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यूरेशियन गोल्डन ओरियल हजारों किलोमीटर दूर पहुंचा सरिस्का, धूप में सोने जैसा चमकता है ये पक्षी

सरिस्का टाइगर रिजर्व में इन दिनों दुर्लभ पक्षी यूरेशियन गोल्डन ओरियल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसे देख सरिस्का प्रशासन का कहना है कि सरिस्का में पानी की उपलब्धता की वजह से विदेशी पक्षियों का यहां आगमन हो रहा है.

सरिस्का टाइगर रिजर्व में युरेशियन गोल्डन ओरियल पक्षी
सरिस्का टाइगर रिजर्व में युरेशियन गोल्डन ओरियल पक्षी
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Published : Jun 18, 2023, 9:45 AM IST

अलवर. सरिस्का टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों को पर्याप्त पानी मिलने लगा है, तो इसका असर भी अब दिखने लगा है. दुर्लभ पक्षी यूरेशियन गोल्डन ओरियल हजारों किलोमीटर की यात्रा करके सरिस्का पहुच रहे हैं. ये पक्षी अन्य की तुलना में काफी खास है. धूप में यह पक्षी सोने की तरह चमकता है. इसको देखने के लिए सरिस्का में पर्यटक भी पहुंचने लगे हैं. तो वहीं पर्यटकों के लिए ये पक्षी आकर्षण का केंद्र बन गया है.

सरिस्का के अधिकारियों ने बताया कि यह पक्षी यूरोपियन देशों से आए हैं. सरिस्का में भारतीय प्रजाति के पक्षियों से मेल-मुलाकात करते हैं. अच्छा जीवन बिताने के बाद अक्टूबर में अपने देश वापस चले जाते हैं. इसके अलावा हिमालय क्षेत्र में पाए जाने वाले इंडियन गोल्डन ओरियल भी सरिस्का पहुंचने लगे हैं. इनके लिए यूरोपियन पक्षी एक मेहमान की तरह हैं. जिनकी अच्छी आवभगत की जाती है. गर्मियों के मौसम में खूब आनंद उठाने के बाद सर्दियों से पहले ये वापस लौट जाते हैं. इसके अलावा इंडियन पैराडाइज फ्लाईकैचर पक्षी भी सरिस्का में पर्यटकों को काफी आकर्षित कर रही है.

सरिस्का के अधिकारी ने बताया कि यह पक्षी धूप में सोने की तरह चमकता है. यह पक्षी यूरेशियन गोल्डन ओरियल भारत में अपनी जैसी प्रजाति इंडियन गोल्डन ओरियल से मिलने आते हैं. यूरेशियन गोल्डन ओरियल पूरे पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी यूरोप में फैले हुए हैं. इंडियन गोल्डन ओरियल पक्षी भारत के उपमहाद्विपों में पाया जाता है. गोल्डन ओरियल पक्षी काफी सुंदर है. इसके ऊपर जैसे ही धूप पड़ती है तो यह चमकता है. इसकी आंखों की पट्टी छोटी होती है, रंग ज्यादा गहरा पीला होता है. शरीर पर धारियां भी होती हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक सर्दियों में यह दक्षिण भारत की ओर प्रवास करता है. पतझड़, गर्मी में सदाबहार जंगलों की ओर रुख करते हैं.

पढ़ें Sariska Tiger Reserve : अब टाइगर को मिलेगा एक दिन का अवकाश, इस तारीख से बंद होगा सरिस्का

इन पक्षियों के भोजन की बात करें तो कीड़े व जामुन इसकी पहली पसंद हैं. इसे ये बड़े चाव के साथ खाते हैं. इस पक्षी की लंबाई करीब 24 सेमी तक होती है. वजन 56 से लकर 79 ग्राम तक होता है. यह जंगल का सबसे सुंदर पक्षी माना जाता है. यह कटोरे के आकार की संरचना में बुनी हुई घासों का एक सुंदर घोंसला बनाता है. मादा और नर दोनों पक्षी चूजों का पालन-पोषण करते हैं. पक्षियों को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक सरिस्का पहुंच रहे हैं. तो सफारी के दौरान पर्यटक इनकी फोटो लेते हुए दिखाई देते हैं.

अलवर. सरिस्का टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों को पर्याप्त पानी मिलने लगा है, तो इसका असर भी अब दिखने लगा है. दुर्लभ पक्षी यूरेशियन गोल्डन ओरियल हजारों किलोमीटर की यात्रा करके सरिस्का पहुच रहे हैं. ये पक्षी अन्य की तुलना में काफी खास है. धूप में यह पक्षी सोने की तरह चमकता है. इसको देखने के लिए सरिस्का में पर्यटक भी पहुंचने लगे हैं. तो वहीं पर्यटकों के लिए ये पक्षी आकर्षण का केंद्र बन गया है.

सरिस्का के अधिकारियों ने बताया कि यह पक्षी यूरोपियन देशों से आए हैं. सरिस्का में भारतीय प्रजाति के पक्षियों से मेल-मुलाकात करते हैं. अच्छा जीवन बिताने के बाद अक्टूबर में अपने देश वापस चले जाते हैं. इसके अलावा हिमालय क्षेत्र में पाए जाने वाले इंडियन गोल्डन ओरियल भी सरिस्का पहुंचने लगे हैं. इनके लिए यूरोपियन पक्षी एक मेहमान की तरह हैं. जिनकी अच्छी आवभगत की जाती है. गर्मियों के मौसम में खूब आनंद उठाने के बाद सर्दियों से पहले ये वापस लौट जाते हैं. इसके अलावा इंडियन पैराडाइज फ्लाईकैचर पक्षी भी सरिस्का में पर्यटकों को काफी आकर्षित कर रही है.

सरिस्का के अधिकारी ने बताया कि यह पक्षी धूप में सोने की तरह चमकता है. यह पक्षी यूरेशियन गोल्डन ओरियल भारत में अपनी जैसी प्रजाति इंडियन गोल्डन ओरियल से मिलने आते हैं. यूरेशियन गोल्डन ओरियल पूरे पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी यूरोप में फैले हुए हैं. इंडियन गोल्डन ओरियल पक्षी भारत के उपमहाद्विपों में पाया जाता है. गोल्डन ओरियल पक्षी काफी सुंदर है. इसके ऊपर जैसे ही धूप पड़ती है तो यह चमकता है. इसकी आंखों की पट्टी छोटी होती है, रंग ज्यादा गहरा पीला होता है. शरीर पर धारियां भी होती हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक सर्दियों में यह दक्षिण भारत की ओर प्रवास करता है. पतझड़, गर्मी में सदाबहार जंगलों की ओर रुख करते हैं.

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इन पक्षियों के भोजन की बात करें तो कीड़े व जामुन इसकी पहली पसंद हैं. इसे ये बड़े चाव के साथ खाते हैं. इस पक्षी की लंबाई करीब 24 सेमी तक होती है. वजन 56 से लकर 79 ग्राम तक होता है. यह जंगल का सबसे सुंदर पक्षी माना जाता है. यह कटोरे के आकार की संरचना में बुनी हुई घासों का एक सुंदर घोंसला बनाता है. मादा और नर दोनों पक्षी चूजों का पालन-पोषण करते हैं. पक्षियों को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक सरिस्का पहुंच रहे हैं. तो सफारी के दौरान पर्यटक इनकी फोटो लेते हुए दिखाई देते हैं.

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