अलवर. अलवर गैंगरेप मामले में एडीजी ने पुलिस लापरवाही मानी है. उन्होंने कहा है कि मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है. लापरवाही की पुष्टि होने पर कार्रवाई की जाएगी.
थानागाजी में दलित युवती से पति के सामने हुए गैंगरेप के मामले में सभी पांचों आरोपी व वीडियो वायरल करने वाले युवक को अलवर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. सबसे अंत में गिरफ्तार मुख्य आरोपी छोटेलाल बड़ा ही शातिर अपराधी है. इसके खिलाफ पहले भी दो मामले विभिन्न धाराओं में दर्ज हैं. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में आईजी व एडीजी गोविंद गुप्ता ने बताया कि मामला कोई भी हो पुलिस को सबसे पहले एफ आई आर दर्ज करनी चाहिए.
जयपुर रेंज के आईजी एस सेंगाथिर ने कहा है कि अलवर में क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. थानागाजी मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि एफआईआर में केवल एक आरोपी का नाम था. बाकी आरोपियों की पहचान करने में खासी दिक्कत आई. इसलिए इनको गिरफ्तार करने में समय लगा. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार 6 आरोपियों में से केवल हंसराज की शादी नहीं हुई है. जबकि अन्य सभी लोग शादीशुदा हैं. इन सभी से गहन पूछताछ की जा रही है. सभी आरोपियों का लाइट डिटेक्टिव टेस्ट कराया जाएगा. उसके बाद इनके खिलाफ चार्जशीट पेश करने की कार्रवाई तेजी से की जाएगी.
वहीं एडीजी गोविंद गुप्ता ने स्वीकार किया है कि इस मामले में पुलिस की लापरवाही रही है. जिसके चलते अलवर एसपी डॉ राजीव पचार को हटाया गया और थानागाजी इंचार्ज को निलंबित किया गया. वहीं एक एएसआई सहित तीन लोगों को लाइन हाजिर किया गया था. एडीजी ने बताया कि थानागाजी गैंगरेप मामले में विभागीय जांच भी जारी है. जिसकी गलती मिलेगी उसके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे.