बानसूर (अलवर). बानसूर के राजकीय महाविद्यालय की जमीन आवंटन मामले को लेकर पूर्व मंत्री डॉ. रोहिताश्व शर्मा ने प्रेस वार्ता की. जिसमें उन्होंने कहा कि बानसूर राजकीय महाविद्यालय की घोषणा 22 सितंबर 2018 को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने की थी. साथ ही 23 सितंबर को अध्यादेश जारी कर वित्तीय स्वीकृति जारी की गई.
8 फरवरी 2019 को बानसूर के पूर्व उपखंड अधिकारी दीनानाथ बब्बल के द्वारा भूमि आवंटन को लेकर राज्य सरकार को भेज दिया गया. जिसके बाद 19 अगस्त 2018 को भाजपा सरकार ने शिक्षण संस्थानों की घोषणा पर भूमि आवंटन करने को लेकर मंजूरी दी थी. लेकिन बानसूर विधायक उसी आदेश को जिला कलेक्टर से 20 अगस्त 2020 को लेकर आने पर बानसूर की जनता से झूठ बोल रहे हैं कि बानसूर राजकीय महाविद्यालय के लिए जमीन आवंटन करवाई है.
जबकि बानसूर राजकीय महाविधालय की घोषणा और वित्तीय स्वीकृति दो वर्ष पूर्व हो चुकी है. साथ ही बानसूर राजकीय महाविद्यालय की जमीन भी एक वर्ष पूर्व ही स्वीकृति जारी की जा चुकी है. र्मा ने बानसूर विधायक शकुंतला रावत पर झूठ बोलने और जनता को गुमराह करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जो विकास कार्य भाजपा सरकार में बानसूर में हुए उन कार्य को विधायक अपनी वाह वाही लूटने के लिए कांग्रेस सरकार का बता रही हैं.
पढ़ें- चूरू: ATM कार्ड बदलकर रुपये चुराने वाला हरियाणा का शातिर गिरफ्तार
जबकि विधायक तो पिछले दो माह से होटलों में बैठी हैं और विधायक के नहीं आने पर बानसूर की कानून व्यवस्था बिगड़ गई और अपराध बढ़ गया है. वहीं, डॉ. शर्मा ने विधायक पर कोविड नियमों का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया है. बता दें कि दो महीने पूर्व बानसूर विधानसभा के कई गांवों की पुरानी सड़कों का दोबारा से प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत नवीनीकरण किया गया है. जिसको लेकर भी पूर्व मंत्री ने विधायक पर आरोप लगाते हुए कहा कि इसका श्रेय भी विधायक खुद लेना चाहती हैं.