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भारत माता की जयघोष के साथ पंचतत्व में विलीन हुए शहीद प्रदीप गुर्जर

सिक्किम में शहीद हुए अलवर के जीवनसिंहपुरा गांव के प्रदीप गुर्जर की पार्थिव देह सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गई. शहीद के बड़े भाई ने उन्हें मुखाग्नि दी. ड्यूटी के दौरान बर्फ के नीचे दबने से प्रदीप शहीद हो गए.

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Published : Mar 15, 2021, 5:25 PM IST

funeral of martyred pradeep gurjar,  martyr Pradeep Gurjar
पंचतत्व में विलीन हुए शहीद प्रदीप गुर्जर

मुंडावर (अलवर). आंखें नम थी, दिल गर्वित था. घर शोकाकुल था, गांव गौरवान्वित था. हर कोई अपने लाल की एक झलक पाने को बेताब था. ह्रदय में करुण क्रंदन और हर जुबां पर बस एक ही स्वर था...प्रदीप गुर्जर तुम अमर रहोगे, हमेशा हमारे दिल में. सिक्किम में बर्फ के नीचे दबने से शहीद हुए सेना के जवान प्रदीप गुर्जर सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. सेना के जवानों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी. शहीद प्रदीप के बड़े भाई संदीप छाबड़ी ने उन्हें मुखाग्नि दी.

पंचतत्व में विलीन हुए शहीद प्रदीप गुर्जर

पढ़ें- स्पीकर जोशी ने कहा- सदन में किस संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं, मदन दिलावर ने कहा- मैं एससी का विधायक हूं, इसलिए बोलने नहीं दिया जा रहा

बता दें, अलवर जिले के मुंडावर उपखण्ड क्षेत्र के गांव जीवनसिंहपुरा निवासी 22 वर्षीय प्रदीप गुर्जर की 11 मार्च को सिक्किम में बर्फ के नीचे दबने से मौत हो गई थी. शहीद प्रदीप का पार्थिव देह सोमवार को उनके पैतृक गांव जीवनसिंहपुरा पहुंचा. इस दौरान रास्ते में जगह-जगह लोग पार्थिव देह के साथ जुटते गए. शहीद प्रदीप अमर रहे, भारत माता की जय, इण्डियन आर्मी जिंदाबाद जैसे नारे लगाते हुए और हाथों में तिरंगा लहराते हुए शहीद की अंतिम यात्रा निकाली गई. सोमवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ प्रदीप का अंतिम संस्कार किया गया.

शहीद प्रदीप गुर्जर के बड़े भाई संदीप छाबड़ी ने बताया कि 11 मार्च को फोन के माध्यम से उन्हें प्रदीप के निधन का समाचार मिला. प्रदीप का शव लेकर पहुंचे राजसिंह सूबेदार ने बताया कि ड्यूटी के दौरान बर्फ के नीचे दबने से प्रदीप शहीद हो गए. 22 साल के जवान प्रदीप गुर्जर सिक्किम में तैनात थे. उसके शहीद होने की सूचना मिलते ही घर पर लोगों का तांता लग गया. हर कोई उसकी मौत से स्तब्ध था.

funeral of martyred pradeep gurjar,  martyr Pradeep Gurjar
लोगों ने दी सलामी

पढ़ें- श्रीगंगानगर : हैंड ग्रेनेड मिलने से इलाके में मचा हड़कंप, सेना के अधिकारी कर रहे मामले की जांच

प्रदीप गुर्जर एनसीसी कैडेट रहा था और युवाओं को खेल एवं सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करता था. शहीद के पिता माड़ाराम गुर्जर ने बताया कि बचपन से प्रदीप सेना में भर्ती होने की बात किया करता था. बीए फाइनल ईयर में पढ़ाई करते हुए प्रदीप गुर्जर ने करीब ढाई साल पूर्व सेना ज्वाइन की. प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उसकी पहली तैनाती पंजाब के अबोहर में हुई थी. माड़ाराम गुर्जर ने बताया कि करीब चार महीने पहले छुट्टी खत्म होने पर प्रदीप सिक्किम में 25 राज राइफल में अपनी ड्यूटी पर चला गया.

वहीं, विधायक मंजीत धर्मपाल चौधरी ने शहीद के स्मारक निर्माण के लिए चार लाख रुपए देने की घोषणा की. साथ ही शहीद के परिवार को राज्य और केंद्र सरकार से मिलने वाली सभी सहायताओं को जल्दी से जल्दी दिलवाने की बात भी कही.

मुंडावर (अलवर). आंखें नम थी, दिल गर्वित था. घर शोकाकुल था, गांव गौरवान्वित था. हर कोई अपने लाल की एक झलक पाने को बेताब था. ह्रदय में करुण क्रंदन और हर जुबां पर बस एक ही स्वर था...प्रदीप गुर्जर तुम अमर रहोगे, हमेशा हमारे दिल में. सिक्किम में बर्फ के नीचे दबने से शहीद हुए सेना के जवान प्रदीप गुर्जर सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. सेना के जवानों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी. शहीद प्रदीप के बड़े भाई संदीप छाबड़ी ने उन्हें मुखाग्नि दी.

पंचतत्व में विलीन हुए शहीद प्रदीप गुर्जर

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बता दें, अलवर जिले के मुंडावर उपखण्ड क्षेत्र के गांव जीवनसिंहपुरा निवासी 22 वर्षीय प्रदीप गुर्जर की 11 मार्च को सिक्किम में बर्फ के नीचे दबने से मौत हो गई थी. शहीद प्रदीप का पार्थिव देह सोमवार को उनके पैतृक गांव जीवनसिंहपुरा पहुंचा. इस दौरान रास्ते में जगह-जगह लोग पार्थिव देह के साथ जुटते गए. शहीद प्रदीप अमर रहे, भारत माता की जय, इण्डियन आर्मी जिंदाबाद जैसे नारे लगाते हुए और हाथों में तिरंगा लहराते हुए शहीद की अंतिम यात्रा निकाली गई. सोमवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ प्रदीप का अंतिम संस्कार किया गया.

शहीद प्रदीप गुर्जर के बड़े भाई संदीप छाबड़ी ने बताया कि 11 मार्च को फोन के माध्यम से उन्हें प्रदीप के निधन का समाचार मिला. प्रदीप का शव लेकर पहुंचे राजसिंह सूबेदार ने बताया कि ड्यूटी के दौरान बर्फ के नीचे दबने से प्रदीप शहीद हो गए. 22 साल के जवान प्रदीप गुर्जर सिक्किम में तैनात थे. उसके शहीद होने की सूचना मिलते ही घर पर लोगों का तांता लग गया. हर कोई उसकी मौत से स्तब्ध था.

funeral of martyred pradeep gurjar,  martyr Pradeep Gurjar
लोगों ने दी सलामी

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प्रदीप गुर्जर एनसीसी कैडेट रहा था और युवाओं को खेल एवं सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित करता था. शहीद के पिता माड़ाराम गुर्जर ने बताया कि बचपन से प्रदीप सेना में भर्ती होने की बात किया करता था. बीए फाइनल ईयर में पढ़ाई करते हुए प्रदीप गुर्जर ने करीब ढाई साल पूर्व सेना ज्वाइन की. प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उसकी पहली तैनाती पंजाब के अबोहर में हुई थी. माड़ाराम गुर्जर ने बताया कि करीब चार महीने पहले छुट्टी खत्म होने पर प्रदीप सिक्किम में 25 राज राइफल में अपनी ड्यूटी पर चला गया.

वहीं, विधायक मंजीत धर्मपाल चौधरी ने शहीद के स्मारक निर्माण के लिए चार लाख रुपए देने की घोषणा की. साथ ही शहीद के परिवार को राज्य और केंद्र सरकार से मिलने वाली सभी सहायताओं को जल्दी से जल्दी दिलवाने की बात भी कही.

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