अलवर. शहरी क्षेत्र के बाद अब कोरोना संक्रमण ग्रामीण क्षेत्र में भी बेकाबू हो चुका है. बिगड़ते हालात को देखते हुए प्रदेश सरकार भी चिंतित नजर आ रही है. इसके बावजूद लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. जहां अलवर के मालाखेड़ा क्षेत्र से एक डरावनी तस्वीरें सामने आई हैं. गांव में खुलेआम लोग सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं.
अलवर के मालाखेड़ा उपखंड क्षेत्र के गांवों में महिला इस महामारी को अनदेखा करते हुए एक साथ झुंड बनाकर पानी भरने जाती हैं. जिससे महामारी का खतरा और भी बढ़ गया है. ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का कहना है कि गांव में पानी की समस्या है. लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है. इसलिए मजबूरी में महिलाएं दूरदराज से पानी लाने को मजबूर हैं. जिले के अन्य गांव के भी इसी तरह के हालात हैं.
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पानी के लिए अलवर में साल भर प्रदर्शन होते हैं. हालात लगातार खराब हो रहे हैं. शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को पीने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है. प्रशासनिकअधिकारियों के आदेशों के बाद भी जलदाय विभाग की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई है. पूरा जिला डार्क जोन में आ चुका है. भूजल स्तर तेजी से काम हो रहा है. पूरा जिला केवल ट्यूबवेल के भरोसे चल रहा है.
मालाखेड़ा पंचायत समिति के ग्राम पंचायत परसा का बास में आने वाले गांवों में पिछले करीब डेढ़ वर्ष से पानी की समस्या बनी हुई है. महिलाएं झुंड बनाकर पानी भरने को इकट्ठा हो जाती हैं, जिससे महामारी का खतरा और बढ़ जाता है. हमारी टीम ने जब महिला के लोगों से बात की तो उनका महिलाओं का कहना था कि दूर दराज के गांवों से पानी आता है. वहीं पानी के लिए सिर्फ 1 घंटा थ्री फेस बिजली आती है, इसलिए भागदौड़ करनी पड़ती है. एक साथ पानी भरने आते हैं, ताकि पानी भरने से रह न जाए.
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ग्रामीण मुखराम ने बताया कि पिछले डेढ़ वर्ष से इस गांव में पानी की समस्या बनी हुई है. ग्रामीणों ने प्रशासन को कई बार अवगत कराया है, लेकिन अभी तक किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है. अब इस महामारी में महिलाएं झुंड बनाकर पानी भरती हैं. जिससे महामारी का खतरा बढ़ जाता है, कई लोग तो पॉजिटिव भी हो गए हैं, लेकिन क्या करें मजबूरी है. ऐसे में प्रशासन से यही मांग है कि जल्द से जल्द पानी की समस्या का हल किया जाए.