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फसलों पर संकटः रामगढ़ में ओलावृष्टि के साथ जोरदार बारिश

अलवर के रामगढ़ में रविवार को जमकर बारिश हुई. देखते ही देखते बरसात ओलों की बौछार में तब्दील हो गई. जिससे किसानों की सरसों, गेहूं, चना, प्याज और सब्जी की फसलें खराब हो गईं.

अलवर में ओलावृष्टि, Alwar rains heavily
अलवर में ओलावृष्टि
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Published : Jan 3, 2021, 12:36 PM IST

रामगढ़ (अलवर). क्षेत्र के दर्जनों गांवों में रविवार सुबह एकाएक मौसम का मिजाज बदल गया. जहां क्षेत्र में बरसात के साथ ओलावृष्टि हुई. इस ओलावृष्टि से 90 प्रतिशत फसलों को नुकसान पहुंचा है.

अलवर में ओलावृष्टि

जानकारी के अनुसार जिले के लक्ष्मणगढ़ उपखंड में शहदका, गुर्जर खोहरा, रोनिजा पहाड़, रोनिज जाट, बड़ा बास सहित गांवों में रविवार अलसुबह लगभग 5 बजे बरसात के साथ जमकर ओलावृष्टि हुई. जिससे किसानों की सरसों, गेहूं, चना, प्याज और सब्जी की फसलें खराब हो गईं.

किसानों ने बताया कि ओलावृष्टि से उनकी फसलों में 90 प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है. ओलावृष्टि का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुबह 5 बजे गिरे ओले 7 बजे तक भी नहीं गले. ओलावृष्टि ने अनेकों किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया. वहीं किसानों ने सरकार से फसल खराबे का सर्वे करवाकर मुआवजा दिलवाने की मांग की है.

पढ़ेंः नागौर : नहीं थम रहा पक्षियों की मौत का सिलसिला...5 मोर और 3 फाख्ता फिर मृत मिले

जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने जिले के सभी उपखंडों के ओलावृष्टि क्षेत्रों में सभी एसडीएम और तहसीलदार को ओलावृष्टि से प्रभावित गांवों में पहुंचकर नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही गिरदावरी तैयार करने के आदेश भी दिया है. किसानों का कहना है कि उन्हें इस बार गेहूं की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद थी, लेकिन ओलावृष्टि ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.

हालात ऐसे हो गए हैं कि फसल की लागत निकालना भी मुश्किल दिखाई पड़ रहा है. वहीं एसडीएम ने उपखंड क्षेत्र में ओलों से प्रभावित गांवों की गिरदावरी कराने के तहसीलदार को निर्देश दिए हैं.

सवाईमाधोपुर में ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी फसल को लेकर किसान चिंतित

सवाई माधोपुर के कई इलाकों में जहां बारिश होने से किसान खुश नजर आ रहे है, वहीं दूसरी ओर कुछ किसानों की उम्मीदों के साथ ही खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई है. जिले के खंडार और बोंली क्षेत्र के एक दर्जन से भी अधिक गांवो में रात को ओलावृष्टि होने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया.

अलवर में ओलावृष्टि, Alwar rains heavily
सवाईमाधोपुर में ओलावृष्टि से किसान परेशान

खंडार क्षेत्र के लहसोड़ा, चितारा, बालेर, सेंवती, धीरोली सहित कई गांवों में बेर के आकार के ओले गिरने से सरसों, चना, गेहूं की फसल बर्बाद हो गई. ओलावृष्टि का सर्वाधिक नुकसान टमाटर की खेती को हुआ है. खंडार क्षेत्र के गांवों में रात को हुई ओलावृष्टि से मानो जैसे सड़को और खेतों में बर्फ की चादर बिछ गई हो. जानकारी के अनुसार खंडार क्षेत्र में 10 से 15 मिनट तक जमकर ओलावृष्टि हुई है. जिसके चलते फसलों में 80 से 90 फीसदी नुकसान हुआ है.

पढ़ेंः अजमेर में 9 कौओं की मौत, अब मुर्गियों पर मंडरा रहा खतरा

सर्दी के सितम ने शहर सहित आसपास के क्षेत्र में छुड़ाई धुजणी

जैसलमेर के पोकरण सहित आसपास के क्षेत्र में सर्दी ने अब अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. शीतकालीन मौसम के बढ़ते प्रभाव से लोगों की परेशानी ना सिर्फ बढ़ने लगी है, बल्कि दिन के 9 बजे तक लोग अपने-अपने घरों में दुबके नजर आते हैं. सर्दी के सितम का असर गांव से लेकर शहर तक देखा जा रहा है. सर्द हवाओं से तापमान में भारी गिरावट आई है. जिससे ठंड से ठिठुरन बढ़ गई.

अलवर में ओलावृष्टि, Alwar rains heavily
भीलवाड़ा में बढ़ी ठंड

भीलवाड़ा में बढ़ी ठंड

भीलवाड़ा में रविवार को मौसम में अचानक बदलाव देखने को मिला. जहां जिले के बिजोलिया क्षेत्र में लगभग 15 मिनट तक मूसलाधार तो कभी रिमझिम बारिश हुई. जिससे रबी की फसल के रूप में किसानों द्वारा बोई गई गेहूं, चना और सरसों की फसल को जीवनदान मिला है. वहीं बारिश की वजह से क्षेत्र में ठिठुरन भी बढ़ी है.

रामगढ़ (अलवर). क्षेत्र के दर्जनों गांवों में रविवार सुबह एकाएक मौसम का मिजाज बदल गया. जहां क्षेत्र में बरसात के साथ ओलावृष्टि हुई. इस ओलावृष्टि से 90 प्रतिशत फसलों को नुकसान पहुंचा है.

अलवर में ओलावृष्टि

जानकारी के अनुसार जिले के लक्ष्मणगढ़ उपखंड में शहदका, गुर्जर खोहरा, रोनिजा पहाड़, रोनिज जाट, बड़ा बास सहित गांवों में रविवार अलसुबह लगभग 5 बजे बरसात के साथ जमकर ओलावृष्टि हुई. जिससे किसानों की सरसों, गेहूं, चना, प्याज और सब्जी की फसलें खराब हो गईं.

किसानों ने बताया कि ओलावृष्टि से उनकी फसलों में 90 प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है. ओलावृष्टि का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सुबह 5 बजे गिरे ओले 7 बजे तक भी नहीं गले. ओलावृष्टि ने अनेकों किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया. वहीं किसानों ने सरकार से फसल खराबे का सर्वे करवाकर मुआवजा दिलवाने की मांग की है.

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जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने जिले के सभी उपखंडों के ओलावृष्टि क्षेत्रों में सभी एसडीएम और तहसीलदार को ओलावृष्टि से प्रभावित गांवों में पहुंचकर नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही गिरदावरी तैयार करने के आदेश भी दिया है. किसानों का कहना है कि उन्हें इस बार गेहूं की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद थी, लेकिन ओलावृष्टि ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.

हालात ऐसे हो गए हैं कि फसल की लागत निकालना भी मुश्किल दिखाई पड़ रहा है. वहीं एसडीएम ने उपखंड क्षेत्र में ओलों से प्रभावित गांवों की गिरदावरी कराने के तहसीलदार को निर्देश दिए हैं.

सवाईमाधोपुर में ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी फसल को लेकर किसान चिंतित

सवाई माधोपुर के कई इलाकों में जहां बारिश होने से किसान खुश नजर आ रहे है, वहीं दूसरी ओर कुछ किसानों की उम्मीदों के साथ ही खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई है. जिले के खंडार और बोंली क्षेत्र के एक दर्जन से भी अधिक गांवो में रात को ओलावृष्टि होने से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया.

अलवर में ओलावृष्टि, Alwar rains heavily
सवाईमाधोपुर में ओलावृष्टि से किसान परेशान

खंडार क्षेत्र के लहसोड़ा, चितारा, बालेर, सेंवती, धीरोली सहित कई गांवों में बेर के आकार के ओले गिरने से सरसों, चना, गेहूं की फसल बर्बाद हो गई. ओलावृष्टि का सर्वाधिक नुकसान टमाटर की खेती को हुआ है. खंडार क्षेत्र के गांवों में रात को हुई ओलावृष्टि से मानो जैसे सड़को और खेतों में बर्फ की चादर बिछ गई हो. जानकारी के अनुसार खंडार क्षेत्र में 10 से 15 मिनट तक जमकर ओलावृष्टि हुई है. जिसके चलते फसलों में 80 से 90 फीसदी नुकसान हुआ है.

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जैसलमेर के पोकरण सहित आसपास के क्षेत्र में सर्दी ने अब अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. शीतकालीन मौसम के बढ़ते प्रभाव से लोगों की परेशानी ना सिर्फ बढ़ने लगी है, बल्कि दिन के 9 बजे तक लोग अपने-अपने घरों में दुबके नजर आते हैं. सर्दी के सितम का असर गांव से लेकर शहर तक देखा जा रहा है. सर्द हवाओं से तापमान में भारी गिरावट आई है. जिससे ठंड से ठिठुरन बढ़ गई.

अलवर में ओलावृष्टि, Alwar rains heavily
भीलवाड़ा में बढ़ी ठंड

भीलवाड़ा में बढ़ी ठंड

भीलवाड़ा में रविवार को मौसम में अचानक बदलाव देखने को मिला. जहां जिले के बिजोलिया क्षेत्र में लगभग 15 मिनट तक मूसलाधार तो कभी रिमझिम बारिश हुई. जिससे रबी की फसल के रूप में किसानों द्वारा बोई गई गेहूं, चना और सरसों की फसल को जीवनदान मिला है. वहीं बारिश की वजह से क्षेत्र में ठिठुरन भी बढ़ी है.

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