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Fire in Sariska forest: सरिस्का के जंगलों में आग बुझाने की मशक्कत जारी, वन विभाग का प्रयास जारी

सरिस्का के टहला रेंज के जंगलों में लगी आग (Fire in Sariska forest) पर काबू पाने के प्रयास लगातार जारी हैं. रविवार दोपहर करीब 12 बजे जंगलों में आग लगी. हालांकि, वन विभाग के अधिकारियों ने कहा हैं कि 50 प्रतिशत से ज्यादा आग पर काबू पा लिया गया है. उनके द्वारा लगातार आग बुझाने के प्रयास जारी है.

Fire in Sariska forest
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Published : Apr 4, 2022, 4:11 PM IST

अलवर: सरिस्का के टहला रेंज के जंगलों में (fire in Sariska forest) अभी भी आग सुलग रही हैं. बता दें कि, रविवार दोपहर करीब 12 बजे जंगलों में आग लगी. हालांकि, वन विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि 50 प्रतिशत से ज्यादा आग पर काबू पा लिया गया है. लगातार आग बुझाने के प्रयास जारी हैं. आसपास के गांवों के ग्रामीणों की मदद से भी आग बुझाने का अभियान चल रहा है. जंगल में लगी आग को देखते हुए अलवर की अन्य रेंजों से भी वनकर्मियों को बुलाया गया है. बता दें कि, सप्ताह भर में सरिस्का के जंगलों में आग लगने की यह चौथी घटना है.

रविवार को सरिस्का के टहला रेंज के जंगलों से अचानक आग लग गई. आग लगते ही सरिस्का वन प्रशासन आग पर काबू पाने में जुट गया. रविवार दोपहर करीब 12 बजे जंगलों में आग लगी. उसके बाद से लगातार आग बुझाने का ऑपरेशन चल रहा है. रातभर वन कर्मी आग बुझाने में जुटे रहे, लेकिन आग पर अभी तक काबू नहीं पाया जा सका है. तापमान बढ़ने और हवा के चलते घास और पत्ती में लगी आग बढ़ गई. गर्मी व पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण वनकर्मियों को आग बुझाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि जंगल में लगी आग पर करीब 50 फीसदी तक काबू पा लिया गया है. जबकि अन्य पर काबू पाने का प्रयास जारी है. उन्होंने कहा कि रातभर आग बुझाने का ऑपरेशन चला व सोमवार को भी सुबह से वन कर्मी ग्रामीण की मदद से आग बुझाने में लगे हुए हैं. जंगलों की आग सरिस्का प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है.

पढ़ें: सरिस्का के जंगल में फिर लगी आग, लपटों पर काबू पाने में जुटा प्रशासन...सप्ताह भर में 4 बार लगी आग

एक सप्ताह में चौथी बार लगी आग: सरिस्का के जंगल में आग लगने की यह कोई पहली घटना नहीं है. दो दिन पहले शुक्रवार शाम को भी टहला रेंज की नांडू बीट में आग लगी थी, लेकिन शाम का समय होने के कारण रात तक आग पर काबू पा लिया गया था. उसके बाद शनिवार को भी सरिस्का के किशोरी के जंगल में आग लगी थी. आग पर रात तक काबू पा लिया और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. आग बुझाने में वनकर्मियों के साथ आसपास के गांवों के ग्रामीण, नेचर गाइड, वाहन चालक ने भी जुटे हुए हैं. आग बुझाने के लिए दमकल भी बुलाई गई, लेकिन पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण दमकल से आग पर काबू नहीं पाया जा सका.

आग बुझाने में ली गई वायु सेना की मदद: सरिस्का के अकबरपुर रेंज के पृथ्वीपुरा-बालेटा नाका के नारंडी जंगल में आग लगी थी, इस आग ने विकराल रूप ले लिया. जिसके चलते आग पर काबू पाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर बुलाने पड़े थे. करीब पांच दिन में इस आग पर काबू पाया गया. नारंडी वन क्षेत्र में रविवार को भी ठूंठों में आग फिर सुलग गई. सर्च अभियान में जुटे वनकर्मी आग पर काबू पाने के प्रयास में जुटे हुए हैं. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि बाघ एसटी-8 व एसटी-15 का मूवमेंट टहला एरिया में रहता है. इस इलाके में रविवार को दोपहर के समय से आग लगी हुई है. लगातार आग बढ़ रही है. एरियल डिस्टेंस के हिसाब से 6 किलोमीटर एरिया में लगातार आग फैल रही है. ऐसे में वन्यजीव को नुकसान पहुंचने का खतरा हो सकता है.

अलवर: सरिस्का के टहला रेंज के जंगलों में (fire in Sariska forest) अभी भी आग सुलग रही हैं. बता दें कि, रविवार दोपहर करीब 12 बजे जंगलों में आग लगी. हालांकि, वन विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि 50 प्रतिशत से ज्यादा आग पर काबू पा लिया गया है. लगातार आग बुझाने के प्रयास जारी हैं. आसपास के गांवों के ग्रामीणों की मदद से भी आग बुझाने का अभियान चल रहा है. जंगल में लगी आग को देखते हुए अलवर की अन्य रेंजों से भी वनकर्मियों को बुलाया गया है. बता दें कि, सप्ताह भर में सरिस्का के जंगलों में आग लगने की यह चौथी घटना है.

रविवार को सरिस्का के टहला रेंज के जंगलों से अचानक आग लग गई. आग लगते ही सरिस्का वन प्रशासन आग पर काबू पाने में जुट गया. रविवार दोपहर करीब 12 बजे जंगलों में आग लगी. उसके बाद से लगातार आग बुझाने का ऑपरेशन चल रहा है. रातभर वन कर्मी आग बुझाने में जुटे रहे, लेकिन आग पर अभी तक काबू नहीं पाया जा सका है. तापमान बढ़ने और हवा के चलते घास और पत्ती में लगी आग बढ़ गई. गर्मी व पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण वनकर्मियों को आग बुझाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि जंगल में लगी आग पर करीब 50 फीसदी तक काबू पा लिया गया है. जबकि अन्य पर काबू पाने का प्रयास जारी है. उन्होंने कहा कि रातभर आग बुझाने का ऑपरेशन चला व सोमवार को भी सुबह से वन कर्मी ग्रामीण की मदद से आग बुझाने में लगे हुए हैं. जंगलों की आग सरिस्का प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है.

पढ़ें: सरिस्का के जंगल में फिर लगी आग, लपटों पर काबू पाने में जुटा प्रशासन...सप्ताह भर में 4 बार लगी आग

एक सप्ताह में चौथी बार लगी आग: सरिस्का के जंगल में आग लगने की यह कोई पहली घटना नहीं है. दो दिन पहले शुक्रवार शाम को भी टहला रेंज की नांडू बीट में आग लगी थी, लेकिन शाम का समय होने के कारण रात तक आग पर काबू पा लिया गया था. उसके बाद शनिवार को भी सरिस्का के किशोरी के जंगल में आग लगी थी. आग पर रात तक काबू पा लिया और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ. आग बुझाने में वनकर्मियों के साथ आसपास के गांवों के ग्रामीण, नेचर गाइड, वाहन चालक ने भी जुटे हुए हैं. आग बुझाने के लिए दमकल भी बुलाई गई, लेकिन पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण दमकल से आग पर काबू नहीं पाया जा सका.

आग बुझाने में ली गई वायु सेना की मदद: सरिस्का के अकबरपुर रेंज के पृथ्वीपुरा-बालेटा नाका के नारंडी जंगल में आग लगी थी, इस आग ने विकराल रूप ले लिया. जिसके चलते आग पर काबू पाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर बुलाने पड़े थे. करीब पांच दिन में इस आग पर काबू पाया गया. नारंडी वन क्षेत्र में रविवार को भी ठूंठों में आग फिर सुलग गई. सर्च अभियान में जुटे वनकर्मी आग पर काबू पाने के प्रयास में जुटे हुए हैं. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि बाघ एसटी-8 व एसटी-15 का मूवमेंट टहला एरिया में रहता है. इस इलाके में रविवार को दोपहर के समय से आग लगी हुई है. लगातार आग बढ़ रही है. एरियल डिस्टेंस के हिसाब से 6 किलोमीटर एरिया में लगातार आग फैल रही है. ऐसे में वन्यजीव को नुकसान पहुंचने का खतरा हो सकता है.

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