बहरोड़ (अलवर). बहरोड़ कांड के बाद बहरोड़ थाने के पुलिसकर्मियों को वर्दी का फर्ज निभाने के लिए प्रेरित करने के लिए खुद सूबे के पुलिस महकमे के मुखिया डीजीपी भूपेन्द्र यादव ने रविवार को बहरोड़ थाने पहुंच कर पुलिस कर्मियों के साथ मैस का खाना खाया.
डीजीपी भूपेंद्र यादव ने रविवार को बहरोड़ थाने के स्टाफ को हटाए जाने के बाद नियुक्त किये गए नए स्टाफ के साथ काफी वक्त गुजारा और उनसे बातचीत की. उनकी समस्याओं के बारे में जानने की कोशिश की. डीजीपी की ओर से पुलिस कर्मियों के बहरोड़ लॉकअप ब्रेक कांड की घटना के बाद उनके उत्साह को बढ़ाने के लिए उनके साथ मैस में बना हुआ खाना पुलिस कर्मियों के साथ खाया.
डीजीपी ने मैस की दाल और चपाती खाने के बाद कहा कि पुलिस मैस का खाना खाना ऐसे लगता है जैसे परिवार में बैठ कर खाना खाने जैसा लगता है. सभी लोगों के साथ बैठ कर खाना खाना सबसे अच्छा खाना होता है. पुलिस परिवार के साथ वह लगातार मैस के खाना खाते रहते हैं.
उन्होंने कहा कि बहरोड़ थाने में जो बड़ी घटना हुई थी उस घटना के बाद नए स्टाफ को उनके फर्ज के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसलिए उनके साथ अधिक वक्त गुजारने के लिए आया हूं और उनका फर्ज निभाने के लिए हौसला अफजाई किया कि वह अच्छा काम करें और पुलिस की छवि सुधारें.
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पपला के राजनीतिक संरक्षण के सवाल पर चुप रहे डीजीपी-
उन्होंने कहा कि बहरोड़ में एक नए थाने का प्रपोजल आता है तो बहरोड़ सदर थाने का नया प्रपोजल बनाकर सरकार को भेजा जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जिले में स्टाफ की कमी को दूर करने की कोशिश की जा रही है. पपला के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि पुलिस की टीमें लगातार पपला पीछा कर रही है. लेकिन उन्होंने राजनीतिक संरक्षण और पुलिस संरक्षण की टिप्पणी पर बोलने से इंकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि जब पपला की गिरफ्तारी होगी उसके बाद इस बारे में पूरी जानकारी आपके साथ साझा की जाएगी. उन्होंने कहा कि पपला मामले में अब तक 12 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.