अलवर. गर्मी में गन्ने का जूस खासा फायदेमंद रहता है. कई बीमारियों में भी गन्ने का जूस दवा का काम करता है. सस्ता होने के कारण लोग इसे ज्यादा पसंद करते हैं. अलवर शहर के प्रत्येक मोहल्ले, चौराहों और गली नुक्कड़ पर गन्ने के जूस की दुकान है. इसके अलावा लोग कॉलोनी और मोहल्लों में घूम कर भी मशीन के माध्यम से जूस निकाल कर बेचते हैं. इस काम से हजारों लोगों को रोजगार मिलता है.
वहीं, इस साल गन्ने के जूस पर भी कोरोना की मार पड़ रही है. संक्रमण के डर से लोग दुकानों पर जूस पीने नहीं पहुंच रहे हैं. ऐसे में इस काम से जुड़े लोगों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है. ईटीवी भारत से बातचीत में दुकानदारों ने कहा कि वैसे आमतौर पर सही कामकाज रहता था, लेकिन कोरोना के चलते इस साल हालात ज्यादा खराब है.
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दुकानदारों का कहना है कि शुरुआत में 3 महीने का समय लॉकडाउन के कारण खराब हो गए. अब खाद्य पदार्थों से जुड़े हुए कामकाज ही चल रहे हैं. ऐसे में लोग घर से निकलकर आ रहे हैं, लेकिन आम दिनों की तुलना में लोगों की संख्या खासी कम है. ऐसे में केवल दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो पा रहा है.
अलवर जिले में गन्ने के जूस का काम करने वाले 15 हजार से अधिक लोग हैं, जो कस्बा, शहर और गांव में जूस बेच कर अपना जीवन यापन करते हैं. लेकिन इस बार कोरोना के चलते लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दुकानदारों ने कहा कि वो पूरी सावधानी बरत रहे हैं. उनका कहना है कि एक बार जूस निकालने के बाद पूरी मशीन और सभी बर्तनों को साफ किया जाता है. दुकानदार मास्क लगाकर रखते हैं. इसके अलावा समय-समय पर हाथों को सैनिटाइज करने का काम भी किया जा रहा है.