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अलवर जेल में भी मनाई गई गांधी जयंती, अच्छे आचरण पर दो बंदियों को किया रिहा - अलवर कारागार से दो कैदी रिहा

अलवर केंद्रीय कारागार में भी गांधी जयंती मनाई गई. इस मौके पर अच्छे आचरण रखने वाले दो बंदियों को रिहा भी कर दिया गया. इसके साथ ही इतिहासकारों ने जेल में बंदियों को गांधीजी के बारे में विस्तार से जानकारी दी और गांधीजी के आदर्शाों पर चलने की बात कही.

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Published : Oct 3, 2019, 8:18 AM IST

अलवर. महात्मा गांधी जयंती के मौके पर अलवर में दर्जनों कार्यक्रम आयोजित हुए. इस दौरान अलवर के केंद्रीय कारागार में भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें जेल प्रशासन के अलावा जिला प्रशासन और न्यायपालिका के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान जेल के बंदियों को गांधी जी के जीवन और उनके आदर्शों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. कार्यक्रम के दौरान जेल में अच्छा व्यवहार करने वाले दो बंदियों को रिहा भी किया गया.

केंद्रीय कारागार में मनाई गई गांधी जयंती,

बता दें कि केंद्रीय कारागार में 800 से अधिक बंदी कैदी है. इसमें कई गंभीर अपराधी और गैंग के सदस्य है. जेल प्रशासन की तरफ से बंदियों को बेहतर वातावरण देने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. इसके अलावा बंदियों में सकारात्मक ऊर्जा भरने के लिए जेल की तरफ से कई नवाचार भी किए गए हैं. जिससे बंदियों की सोच सकारात्मक हो और बंदी हिंसा के रास्ते को छोड़ सकें.

पढ़ेंः बहरोड़ में 'स्वच्छता सैनिक सम्मान' का आयोजन

गांधी जयंती के मौके पर केंद्रीय कारागार में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसमें एडीएम सिटी, जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह, जेल प्रशासन, न्यायपालिका, राज्य सरकार की तरफ से जेल में तैनात प्रतिनिधि और साहित्यकारों ने हिस्सा लिया. इतिहासकारों ने जेल में बंदियों को गांधीजी के बारे में विस्तार से जानकारी दी और गांधी जी के पद चिन्हों पर चलने के लिए कहा.

पढ़ेंः अलवर के बहरोड़ में डिजिगांव और वाईफाई चौपाल का उद्घाटन

इस मौके पर कारागार में बंद बंदियों ने भी गांधी जी पर अपने विचार रखें. केंद्रीय कारागार में बेहतर आचरण रखने वाले और शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करने वाले 2 बंदियों को जेल से रिहा भी किया गया है. यह दोनों बंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. जेल प्रशासन ने कहा कि जिन बंदियों का आचरण अच्छा होता है, उनको जेल प्रशासन की तरफ से विशेष राहत दी जाती है.

अलवर. महात्मा गांधी जयंती के मौके पर अलवर में दर्जनों कार्यक्रम आयोजित हुए. इस दौरान अलवर के केंद्रीय कारागार में भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें जेल प्रशासन के अलावा जिला प्रशासन और न्यायपालिका के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान जेल के बंदियों को गांधी जी के जीवन और उनके आदर्शों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. कार्यक्रम के दौरान जेल में अच्छा व्यवहार करने वाले दो बंदियों को रिहा भी किया गया.

केंद्रीय कारागार में मनाई गई गांधी जयंती,

बता दें कि केंद्रीय कारागार में 800 से अधिक बंदी कैदी है. इसमें कई गंभीर अपराधी और गैंग के सदस्य है. जेल प्रशासन की तरफ से बंदियों को बेहतर वातावरण देने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. इसके अलावा बंदियों में सकारात्मक ऊर्जा भरने के लिए जेल की तरफ से कई नवाचार भी किए गए हैं. जिससे बंदियों की सोच सकारात्मक हो और बंदी हिंसा के रास्ते को छोड़ सकें.

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गांधी जयंती के मौके पर केंद्रीय कारागार में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसमें एडीएम सिटी, जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह, जेल प्रशासन, न्यायपालिका, राज्य सरकार की तरफ से जेल में तैनात प्रतिनिधि और साहित्यकारों ने हिस्सा लिया. इतिहासकारों ने जेल में बंदियों को गांधीजी के बारे में विस्तार से जानकारी दी और गांधी जी के पद चिन्हों पर चलने के लिए कहा.

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इस मौके पर कारागार में बंद बंदियों ने भी गांधी जी पर अपने विचार रखें. केंद्रीय कारागार में बेहतर आचरण रखने वाले और शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करने वाले 2 बंदियों को जेल से रिहा भी किया गया है. यह दोनों बंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. जेल प्रशासन ने कहा कि जिन बंदियों का आचरण अच्छा होता है, उनको जेल प्रशासन की तरफ से विशेष राहत दी जाती है.

Intro:अलवर।

गांधी जयंती के मौके पर अलवर में दर्जनों कार्यक्रम हुए इस दौरान अलवर के केंद्रीय कारागार में भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया इसमें जेल प्रशासन के अलावा जिला प्रशासन व न्यायपालिका के अधिकारियों ने हिस्सा लिया इस दौरान जेल के बंदियों को गांधी जी के जीवन व उनके आदर्शों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई कार्यक्रम के दौरान जेल में बेहतर व्यवहार करने वाले दो बंदियों को रिहा किया गया।


Body:अलवर के केंद्रीय कारागार में 800 से अधिक बंदी बंद है। इसमें कई गंभीर अपराधी व गैंग के सदस्य शामिल है। जेल प्रशासन की तरफ से बंधुओं को बेहतर वातावरण देने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा बंदियों में सकारात्मक ऊर्जा भरने के लिए जेल की तरफ से कई नवाचार भी किए गए हैं। जिससे बंदियों की सोच सकारात्मक हो व बंदी अहिंसा के रास्ते को छोड़ सकें। गांधी जयंती के मौके पर केंद्रीय कारागार में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ इसमें एडीएम सिटी, जेल अधीक्षक राजेंद्र सिंह, जेल प्रशासन, न्यायपालिका, राज्य सरकार की तरफ से जेल में तैनात प्रतिनिधि व साहित्यकारों ने हिस्सा लिया। इतिहासकारों द्वारा जेल में बंदियों को गांधीजी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई व गांधी जी के पद चिन्हों पर चलने के लिए कहा गया।


Conclusion:इस मौके पर कारागार में बंद बंदियों ने भी गांधी जी पर अपने विचार रखें केंद्रीय कारागार में बेहतर आचरण रखने वाले व शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करने वाले 2 बंदियों को जेल से रिहा किया गया है। यह दोनों बंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। जेल प्रशासन ने कहा कि समय-समय पर पैरोल के माध्यम से भी बंदियों को छोड़ा जाता है। जिन बंधुओं का आचरण बेहतर होता है। उनको जेल प्रशासन की तरफ से विशेष राहत दी जाती है।

बाइट- अजय यादव, डिप्टी जेलर
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