बहरोड़ (अलवर). केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों में उबाल है. पंजाब और हरियाणा के साथ ही उत्तर प्रदेश के किसान पिछले कई दिनों से इन कानून का पुरजोर तरीके से विरोध कर रहे हैं. ऐसे में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर सीकर से दिल्ली जाते समय राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर अखिल भारतीय किसान सभा को हरियाणा प्रशासन ने रोक दिया था.
ऐसे में पिछले 5 दिन से किसान नेता राजस्थान के गूगलकोटा गांव के पास धरने पर बैठकर किसानों को संबोधित कर रहे हैं. इस दौरान किसानों ने तीन बार राजस्थान से हरियाणा में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन हरियाणा प्रशासन ने नाकाम कर दिया. इस दौरान प्रशासन ने हरियाणा में जाने की अनुमति नहीं होने की बात कही. जिसके बाद किसान नेता रामपाल जाट सहित सभी किसान हाइवे पर धरना देकर बैठ गए और जमकर बीजेपी सरकार का विरोध कर रहे है.
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किसान यहां पिछले 5 दिनों से दिल्ली जाने की जिद पर अड़े हुए हैं और हाईवे की सर्विस लाइन पर बैठे हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार जब तक तीनों बिल वापस नहीं लेती, तब तक हमारा विरोध चलता रहेगा.
भय मुक्त नगरपालिका चुनाव के लिए बिलाड़ा कस्बे में RAC ने निकाला फ्लैग मार्च
कृषि कानून के विरोध में पिछले 12 दिन से दिल्ली में किसानों का आंदोलन जारी है. किसानों के समर्थन में आज भारत बंद का भी आह्वान किया गया. जिसके तहत जोधपुर के बिलाड़ा में इस भारत बंद का कोई असर नजर नहीं आया. 11 दिसंबर को कस्बे में होने वाले नगरपालिका चुनाव को लेकर RAC के 70 जवानों द्वारा फ्लैग मार्च निकाला गया.
किसान संगठन ने सौंपा ज्ञापन...
करौली के टोडाभीम उपखंड में मंगलवार को किसान संगठन के पदाधिकारियों ने विधायक पृथ्वीराज मीना के नेतृत्व मे राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने कृषि कानून को वापस लेने और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की मांग की.