अलवर. वैसे तो सरकारेंं सभी को बराबर का हक देने का दावा करती हैं. लेकिन, राजस्थान में दिव्यांगों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार हो रहा है. स्वास्थ्य विभाग की जीएनएम और एएनएम भर्ती में दिव्यांगों को ज्वाइनिंग नहीं मिली है, ऐसे में दिव्यांग खासे परेशान हैं.
गौरतलब है कि राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग ने कुछ महीने पहले जीएनएम नर्सिंग भर्ती निकाली थी. इसके तहत सामान्य लोगों को ज्वाइनिंग की जा चुकी है और वो नौकरी कर रहे हैं. इसी तरह एएनएम भर्ती भी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से निकाली गई थी. उसमें भी सामान्य लोगों को नौकरी पर रख लिया गया है. लेकिन, दिव्यांग अभी भी परीक्षा में पास होने के बावजूद परेशान हो रहे हैं. कोरोना काल में दिव्यांगों की परेशानी और भी बढ़ गई है. उनका कहना है कि समाज में उनके साथ अलग व्यवहार किया जा रहा है. लोगों का रोजगार छिन गया है. ऐसे में जीवन यापन करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
पढ़ें: राजस्थान की उलझन को सुलझाएंगी प्रियंका...गहलोत-पायलट के बीच करेंगी समझाइश की कोशिश
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान एक दिव्यांग ने बताया कि प्रदेश में करीब 500 ऐसे दिव्यांग हैं, जो ज्वाइनिंग का इंतजार कर रहे हैं. सरकार उन्हें कोई योजना देने की जगह सिर्फ नौकरी दे. उन्होंने कहा कि सरकार ने उन्हें दिव्यांग शब्द दिया, इससे अच्छा होता कि सरकार उन्हें नौकरी देती.
दिव्यांगों ने कहा कि वो सामान्य लोगों से ज्यादा काम करते हैं. ऐसे में सरकार उनको ज्यादा कुछ नहीं, केवल एक नौकरी दे, जिससे वो अपना और अपने परिवार का पेट भर सकें. उन्होंने कहा कि सरकारी के साथ ही प्राइवेट नौकरी में भी जल्दी कोई दिव्यांगों को नौकरी पर नहीं रखता है. लोगों को लगता है कि वो सामान्य लोगों की तरह काम नहीं कर पाएंगे. लेकिन, ऐसा नहीं है. दिव्यांग सामान्य से ज्यादा बेहतर काम करता है.
पढ़ें:जयपुर: एक पोस्टमैन के भरोसे चल रहा आजादी के पहले का डाकघर, रिक्त पदों पर नहीं हो रही भर्ती
दिव्यांगों का कहना है कि कोरोना काल में उन्हें जैसी परेशानी उठानी पड़ रही है, उस तरह की दिक्कत पहले कभी नहीं हुई. सरकार को इस तरफ ध्यान देते हुए कदम उठाने की आवश्यकता है. अगर सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाया तो आने वाले समय में परेशानी बढ़ सकती है.