस्था बेहतर होगी, क्योंकि अभी तक लोग अपनी मनमर्जी से गाड़ियां बाहर खड़ा कर देते हैं. ऐसे में खासी परेशानी होती है. मुख्य बाजारों में जाम के हालात रहते हैं.
नए नो पार्किंग जोन हुए निर्धारित : एसपी ने कहा कि अलवर शहर में पुराने 10 से ज्यादा नो पार्किंग जोन हैं. हाल ही में जिला कलेक्टर के निर्देश पर नो पार्किंग जोन निर्धारित किए गए. इस सर्वे के बाद 20 नए नो पार्किंग पॉइंट निर्धारित किए गए हैं. अभी तक पुलिस की तरफ से हर तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही, लेकिन अब आने वाले समय में नो पार्किंग एरिया में वाहन खड़ा करना लोगों को भारी पड़ सकता है.