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Pollution Uncontrolled In Rajasthan: एनसीआर में ग्रेप की चौथे चरण की पाबंदी लागू, निर्माण कार्यों पर लगी रोक

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Published : Nov 4, 2022, 10:33 AM IST

Updated : Nov 4, 2022, 12:48 PM IST

अलवर सहित एनसीआर में प्रदुषण का स्तर इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि ग्रेप की चौथे चरण की पाबंदी लागू कर दी गई (GRAP fourth stage ban in NCR) है. इसके तहत सड़क निर्माण, फ्लाईओवर, ​ब्रिज, पावर ट्रांस​मिशन से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि इससे श्रमिकों के रोजगार प्रभावित होने लगे हैं. लोग बेरोजगार हो गए हैं.

GRAP fourth stage ban in NCR including Alwar, These activities banned
प्रदूषण हुआ कंट्रोल से बाहर: एनसीआर में ग्रेप की चौथे चरण की पाबंदी लागू, निर्माण कार्यों पर लगी रोक

अलवर. एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) की चौथे चरण की पाबंदी लागू हो गई (GRAP fourth stage ban in NCR) है. प्रदूषण कंट्रोल से बाहर हो चुका है. भिवाड़ी प्रदेश में सबसे प्रदूषित शहर हो गया है. शुक्रवार सुबह भिवाड़ी में प्रदूषण का स्तर 375 यूजी दर्ज हुआ. जबकि अलवर में प्रदूषण का एक्यूआई 250 और जयपुर में 277 यूजी के आसपास दर्ज किया गया. बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए प्रदूषण फैलाने वाली सभी गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.

अलवर सहित एनसीआर में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है. दिन भर धुंध छाई रहती है.एनसीआर के सभी शहर गैस के चेंबर बन चुके हैं. बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए ग्रेप की चौथे स्तर की पाबंदी लागू की गई है. चौथे चरण की पाबंदी के तहत सार्वजनिक परियोजना जैसे राजमार्ग, फ्लाईओवर, ब्रिज, पावर ट्रांसमिशन से संबंधित निर्माण गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. पहले से प्रतिबंधित औद्योगिक इकाइयां, खान, क्रेशर, ईंट भट्टे, सड़कों की सफाई, होटल, ढाबों के तंदूर, जरनेटर सहित अन्य गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक रहेगी. साथ ही सभी बड़ी औद्योगिक इकाइयों को निर्देश दिए गए हैं कि वो कर्मचारियों को अपने वाहनों से लेकर आए.

एनसीआर में ग्रेप की चौथे चरण की पाबंदी लागू

पढ़ें: दिल्ली : प्रदुषण और ठंड का कहर बरकरार, टूटा 100 साल का रिकार्ड

ग्रेप की पाबंदियां दिल्ली के प्रदूषण के स्तर के आधार पर निर्धारित होती हैं. दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 500 यूजी के आसपास पहुंच गया है. इसलिए प्रदुष्ण फैलाने वाली गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है. भिवाड़ी में सीएनजी पहुंच चुकी है. वहां अधिकांश कंपनियां पीएनजी या अन्य स्वीकृत इंधन से संचालित हो रही हैं. इसलिए भिवाड़ी को छोड़कर जिले की अन्य औद्योगिक इकाइयां प्रभावित हो रही हैं.

पढ़ें: क्या राजस्थान का भिवाड़ी दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है ?

ग्रेप की पाबंदियों के चलते अलवर में हजारों लोगों का कामकाज प्रभावित हो रहा है. लोग बेरोजगार हो गए हैं. तो वहीं अलवर की अर्थव्यवस्था भी इससे खासी प्रभावित होगी. क्योंकि अलवर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी है. जिले में छोटी बड़ी 20000 से ज्यादा औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें लाखों श्रमिक काम करते हैं. औद्योगिक इकाइयों में कामकाज प्रभावित होने से लोगों के रोजगार पर प्रभाव पड़ रहा है.

अलवर. एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) की चौथे चरण की पाबंदी लागू हो गई (GRAP fourth stage ban in NCR) है. प्रदूषण कंट्रोल से बाहर हो चुका है. भिवाड़ी प्रदेश में सबसे प्रदूषित शहर हो गया है. शुक्रवार सुबह भिवाड़ी में प्रदूषण का स्तर 375 यूजी दर्ज हुआ. जबकि अलवर में प्रदूषण का एक्यूआई 250 और जयपुर में 277 यूजी के आसपास दर्ज किया गया. बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए प्रदूषण फैलाने वाली सभी गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.

अलवर सहित एनसीआर में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है. दिन भर धुंध छाई रहती है.एनसीआर के सभी शहर गैस के चेंबर बन चुके हैं. बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए ग्रेप की चौथे स्तर की पाबंदी लागू की गई है. चौथे चरण की पाबंदी के तहत सार्वजनिक परियोजना जैसे राजमार्ग, फ्लाईओवर, ब्रिज, पावर ट्रांसमिशन से संबंधित निर्माण गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा. पहले से प्रतिबंधित औद्योगिक इकाइयां, खान, क्रेशर, ईंट भट्टे, सड़कों की सफाई, होटल, ढाबों के तंदूर, जरनेटर सहित अन्य गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक रहेगी. साथ ही सभी बड़ी औद्योगिक इकाइयों को निर्देश दिए गए हैं कि वो कर्मचारियों को अपने वाहनों से लेकर आए.

एनसीआर में ग्रेप की चौथे चरण की पाबंदी लागू

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ग्रेप की पाबंदियां दिल्ली के प्रदूषण के स्तर के आधार पर निर्धारित होती हैं. दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 500 यूजी के आसपास पहुंच गया है. इसलिए प्रदुष्ण फैलाने वाली गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई है. भिवाड़ी में सीएनजी पहुंच चुकी है. वहां अधिकांश कंपनियां पीएनजी या अन्य स्वीकृत इंधन से संचालित हो रही हैं. इसलिए भिवाड़ी को छोड़कर जिले की अन्य औद्योगिक इकाइयां प्रभावित हो रही हैं.

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ग्रेप की पाबंदियों के चलते अलवर में हजारों लोगों का कामकाज प्रभावित हो रहा है. लोग बेरोजगार हो गए हैं. तो वहीं अलवर की अर्थव्यवस्था भी इससे खासी प्रभावित होगी. क्योंकि अलवर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी है. जिले में छोटी बड़ी 20000 से ज्यादा औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें लाखों श्रमिक काम करते हैं. औद्योगिक इकाइयों में कामकाज प्रभावित होने से लोगों के रोजगार पर प्रभाव पड़ रहा है.

Last Updated : Nov 4, 2022, 12:48 PM IST
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