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Clashes Between Industrialists and MLA in Alwar : उद्योगपतियों और विधायक के बीच हुई नोकझोंक, दोनों ने दी एक-दूसरे को चेतावनी

अलवर के भिवाड़ी में संचालित उद्योग इकाइयों को प्रदूषण के चलते बंद करने को लेकर पिछले 5 दिनों से उद्योगपति (protest in alwar) धरने पर बैठे हैं. मंगलवार को आक्रोशित उद्योगपतियों ने रीको चौक मैन हाईवे को जाम कर दिया. सूचना पर पहुंचे पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंच जाम को खुलवाया. इस दौरान विधायक संदीप यादव और उद्योगपतियों में (Clashes between industrialists and MLA in alwar) नोकझोंक हो गई.

Clashes between industrialists and MLA in alwar
अलवर में उद्योगपतियों और विधायक के बीच हुई नोकझोंक
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Published : Dec 21, 2021, 5:35 PM IST

भिवाड़ी (अलवर). क्षेत्र में संचालित उद्योग इकाइयों को बढ़ते प्रदूषण के चलते पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और रीको की ओर से बंद कर दिया था. इससे आक्रोशित उद्योगपति रीको कार्यालय यूनिट फर्स्ट के सामने धरने (protest in alwar) पर बैठ गए. उनकी मुख्य मांग है कि क्षेत्र में सड़कों की मरम्मत और रीको अधिकारियों के खिलाफ करने सहति बंद उद्योग को चालू करने की है.

मंगलवार को मामले ने तूल पकड़ लिया, जहां आक्रोशित उद्योगपतियों ने रीको चौक मैन हाईवे को जाम कर दिया. सूचना पर एडिशनल एसपी अरुण माचा, डीएसपी हरिराम कुमावत सहित फूलबाग थाना अधिकारी जितेंद्र सोलंकी सहित भारी पुलिस जाब्ता पहुंचा. जिसके बाद समझाइश कर जाम को खुलवाया गया. इसी दौरान विधायक संदीप यादव भी उद्योगपतियों के बीच पहुंचे.

पढ़ें.Dotasra Controversial Statement: कहा- मीडिया को खुराक नहीं देंगे तो इधर-उधर ताका झांकी करके BJP से खुराक लेकर हमारे खिलाफ छापेंगे

इस दौरान विधायक और उद्योगपतियों के बीच बातचीत हुई. जिसके बाद प्रदूषण और उद्योग इकाइयों की ओर से छोड़े जा रहे गंदे पानी को लेकर तीखी (Clashes between industrialists and MLA in alwar) नोकझोंक हो गई. इसके बाद एक तरफ जहां उद्योगपतियों ने उद्योग इकाई बंद कर यहां से चले जाने की चेतावनी दी. तो वहीं विधायक संदीप यादव ने उद्योगपतियों के सामने किसानों को लाकर खड़ा करने की चेतावनी दे दी.

इस बीच एडिशनल एसपी अरुण माच्या ने उद्योगपतियों एवं विधायक के बीच समझौता बैठक का प्रस्ताव रखकर बैठक करवाई. बैठक के दौरान कुछ मुद्दों पर सहमति जरूर बनी, लेकिन कुछ मुद्दे बेनतीजा ही रहे.

गौरतलब है कि गत 5 वर्षों से प्रशासन की इस कार्रवाई का खामियाजा उद्योगपति भुगत ते आ रहे हैं. भिवाड़ी की उद्योग इकाईयों से राज्य सरकार को 40 से 45 प्रतिशत रेवेन्यू जाता है. भिवाड़ी औद्योगिक एरिया में लगभग 4 हजार छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनमें से 1100 उद्योग इकाइयां बीएमए से संबंधित है. 400 उद्योग इकाइयों पर एनजीटी सहित प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की गाज गिरी हुई है. जिसके बाद इन 400 उद्योग इकाइयों पर ताला लटका हुआ है.

पढ़ें.Vasundhara Raje in Alwar: हमको एक साथ मिलकर चलना होगा, जाति-धर्म से ऊपर उठकर सभी को गले लगाना होगा : वसुंधरा

इसके चलते इन इयाइयों में काम करने वाले करीब 60 से 70 हजार मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं. ऐसे में ये मजदूर फैक्ट्रियों में तो जा रहे हैं, लेकिन वहां काम कुछ भी नहीं है. जिसके कारण उद्योगपतियों के सामने मजदूरों को तनख्वाह देने सहित बिजली का बिल और अन्य खर्चों को संभालना मुसीबत साबित हो रहा है. इन समस्याओं से परेशान होकर ही उद्योगपतियों ने धरने प्रदर्शन का रास्ता अख्तियार किया है.

बहरहाल, उद्योगपतियों के साथ पहली बार भारी संख्या में मजदूर भी एकजुट हैं. उद्योग पतियों और प्रशासन के बीच किसी भी तरह का कोई समझौता होता नजर नहीं आ रहा है. इस दौरान बीएमए के पूर्व अध्यक्ष बृज मोहन मित्तल ने बताया की विधायक समस्याओं को हल करने के लिए नहीं बल्कि उलझाने के लिए आए हैं. विधायक अनावश्यक बातें कर मामले को उलझा रहे हैं. अगर समस्याओं का हल नहीं हुआ तो उद्योगपति धरना-प्रदर्शन लगातार जारी रखेंगे.

इधर विधायक संदीप यादव ने बताया कि उद्योगपतियों की सभी समस्याओं का समाधान जल्दी ही किया जाएगा, लेकिन उद्योगपतियों को भी मनमर्जी से काम नहीं करने दिया जाएगा. उद्योग इकाइयां बंद हो जाए कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जनता को नहीं मरने दिया जाएगा.

भिवाड़ी (अलवर). क्षेत्र में संचालित उद्योग इकाइयों को बढ़ते प्रदूषण के चलते पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और रीको की ओर से बंद कर दिया था. इससे आक्रोशित उद्योगपति रीको कार्यालय यूनिट फर्स्ट के सामने धरने (protest in alwar) पर बैठ गए. उनकी मुख्य मांग है कि क्षेत्र में सड़कों की मरम्मत और रीको अधिकारियों के खिलाफ करने सहति बंद उद्योग को चालू करने की है.

मंगलवार को मामले ने तूल पकड़ लिया, जहां आक्रोशित उद्योगपतियों ने रीको चौक मैन हाईवे को जाम कर दिया. सूचना पर एडिशनल एसपी अरुण माचा, डीएसपी हरिराम कुमावत सहित फूलबाग थाना अधिकारी जितेंद्र सोलंकी सहित भारी पुलिस जाब्ता पहुंचा. जिसके बाद समझाइश कर जाम को खुलवाया गया. इसी दौरान विधायक संदीप यादव भी उद्योगपतियों के बीच पहुंचे.

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इस दौरान विधायक और उद्योगपतियों के बीच बातचीत हुई. जिसके बाद प्रदूषण और उद्योग इकाइयों की ओर से छोड़े जा रहे गंदे पानी को लेकर तीखी (Clashes between industrialists and MLA in alwar) नोकझोंक हो गई. इसके बाद एक तरफ जहां उद्योगपतियों ने उद्योग इकाई बंद कर यहां से चले जाने की चेतावनी दी. तो वहीं विधायक संदीप यादव ने उद्योगपतियों के सामने किसानों को लाकर खड़ा करने की चेतावनी दे दी.

इस बीच एडिशनल एसपी अरुण माच्या ने उद्योगपतियों एवं विधायक के बीच समझौता बैठक का प्रस्ताव रखकर बैठक करवाई. बैठक के दौरान कुछ मुद्दों पर सहमति जरूर बनी, लेकिन कुछ मुद्दे बेनतीजा ही रहे.

गौरतलब है कि गत 5 वर्षों से प्रशासन की इस कार्रवाई का खामियाजा उद्योगपति भुगत ते आ रहे हैं. भिवाड़ी की उद्योग इकाईयों से राज्य सरकार को 40 से 45 प्रतिशत रेवेन्यू जाता है. भिवाड़ी औद्योगिक एरिया में लगभग 4 हजार छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं, जिनमें से 1100 उद्योग इकाइयां बीएमए से संबंधित है. 400 उद्योग इकाइयों पर एनजीटी सहित प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की गाज गिरी हुई है. जिसके बाद इन 400 उद्योग इकाइयों पर ताला लटका हुआ है.

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इसके चलते इन इयाइयों में काम करने वाले करीब 60 से 70 हजार मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं. ऐसे में ये मजदूर फैक्ट्रियों में तो जा रहे हैं, लेकिन वहां काम कुछ भी नहीं है. जिसके कारण उद्योगपतियों के सामने मजदूरों को तनख्वाह देने सहित बिजली का बिल और अन्य खर्चों को संभालना मुसीबत साबित हो रहा है. इन समस्याओं से परेशान होकर ही उद्योगपतियों ने धरने प्रदर्शन का रास्ता अख्तियार किया है.

बहरहाल, उद्योगपतियों के साथ पहली बार भारी संख्या में मजदूर भी एकजुट हैं. उद्योग पतियों और प्रशासन के बीच किसी भी तरह का कोई समझौता होता नजर नहीं आ रहा है. इस दौरान बीएमए के पूर्व अध्यक्ष बृज मोहन मित्तल ने बताया की विधायक समस्याओं को हल करने के लिए नहीं बल्कि उलझाने के लिए आए हैं. विधायक अनावश्यक बातें कर मामले को उलझा रहे हैं. अगर समस्याओं का हल नहीं हुआ तो उद्योगपति धरना-प्रदर्शन लगातार जारी रखेंगे.

इधर विधायक संदीप यादव ने बताया कि उद्योगपतियों की सभी समस्याओं का समाधान जल्दी ही किया जाएगा, लेकिन उद्योगपतियों को भी मनमर्जी से काम नहीं करने दिया जाएगा. उद्योग इकाइयां बंद हो जाए कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जनता को नहीं मरने दिया जाएगा.

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