अलवर. पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. रोहिताश शर्मा ने बानसूर एसडीएम पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बानसूर में कोविड की आड़ में खुलेआम अवैध वसूली, जमीनों पर कब्जे व पसंदीदा लोगों के काम करवाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एसडीएम बानसूर विधायक के चहेते हैं. इसलिए लगातार विधायक के इशारे पर मामलों को रफा-दफा किया जा रहा है.
रोहिताश शर्मा ने आरोप लगाया कि कोविड का सहारा लेकर शुरुआत के लॉकडाउन में एसडीएम ने अपनी चहेते लोगों को अलग-अलग नाकों पर तैनात करके जमकर चौथ वसूली की. इस पूरे मामले की जानकारी जिला कलेक्टर को दी गई. उन्होंने मामले की जांच कराई. जिस में मामला सही पाया गया. लेकिन एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई. प्रदेश में गहलोत सरकार भारी संकट से गुजर रही है. इसलिए विधायक के दबाव में आकर मामला रफा-दफा कर दिया गया है.
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उन्होंने कहा कि बानसूर में गिरधारी दास बाबा की समाधि है. उसके प्रति क्षेत्र में आस्था है. मंदिर की जमीन पर मेला भरता है. उस जमीन का अधिग्रहण करते हुए वहां एसडीओ कोर्ट बनाने की बात कही गई. जबकि यह पूरी तरीके से गलत है. क्योंकि लोगों के संज्ञान में यह मामला नहीं आया है. शर्मा ने आरोप लगाया कि एसडीएम ने अब दीवार बनाने के नाम पर अवैध वसूली का खेल शुरू किया है. क्षेत्र के व्यापारियों से दबाव बनाकर पैसा लिया जा रहा है.
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पूर्व मंत्री ने टोडियाका बास गांव में एक हरिजन की जमीन को किसी दूसरे व्यक्ति के नाम ट्रांसफर करने का भी एसडीएम पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यह अकेला मामला नहीं है, सैकड़ों पट्टे लोगों को जारी किए गए हैं. तो वहीं जमीनों पर कब्जे करने का खेल भी खुलेआम चल रहा है. उन्होंने कहा कि हाल ही में एसीबी ने एक सीडीपीओ को घूस लेते हुए पकड़ा था. सीडीपीओ की एसडीएम के इशारे पर काम कर रहा था.
उन्होंने कहा कि एसडीएम के विरोध में बानसूर में चार लोग कोविड की गाइडलाइन का पालना करते हुए विरोध स्वरूप धरने पर बैठे हुए हैं. एसडीएम के खिलाफ जन आंदोलन शुरू किया गया है. जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त को इस पूरे मामले से अवगत कराया गया है.