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लॉकडाउन के दूसरे चरण में भी मजदूरों का पलायन जारी, पैदल ही जा रहे घर

लॉकडाउन के दूसरे चरण में भी मजदूरों का पलायन जारी है. अलवर की खैरथल इंडस्ट्रीज एरिया में काम करने वाले मजदूर अब अपने घरों के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं. मजदूरों ने बताया कि उनका पैसा खत्म हो गया है और खाने का संकट पैदा हो गया है, जिस कारण वे अपने घर जा रहे हैं.

lockdown in Alwar, अलवर न्यूज
लॉकडाउन के दूसरे चरण में भी मजदूरों का पलायन जारी
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Published : Apr 29, 2020, 1:53 PM IST

किशनगढ़बास (अलवर). कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दूसरे चरण में भी मजदूरों का पलायन जारी है. सार्वजनिक यातायात बंद होने के कारण जो मजदूर फंसे हुए थे वो पैदल ही अपने घरों के लिए निकल रहे हैं.

लॉकडाउन के दूसरे चरण में भी मजदूरों का पलायन जारी

इसी कड़ी में किशनगढ़बास क्षेत्र के खैरथल रीको इंडस्ट्रीज एरिया में मजदूरी करने वाले मजदूर लॉकडाउन खुलने का इंतजार किए बगैर ही अपने घरों के लिए रवाना हो गए हैं. 700 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला अपने घर जा रहे मजदूर आकाश ने बताया कि उनके द्वारा कमाया गया पैसा खत्म हो गया है. अब किसी तरह गांव जा रहे हैं.

पढ़ें- सीकर: अब तक रींगस से 418 प्रवासी मजदूरों को भेजा घर

उन्होंने बताया कि जहां काम कर रहे थे, वहां के मालिक ने खाने-पीने की व्यवस्था नहीं की. उन्होंने कहा कि रास्ते में मदद मांगते हुए घर जा रहे हैं. दिन रात भूखे प्यासे चलते-चलते यहां तक पहुंचे हैं. अन्य मजदूरों ने बताया कि पैसे खत्म होने के चलते उन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा. जिसके चलते वो अपने गांव जा रहे हैं.

किशनगढ़बास (अलवर). कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दूसरे चरण में भी मजदूरों का पलायन जारी है. सार्वजनिक यातायात बंद होने के कारण जो मजदूर फंसे हुए थे वो पैदल ही अपने घरों के लिए निकल रहे हैं.

लॉकडाउन के दूसरे चरण में भी मजदूरों का पलायन जारी

इसी कड़ी में किशनगढ़बास क्षेत्र के खैरथल रीको इंडस्ट्रीज एरिया में मजदूरी करने वाले मजदूर लॉकडाउन खुलने का इंतजार किए बगैर ही अपने घरों के लिए रवाना हो गए हैं. 700 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला अपने घर जा रहे मजदूर आकाश ने बताया कि उनके द्वारा कमाया गया पैसा खत्म हो गया है. अब किसी तरह गांव जा रहे हैं.

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उन्होंने बताया कि जहां काम कर रहे थे, वहां के मालिक ने खाने-पीने की व्यवस्था नहीं की. उन्होंने कहा कि रास्ते में मदद मांगते हुए घर जा रहे हैं. दिन रात भूखे प्यासे चलते-चलते यहां तक पहुंचे हैं. अन्य मजदूरों ने बताया कि पैसे खत्म होने के चलते उन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा. जिसके चलते वो अपने गांव जा रहे हैं.

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