अलवर. जिले के किसान जल्द ही लखपति व करोड़पति बनने वाले हैं. किसानों को प्रशासन की ओर से जल्द ही 500 करोड़ रुपए का मुआवजा मिलेगा. अलवर जिले की आठ विधानसभा क्षेत्रों में नए एक्सप्रेस वे के लिए जमीन का अधिग्रहण (Expressway in Alwar Under Bharatmala Project) किया गया है. जिसके बदले में किसानों को मुआवजा मिलेगा.
भारतमाला परियोजना के तहत पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड व हरियाणा को दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए हरियाणा के पनियाला से अलवर बड़ौदा मेव तक नया एक्सप्रेस वे बनाया जाएगा. इसकी प्रक्रिया तेजी से चल रही है. अलवर जिला प्रशासन की तरफ से एक्सप्रेस वे के लिए जमीन का अधिग्रहण (Land acquisition for expressway in Alwar) हो चुका है. अब किसानों को जमीन का मुआवजा दिया जाएगा. 86.513 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस वे में बानसूर विधानसभा क्षेत्र के 16, गांव मुंडावर के 9, किशनगढ़बास के 2, अलवर के 18, रामगढ़ के 9 व लक्ष्मणगढ़ के 2 गांवों की जमीनें शामिल होंगी.
एक्सप्रेस वे के लिए कुल 559.9288 हेक्टेयर एरिया की आवश्यकता (Farmers will get compensation for land acquisition) है. इनके लिए भी जगह चिन्हित हो चुकी है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी की तरफ से एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा. एक्सप्रेस वे के लिए हजारों किसानों की जमीन का अधिग्रहण होगा. इस हिसाब से किसानों को करीब 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का मुआवजा मिलेगा. अलवर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि मुआवजे का प्रस्ताव जल्द ही तैयार करके एनएचएआई को भेजा जाएगा. जमीन के अनुसार मुआवजे की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में पहुंचेगी.
इंटर कॉरिडोर : इस एक्सप्रेस-वे को इंटर कॉरिडोर नाम दिया गया है. एक्सप्रेस वे का काम पूरा होने के बाद पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हरियाणा के लोग सीधे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से जुड़ सकेंगे. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है. केवल कोटा के पास मुकुंदरा क्षेत्र में सुरंग का काम चल रहा है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि अलवर जिले के बानसूर क्षेत्र में 126 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा. साथ ही मुंडावर में 111 हेक्टेयर, अलवर में 177 हेक्टेयर व रामगढ़ में 113 हेक्टेयर व लक्ष्मणगढ़ में करीब 20 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है.
कैसा होगा एक्सप्रेस वे : यह एक्सप्रेस वे जमीन से ऊंचाई पर होगा. छह लेन के इस एक्सप्रेस-वे पर सभी आधुनिक सुविधाएं होंगी. पनियाला मोड़ से शुरू होने वाला एक्सप्रेस वे अलवर के बड़ौदा में स्थित दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा. बड़ौदा मेव में एक इंटरचेंज बनाया जाएगा.
एक्सप्रेस वे बनने के बाद लोगों को मिलेगी सुविधा : यह एक्सप्रेस वे पूरी तरह से नया होगा. जिन गांव व क्षेत्रों से होकर एक्सप्रेस वे गुजरेगा उस क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा. एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ टाउनशिप औद्योगिक इकाइयां, होटल सहित अन्य सुविधाएं होंगी. जम्मू कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब सहित उत्तर भारत के शहरों से आने वाले हजारों लोग सीधा मुंबई तक का सफर तय कर सकेंगे.
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तेजी से चल रहा है काम : अलवर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम उत्तम सिंह शेखावत ने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया तेजी से चल रही है. यह प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है. जमीन का अधिग्रहण हो चुका है. अब केवल किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया बची हुई है. एनएचएआई व केंद्र सरकार की तरफ से सीधे मुआवजे की राशि किसान के खाते में पहुंचेगी. इसके बाद टेंडर प्रक्रिया व निर्माण कार्य शुरू होगा.
फैक्ट फाइल
- 86 किलोमीटर लंबा होगा एक्सप्रेस वे
- पनियाला मोड़ से अलवर के बड़ौदा मेव तक होगा
- छह लेन का होगा एक्सप्रेस वे
- 55 गांव से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस वे
- 559 हेक्टेयर जमीन का मिलेगा मुआवजा
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भारतमाला प्रोजेक्ट में शामिल : इस एक्सप्रेस वे का निर्माण भारतमाला प्रोजेक्ट के (Expressway in Alwar) तहत होगा. इसे नेशनल हाईवे अथॉरिटी की तरफ से बनवाया जाएगा. ऐसे में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में मिलने वाले मुआवजे से लेकर निर्माण पर आने वाला खर्च केंद्र सरकार उठाएगी.
डीएलसी रेट का 3 गुना मिलेगा मुआवजा : जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान में जमीन की असली मालिक सरकार है. इसलिए सरकार जरूरी चीजों के लिए जमीन का अधिग्रहण कर सकती है. किसान को अलग-अलग नियमों के अनुसार मुआवजा राशि दी जाती है. लेकिन आम तौर पर सभी किसानों को उनके क्षेत्र की डीएलसी दर से 3 गुना मुआवजा राशि मिलेगी. इसके अलावा अगर जमीन पर घर का निर्माण है, तो घर की लागत, साथ ही पेड़, कुएं, बोरिंग सहित अन्य चीजों का खर्च भी मिलेगा.