जयपुर. पपला गुर्जर को आखिरकार डेढ़ साल बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन सभी के मन में यह प्रश्न है कि आखिर राजस्थान पुलिस पपला गुर्जर तक कैसे पहुंची. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बहरोड़ लॉकअप कांड के बाद पपला गुर्जर को गिरफ्तार करना राजस्थान पुलिस के लिए नाक का सवाल बन गया. राजस्थान पुलिस पपला गुर्जर का सुराग लगाने में जुटी हुई थी, लेकिन कोई और भी था जो पुलिस से भी ज्यादा तेजी से पपला गुर्जर को तलाशने के लिए इधर-उधर हाथ-पांव मार रहा था.
पुलिस से भी ज्यादा तेजी से पपला गुर्जर को तलाश रहे थे विपक्षी गैंग के सदस्य...
दरअसल, वर्ष 2014 में पपला गुर्जर ने महेंद्रगढ़ में अपनी विपक्षी गैंग के एक सदस्य की हत्या की थी. ऐसे में विपक्षी गैंग के सदस्य पपला गुर्जर को काफी लंबे समय से तलाश रहे थे. बहरोड़ लॉकअप कांड के बाद पुलिस द्वारा कार्रवाई करते हुए जब पपला गुर्जर के करीबियों को एक-एक कर पकड़ा गया तो विपक्षी गैंग ऐसे में पपला गुर्जर को कमजोर समझ उसकी तलाश में जुट गई. विपक्षी गैंग के द्वारा ही राजस्थान पुलिस को यह सूचना दी गई कि महाराष्ट्र से एक व्यक्ति अक्टूबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच में बार-बार एनसीआर आकर पपला गुर्जर के गुर्गों से मुलाकात कर रहा है.
पपला के गुर्गों से मुलाकात करने वाले व्यक्ति का पीछा करते हुए पुलिस पहुंची महाराष्ट्र...
पपला गुर्जर की विपक्षी गैंग द्वारा मिले इनपुट को डेवलप करते हुए राजस्थान पुलिस ने उस व्यक्ति का पीछा किया जो महाराष्ट्र से एनसीआर आकर पपला गुर्जर के गुर्गों से मिल रहा था. उस व्यक्ति का पीछा करते हुए पुलिस टीम महाराष्ट्र के कोल्हापुर पहुंची और पपला गुर्जर की महिला मित्र जिया उर्फ सहर सिगलीगर के बारे में पता चला. उसके बाद पुलिस ने जिया पर नजर रखना शुरू किया जो कि एक जिम ट्रेनर थी. जिया द्वारा संचालित जिम में पपला गुर्जर भी नाम बदलकर जिम ट्रेनर का काम कर रहा था. इस बात की तस्दीक करने के लिए इमरजेंसी रिस्पांस टीम के कमांडो द्वारा जिया की जिम ज्वाइन की गई और इस बात को पुख्ता किया गया कि जिम में पपला गुर्जर भी ट्रेनिंग देता है.
मकान की तस्दीक करने के लिए किराएदार बनकर पहुंचे राजस्थान पुलिस के कमांडो...
इस बात की पुष्टि हो जाने पर कि पपला गुर्जर अपना नाम बदलकर उधम सिंह के नाम से अपनी महिला मित्र जिया के जिम में ट्रेनर का काम कर रहा है, पपला गुर्जर के रहने के स्थान की तस्दीक की गई. पपला गुर्जर महिला मित्र जिया के मकान में ही रह रहा था और इस बात की पुष्टि करने के लिए राजस्थान पुलिस के कमांडो किराएदार बनकर जिया के घर पहुंचे और किराए पर कमरा लेने की इच्छा जाहिर की. इस दौरान वहां पपला गुर्जर भी जिया के साथ रहता हुआ पाया गया. इस तरह से पुलिस द्वारा उस मकान को चिन्हित किया गया, जहां पर पपला गुर्जर नाम बदलकर रह रहा था.
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पपला को स्पेशल 26 टीम ने घेरकर दबोचा...
पपला गुर्जर को गिरफ्तार करने के लिए स्पेशल 26 टीम का गठन किया गया. जिसमें 14 सदस्य वह थे, जिनकी टीम का गठन 27 जून 2020 को किया गया था. इस टीम का नेतृत्व एडिशनल एसपी सिद्धार्थ शर्मा को दिया गया और टीम में डिप्टी एसपी महावीर सिंह सहित, इमरजेंसी रिस्पांस टीम के इंस्पेक्टर, कमांडो, सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल, साइबर एक्सपर्ट व अन्य एक्सपर्ट शामिल किए गए. 27 जनवरी की रात तकरीबन 2 बजे स्पेशल 26 टीम द्वारा उस मकान को चारों तरफ से घेर लिया गया, जहां पर पपला गुर्जर मौजूद था और टीम में शामिल कमांडो द्वारा पपला गुर्जर को स्पीकर के माध्यम से ललकारा गया. खुद को चारों तरफ से घिरा देख पपला गुर्जर ने वहां से भागने की एक और चाल चली और अपनी महिला मित्र जिया के गले पर चाकू लगाकर पुलिस टीम को धमकाया कि यदि उसे जाने नहीं दिया गया तो वह जिया की हत्या कर देगा. लेकिन पपला गुर्जर का यह नाटक ज्यादा देर तक नहीं चला और लगातार ललकारे जाने पर पपला गुर्जर ने तीसरी मंजिल से छलांग लगाकर भागने का फैसला किया. जैसे ही वह तीसरी मंजिल से नीचे कूदा वैसे ही दीवार की ओट में खड़े इमरजेंसी रिस्पांस टीम के कमांडो ने उसे धर दबोचा. इस तरह से पपला गुर्जर राजस्थान पुलिस के हाथ आया.