अलवर. किसान आंदोलन समाप्त होने के बाद अलवर के शाहजहांपुर बॉर्डर भी शुक्रवार को किसानों ने खाली कर दी. किसानों ने शाहजहांपुर बॉर्डर पर बनाए गए शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की. किसानों को धन्यवाद देने के साथ ही जन-जागरण अभियान के लिए 'किसान विजय यात्रा' (Farmers celebrated victory in alwar) शुरू हुई. यह यात्रा प्रदेश के सभी जिलों में जाएगी.
संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली सीमाओं पर राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य स्थानों पर चल रहे विभिन्न मोर्चों को हटाने की औपचारिक घोषणा की. उसके बाद शुक्रवार को शाहजहांपुर खेड़ा बोर्डर जयपुर-दिल्ली हाईवे पर से किसानों ने अपना आंदोलन स्थगित करते हुए मोर्चा हटा लिया है. किसान नेताओं ने कहा कि वर्तमान आंदोलन को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. लड़ाई जीत ली गई है और किसानों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से सभी किसानों के लिए एमएसपी के कानूनी अधिकार को सुरक्षित करने के लिए संघर्ष जारी रहेगा.
संयुक्त किसान मोर्चा के पांच सदस्यीय कमेटी के सदस्य अशोक धवले, नौ सदस्यीय समिति के सदस्य हन्नानमौल्लाह, अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पी.कृष्णा प्रसाद, अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव वी वेंकट और संयुक्त सचिव विक्रम सिंह, अमराराम, योगेन्द्र यादव राजाराम मील, डॉ. संजय माधव आदि नेताओं ने कहा कि लखीमपुर-खीरी के शहीदों सहित आंदोलन के लगभग 715 शहीदों को समर्पित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जीत के लिए बधाई दी गई.
पढ़ें. किसान नेता बोले- 15 जनवरी को फिर से बैठक करेंगे किसान, मांगों की करेंगे समीक्षा
शाहजहांपुर खेड़ा बॉर्डर पर किसानों ने जश्न (farmer celebration on Shahjahanpur Kheda border) मनाया. एक दूसरे को माला और साफा पहनाकर मिठाई खिलाई. देशभक्ति गीतों पर डांस किया गया. आमसभा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने मोर्चा स्थल से 'किसान विजय यात्रा' शुरू की गई. यह किसान विजय यात्रा बहरोड़, कोटपूतली, सीकर, झुंझुनू, चूरू, नागौर, हनुमानगढ़, बीकानेर समेत राज्य के सभी जिलों से होकर गूजरेगी. इस यात्रा के दौरान एतिहासिक किसान आंदोलन की सफलता के लिए किसानों-मजदूरों और आम जनता को धन्यवाद देते हुए अन्य लम्बित मुद्दों के लिए जागरूक भी किया जाएगा. इसके साथ ही आगामी आंदोलन की रूपरेखा भी तय की जाएगी.
संयुक्त किसान मोर्चा ने अगली बैठक 15 जनवरी को दिल्ली में करने का फैसला लिया. संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों के साथ संघर्ष करने वाले श्रम संगठनों, महिला संगठनों, युवा/छात्र संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, वकीलों जिन्होंने कानूनी सहायता और एकजुटता बढ़ाई, सभी डॉक्टरों जिन्होंने चिकित्सा शिविर स्थापित किए और अपनी अथक सेवाएं दीं. विभिन्न धार्मिक निकायों जिन्होंने लंगर स्थापित किया और प्रदर्शनकारियों को बिना शर्त और निर्बाध रूप से खाना खिलाया, मानवाधिकार संगठनों सहित विभिन्न प्रगतिशील संगठनों जो समर्थन में खड़े थे व अन्य सभी को धन्यवाद दिया गया.