अलवर. सरिस्का क्षेत्र के 10 किलोमीटर की रेंज में चलने वाली खान पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. वाइल्ड लाइफ एक्ट के हिसाब से जो वन क्षेत्र इको सेंसेटिव जोन नोटिफाई नहीं होते हैं. उन क्षेत्रों के 10 किलोमीटर के एरिया में खनन प्रक्रिया पर पूरी तरीके से रोक होती है. तो वहीं कुछ दिन पहले एनजीटी ने दिए एक आदेश ने खनन विभाग की परेशानी बढ़ा दी है.
सरिस्का के 10 किलोमीटर क्षेत्र में करीब 172 खान चल रही हैं. इनमें से 101 को खनन विभाग की तरफ से पर्यावरण के लिए रेंस जारी की हुई है. जबकि अन्य बिना क्लीयरेंस के चल रही है. ऐसे में 71 खाने नियम के हिसाब से अवैध साबित होती हैं. सरिस्का के 10 किलोमीटर दायरे में मार्बल, कोटा स्टोन सहित कई महंगे पत्थरों की खान हैं. इनमें ज्यादातर खानें पूर्व मंत्री और बड़े उद्योगपतियों की है. इसलिए खनिज विभाग पर इन खानों के संचालन को लेकर खासा दबाव है.
कुछ दिन पहले एनजीटी ने टाइगर रिजर्व क्षेत्र के 10 किलोमीटर दायरे में खनन पर पूर्ण तरीके से प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए थे. सरिस्का अब तक इको सेंसेटिव जोन नोटिफाई नहीं हुआ है. इसलिए यह आदेश सरिस्का पर भी पूरी तरीके से लागू होगा. ऐसे में खनिज विभाग को सरिस्का एरिया में चलने वाली सभी खानों को बंद कराना होगा.
हालांकि खनन विभाग द्वारा इस आदेश के खिलाफ रिट पिटीशन दायर करने की भी तैयारियां चल रही है. लेकिन इस पर अभी विभाग के अधिकारी खुलकर बोलने से बच रहे हैं. एनजीटी के आदेश के बाद खनिज विभाग के अधिकारी बड़ी परेशानी में फंस गए हैं. विभाग के अधिकारियों को अब यह समझ नहीं आ रहा कि इन खानों को बंद कैसे कराएं. अगर इन खानों को जल्द ही बंद नहीं कराया गया. तो विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.