अलवर. जिले के सरिस्का में 11 बाघ व 5 शावक हैं. बीते 15 माह में सरिस्का में 4 बाघों की मौत हो चुकी है. ऐसे में सरिस्का प्रशासन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. इसी तरह के हालात रहे तो सरिस्का एक बार फिर से बाघ विहीन हो सकता है.
वहीं कुछ माह पहले सरिस्का क्षेत्र में विचलन करते हुए एक बाघिन के साथ उसके तीन बच्चे नजर आए थे. उनको केवल एक बारी देखा गया. उसके बाद आज तक वो किसी को दिखाई नहीं दिए. ऐसे में सभी को उन शावकों की चिंता होने लगी है. सरिस्का प्रशासन की तरफ से अभी तक शावकों को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं दी हैं.
वहीं सरिस्का प्रशासन की तरफ से इस ओर ध्यान भी नहीं दिया जा रहा. सरिस्का के अधिकारियों की माने तो कई बार कैमरों की मदद से बाघ के तीनों शावकों की तलाश करने का प्रयास किया गया. लेकिन उनकी कोई सूचना नहीं मिली.ऐसे में सभी को तीनों शावकों को लेकर डर सताने लगा है. अगर कोई गड़बड़ी हुई. तो ऐसे में साफ है की सारिस्का के अधिकारी व प्रशासन की तरफ से बड़ी लापरवाही बरती जा रही है.
वहीं वन्य जीव प्रेमियों का कहना है की सरिस्का वन्य जीवो के लिए खासा असुरक्षित है. क्षेत्रफल की दृष्टि से यह सबसे बड़ा नेशनल पार्क है. लेकिन प्रशासन की तरफ से इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। इसलिए लगातार सरिस्का में वन्यजीव कम हो रहे हैं. इस तरह के हालात रहे तो आने वाले समय में एक बार फिर से सरिस्का बाघ विहीन हो सकता है.