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अलवर : किसानों ने कहा- पूरे देश का किसान एक...सरकार को माननी होंगी मांगें

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Published : Dec 22, 2020, 10:29 PM IST

देशभर के किसान कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली की सीमा पर किसान डटे हुए हैं. ऐसे में अलवर के किसान क्या सोचते हैं. ईटीवी भारत ने अलवर के किसानों से खास बातचीत की.

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अलवर में किसानों ने भरी हुंकार

अलवर. तीन नए कृषि कानून के विरोध में लगातार हजारों की संख्या में किसान सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं. सिंघु बॉर्डर, यूपी बॉर्डर राजस्थान व हरियाणा की सीमा पर किसान अपना विरोध जता रहे हैं. दिल्ली पूरी तरह से प्रभावित हो रही है. किसान नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

अलवर में किसानों ने भरी हुंकार

अलवर के किसानों ने कहा कि पूरे देश का किसान एक है. सरकार को किसानों की बात मानते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए. किसान हमेशा नुकसान उठाता है, फिर चाहे किसी भी राज्य और शहर का किसान हो. हाल ही का उदाहरण देते हुए किसानों ने कहा कि प्याज की फसल की बुवाई में एक बिगे में 50 से 60 हजार रुपए का खर्च आता है. जबकि प्याज इन दिनों 12 से 15 रुपए किलो के हिसाब से बिक रही है. ऐसे में किसान को खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है. सरकार केवल बात करती है नेता झूठे आश्वासन देते हैं. इस देश का किसान परेशान होता है.

पढ़ें - न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद भी नहीं मिला गंदे पानी से निजात, ग्रामिणों ने लगाई SDM से गुहार

किसानों ने कहा कि सरकार को किसानों के लिए बेहतर कानून बनाने चाहिए. फसल के सरकारी खरीद की व्यवस्था सरकार की तरफ से होनी चाहिए. जिससे ज्यादा पैदावार होने पर सरकार फसल को खरीद सके और कहा कि देश में जमकर कालाबाजारी होती है. सरकार को कालाबाजारी पर लगाम लगानी चाहिए. इसके साथ ही जो बड़े स्टॉकिस्ट हैं. उनके खिलाफ भी समय-समय पर कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि यह लोग किसी भी सामान का स्टॉक करके उसका रेट बनते हैं. किसानों ने कहा सरकार को बीच का रास्ता निकाल कर किसानों से बात करनी चाहिए और इस समस्या का समाधान करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पूरे देश का किसान परेशान हो रहा है. किसान नए कृषि कानून के पक्ष में नहीं है तो सरकार क्यों जबरदस्ती उन पर कानून तोड़ने में लगी है. आज तक देश में किसान के लिए किसी ने बेहतर नहीं सोचा. जब प्रत्येक चीज की कीमत निर्धारित होती है. ऐसे में सब्जियों और फलों की कीमत भी निर्धारित होनी चाहिए. जिससे किसान को होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार कर सके.

अलवर. तीन नए कृषि कानून के विरोध में लगातार हजारों की संख्या में किसान सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं. सिंघु बॉर्डर, यूपी बॉर्डर राजस्थान व हरियाणा की सीमा पर किसान अपना विरोध जता रहे हैं. दिल्ली पूरी तरह से प्रभावित हो रही है. किसान नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

अलवर में किसानों ने भरी हुंकार

अलवर के किसानों ने कहा कि पूरे देश का किसान एक है. सरकार को किसानों की बात मानते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए. किसान हमेशा नुकसान उठाता है, फिर चाहे किसी भी राज्य और शहर का किसान हो. हाल ही का उदाहरण देते हुए किसानों ने कहा कि प्याज की फसल की बुवाई में एक बिगे में 50 से 60 हजार रुपए का खर्च आता है. जबकि प्याज इन दिनों 12 से 15 रुपए किलो के हिसाब से बिक रही है. ऐसे में किसान को खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है. सरकार केवल बात करती है नेता झूठे आश्वासन देते हैं. इस देश का किसान परेशान होता है.

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किसानों ने कहा कि सरकार को किसानों के लिए बेहतर कानून बनाने चाहिए. फसल के सरकारी खरीद की व्यवस्था सरकार की तरफ से होनी चाहिए. जिससे ज्यादा पैदावार होने पर सरकार फसल को खरीद सके और कहा कि देश में जमकर कालाबाजारी होती है. सरकार को कालाबाजारी पर लगाम लगानी चाहिए. इसके साथ ही जो बड़े स्टॉकिस्ट हैं. उनके खिलाफ भी समय-समय पर कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि यह लोग किसी भी सामान का स्टॉक करके उसका रेट बनते हैं. किसानों ने कहा सरकार को बीच का रास्ता निकाल कर किसानों से बात करनी चाहिए और इस समस्या का समाधान करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पूरे देश का किसान परेशान हो रहा है. किसान नए कृषि कानून के पक्ष में नहीं है तो सरकार क्यों जबरदस्ती उन पर कानून तोड़ने में लगी है. आज तक देश में किसान के लिए किसी ने बेहतर नहीं सोचा. जब प्रत्येक चीज की कीमत निर्धारित होती है. ऐसे में सब्जियों और फलों की कीमत भी निर्धारित होनी चाहिए. जिससे किसान को होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार कर सके.

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