अलवर. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर गुरुग्राम के अलीपुर से दौसा के भांडारेज बीच का काम पूरा हो चुका (Gurugram to Dausa expressway work completes) है. 26 जनवरी को एक्सप्रेसवे का पहला चरण खोला जा सकता है. एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद दिल्ली से जयपुर के बीच की यात्रा का समय घटाकर 2.5 घंटे हो जाएगा. अभी 4 से 6 घंटे का समय लगता है. 8 लेन का यह एक्सप्रेस वे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे होगा. अलवर जिले के बीच से गुजरने वाला पहला एक्सप्रेसवे है.
1350 किलोमीटर लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे सोहना, अलवर, दौसा, सवाई माधोपुर, कोटा, मंदसौर, रतलाम, दाहोद, वडोदरा, भरूच, सूरत, नवसारी, वलसाड, विरार और मुंबई सहित कई शहरों को कवर करेगा. गुडगांव से दौसा तक काम पूरा हो चुका है. इसके अलावा गुजरात व मध्य प्रदेश में भी काम लगभग पूरा हो गया है. कोटा व उसके आसपास क्षेत्र में एक्सप्रेसवे का काम अभी जारी है. दरअसल वन विभाग से एक्सप्रेस वे के लिए देरी से अनुमति मिली. इसलिए निर्माण कार्य में अभी समय लग रहा है. आठ लेन के एक्सप्रेसवे को 12 लेन तक एक्सटेंड किया जा सकता है.
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पहला ई-वे होगा. जिस पर पशुओं के लिए पांच पुल होंगे. इस एक्सप्रेसवे का एक मुख्य आकर्षण मुकुंदरा नेशनल पार्क एवं माथेरान इको-सेंसिटिव जोन से गुजरने वाली 4 किमी लंबी सुरंग होगी. आठ लेन वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है. इसके पहले चरण का काम पूरा हो चुका है. ऐसे में गुरुग्राम के अलीपुर से दौसा के भांडारेज बीच एक्सप्रेसवे को 26 जनवरी को शुरू किया जा सकता है. इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अलग से लेन भी होगी. जिसे ई-लेन का नाम दिया गया है.
किन राज्यों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे: एक्सप्रेसवे पांच राज्यों से होकर गुजरेगा. हरियाणा में (129 किमी), राजस्थान में (373 किमी), मध्य प्रदेश में (244 किमी), गुजरात में (426 किमी) और महाराष्ट्र 171 किमी की इसकी लंबाई है. इन पांच राज्यों में दिल्ली से मुंबई एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए 15000 हेक्टेयर से अधिक भूमि का इस्तेमाल किया गया है. एक्सप्रेस वे हरियाणा के गुड़गांव से शुरू होकर राजस्थान के जयपुर और सवाईमाधोपुर से होकर गुजरेगा.
इसके बाद मध्य प्रदेश में रतलाम और गुजरात के वडोदरा से होकर महाराष्ट्र के मुंबई में समाप्त होगा. दिल्ली से मुंबई एक्सप्रेसवे से अलवर, जयपुर, अजमेर, किशनगढ़, कोटा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भोपाल, उज्जैन, अहमदाबाद, इंदौर, सूरत और वडोदरा जैसे शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी. यह एक्सप्रेसवे दिल्ली स्थित डीएनडी फ्लाईवे और सोहना, हरियाणा से शुरू होगा. जबकि विरार महाराष्ट्र और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट महाराष्ट्र पर एक्सप्रेसवे समाप्त होगा. 1350 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे को तैयार करने में एक लाख करोड़ रुपए का खर्च आएगा.
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एक्सप्रेसवे पर मिलने वाली सुविधा: एक्सप्रेसवे पर लगभग 93 स्थानों पर होटल, ATM, फूड कोर्ट, बर्गर किंग, सबवे, मैक डोनाल्ड्स जैसे सिंगल-ब्रांड फूड, रिटेल शॉप, ईंधन स्टेशन और साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन जैसी सुविधाएं होंगी. मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे पहला ऐसा एक्सप्रेसवे होगा, जिसमें दुर्घटना के शिकार यात्रियों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए हर 100 किमी पर पूरी तरह से सुसज्जित ट्रॉमा सेंटर व हेलीपैड उपलब्ध होंगे.
एक्सप्रेसवे पर लगाए जाएंगे पेड़: एक्सप्रेसवे पर लगभग 20 लाख पेड़ लगाए जा रहे हैं. इन पेड़ों को हर 500 मीटर पर वर्षा जल संचयन प्रक्रिया के जरिए ड्रिप सिंचाई पद्धति का इ्स्तेमाल करके पानी दिया जाएगा. एक्सप्रेसवे पर होने वाले वृक्षारोपण से लगभग 850 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कटौती होने का अनुमान है. इस परियोजना से ट्रैफिक की समस्या को कम करके लगभग 32 लीटर ईंधन की बचत होने की संभावना है. सोलर एनर्जी और स्टेट ग्रिड दोनों का इस्तेमाल करके दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर सड़क किनारे लाइट की व्यवस्था की जाएगी.
जानवरों के लिए भी होगी अलग से व्यवस्था: 8 लेन चौड़े मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे पर लगभग पांच प्राकृतिक वन्यजीव क्रॉसिंग होगी. जिसमें मुकुंदरा राष्ट्रीय उद्यान, रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, सरिस्का टाइगर रिजर्व शामिल है. जिनकी कुल लंबाई लगभग 2.5 किमी होगी. वन्यजीव क्रॉसिंग का मुख्य आकर्षण मुकुंदरा राष्ट्रीय उद्यान और माथेरान पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र में बनी सुरंग होगी. जो भारत में पहली 8 लेन चौड़ी सुरंग होगी. सबसे लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर जानवरों के लिए देश का पहला ओवरपास या ओवर ब्रिज होगा. जो परियोजना के निर्माण से वन्यजीवों को अप्रभावित रखने के लिए बनाये गए हैं.
किस राज्य में कितना लंबा होगा एक्सप्रेसवे का सफर:
- राजस्थान- 380 किमी
- हरियाणा- 80 किमी
- महाराष्ट्र- 120 किमी
- मध्य प्रदेश- 370 किमी
- गुजरात- 300 किमी
120 की रफ्तार में दौड़ सकेंगे वाहन: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी दौड़ाई जा सकेगी. हाइवे पर हर 500 मीटर की दूरी पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. जिससे प्रत्येक आने-जाने वाली गाड़ियों का रिकॉर्ड रहेगा. टोल का चार्ज भी बाकी एक्सप्रेसवे से कम होगा. दिल्ली से राजस्थान के बीच एक्सप्रेसवे पर हिलालपुर, नूंह, खलीलपुर पलवल, काजिंजर नूंह, घाट संशाबाद, अलवर शीतल, पिनान व भांडरेज, डूंगरपुर और बड़ का पाड़ा सहित 9 इंटरचेंज बनाए गए हैं. मध्य प्रदेश में 8 इंटरचेंज बनाए जा रहे हैं. इन इंटरचेंज के जरिये मध्य प्रदेश की सड़कें जुड़ेंगी. रतलाम में धामनोद, रावटी, जावरा, नामली, मंदसौर में भानपुरा, गरोठ, सीतामऊ और झाबुआ में थांदला के पास इंटरचेंज बनाया जा रहे हैं.