अलवर. बड़ौदा मेव थाने क्षेत्र में सुमदाय विशेष पर दलित किशोर से मारपीट करने का आरोप (Mob lynching in Alwar) लगाया गया है. किशोर की रविवार को जयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई है. जिसके बाद आक्रोशित परिजनों ने अलवर-भरतपुर मार्ग पर शव रखकर धरने पर बैठ गए. इस कारण अलवर-भरतपुर हाइवे पर करीब एक किलोमीटर लंबा जाम लग गया.
मृतक के भाई का आरोप है कि 15 सितंबर को योगेश बैरवा (17 साल) पुत्र ओमप्रकाश बैरवा पशुओं के लिए मोटरसाइकिल से चारा लेने के लिए गया था. इसी दौरान मीना के बास में समुदाय विशेष की एक छोटी लड़की रास्ता पार कर रही थी. उसी समय वह बाइक से टकरा गई. योगेश ने बच्ची को उठाया, जैसे ही उसने बच्ची को उठाया तो घायल बच्ची के परिजन लाठी डंडे से लैस होकर आए और उन्होंने आते ही योगेश पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया. जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया.
परिजनों ने योगेश को बड़ौदामेव सीएसपी लेकर गए, जहां गंभीर हालत होने के कारण प्राथमिक उपचार के बाद उसे जयपुर के SMS अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. जयपुर अस्पताल में इलाज के दौरान योगेश की रविवार सुबह मौत हो गई. जिसके बाद पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया.
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घटना से आक्रोशित परिजनों ने अलवर-भरतपुर मार्ग पर शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया. परिजन मृतक के परिजनों को सरकारी नौकरी, आरोपियों की गिरफ्तारी सहित 6 सूत्रीय मांग को लेकर धरने पर बैठ गए. धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी, वे शव के साथ मार्ग पर बैठे रहेंगे
समझाइश के बाद धरने से उठे लोग
घटना की सूचना मिलने पर एडीशनल एसपी बड़ौदा मेव थाना अधिकारी, कई थानों के जाप्ता और क्यूआरटी टीम मौके पर पहुंची. अधिकारी परिजनों से शव उठाने की समझाइश में जुट गए. मृतक के परिजन प्रशासन से मां के लिए सरकारी नौकरी और बहन को पेंशन और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए. प्रशासन की समझाइश के बाद शाम को परिजनों ने धरना खत्म कर दिया है और शव का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गए.
भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा ने सीएम से किया सवाल
इस मामले में रामगढ़ के पूर्व विधायक और भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा ने जाति विशेष के लोगों पर पीट-पीट कर हत्या करने का आरोप लगाया है. ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि इस मामले में मॉब लिंचिंग की धाराएं भी आरोपियों के खिलाफ लगनी चाहिए.
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इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा ने समुदाय विशेष के लोगों पर मॉब लिंचिंग का आरोप लगाया है. आहूजा ने कहा कि मृतक के परिजनों को सरकार की तरफ से मुआवजा मिलना चाहिए. मृतक के परिजनों को सरकारी नौकरी देनी चाहिए. ज्ञानदेव आहूजा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस मुद्दे पर जवाब मांगते हुए कहा कि क्या अब जाति विशेष के लोगों पर सरकार (Gehlot Government) मॉब लिंचिंग का मामला दर्ज नहीं करेगी.
इस पूरे मामले में इलियास नाम के एक पुलिसकर्मी की संदिग्ध नजर आ रही है. ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि इलियास ने मामले को दबाए रखा और पुलिस अधिकारियों के बार-बार कहने के बाद मृतक परिजनों की रिपोर्ट दर्ज की. मृतक के परिजनों में खासा रोष है. लोग खासे परेशान हैं.
दोनों पक्षों की ओर से FIR दर्ज
वहीं पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि मामले में दोनों पक्षों की तरफ से एफआईआर दर्ज कर ली गई है. लक्ष्मणगढ़ डिप्टी एसपी को मामले की जांच दी गई है. इस मामले की जांच पड़ताल कर रहे हैं, जो लोग दोषी मिलेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.