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बच्चों का पक्षी प्रेम: चूजे को क्रेन से घोंसले तक पहुंचाया

भिवाड़ी के आलमपुर गांव के दो बच्चों ने पक्षी प्रेम की अनूठी मिसाल पेश की है. खास बात यह रही कि बच्चों ने पहल की और पिता ने सभी के सहयोग से चिड़िया के बच्चे को उसकी मां तक पहुंचाने का पूरा इंतजाम किया.

carried chick to nest by crane,  Bhiwadi News
चूजे को क्रेन से घोंसले तक पहुंचाया
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Published : Jun 23, 2021, 3:21 AM IST

भिवाड़ी (अलवर). आलमपुर गांव में एक बिजली के पोल पर चिड़िया के घोंसले से उसका एक नवजात चूजा जमीन पर आ गिरा. वहां खेल रही अदिती दायमा और साक्षी ने चूजे को देख लिया. दोनों ने पास में खेल रहे दूसरे बच्चों को भी बुला लिया. उस चूजे के प्रति बच्चों के दिल में एक सहानुभूति और प्रेम की लहर दौड़ पड़ी. बच्चे उस चिड़िया के चूजे को उठाकर घर ले आए.

पढ़ें- Special: Food Delivery Boys से जानिए कितना सुरक्षित है Online Food

चूजे को एक रात घर पर ही रखा...

बच्चों ने रात भर चूजे को घर पर ही रखा. दाना-पानी भी दिया. सुबह बच्चों ने अपने पिता पूर्व पार्षद महिपाल से कहा कि इस चूजे की मां अपने बच्चे के बिना नहीं रह पाएगी. वह परेशान हो रही होगी. चूजे को उसकी मां तक पहुंचाना है. यह बात सुनकर बच्चों के माता-पिता के दिल में भी उस चूजे के प्रति सहानुभूति उमड़ पड़ी.

चूजे को क्रेन से घोंसले तक पहुंचाया

बिजली बंद कराया, जेसीबी भी बुलाई गई

पिता ने विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता राजेंद्र सैनी को फोन कर तुरंत ही विद्युत सप्लाई को बंद करवाया. उन्होंने फोन कर जेसीबी को बुलवाया. जेसीबी के जरिए उस चूजे को खंभे पर स्थित घोंसले तक पहुंचाने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली.

जेसीबी काम न आई, क्रेन मंगाई गई

जब जेसीबी काम नहीं आई तो बच्चों के पिता ने फोन कर क्रेन का इंतजाम किया. काफी मशक्कत के बाद क्रेन के जरिए चिड़िया के चूजे को उसके घोंसले तक सही सलामत पहुंचाया गया. इस दौरान आसपास के लोगों की भीड़ लग गई.

carried chick to nest by crane,  Bhiwadi News
जे को क्रेन से घोंसले तक पहुंचाया

बच्चों के चेहरे खिले

घोंसले पर अपने बच्चे को देखकर चिड़िया चहचहाने लगी. इधर चूजे को अपनी मां के पास देख कर बच्चों के चेहरे भी खिल उठे.

carried chick to nest by crane,  Bhiwadi News
बच्चों का पक्षी प्रेम

पक्षी प्रेम की अनूठी मिसाल

सभी लोगों ने बच्चों की इस भावना को काफी सराहा. इस पूरे घटनाक्रम में विद्युत विभाग के अधिकारियों और आमजन ने सहयोग कर मानवता की मिसाल पेश की है.

भिवाड़ी (अलवर). आलमपुर गांव में एक बिजली के पोल पर चिड़िया के घोंसले से उसका एक नवजात चूजा जमीन पर आ गिरा. वहां खेल रही अदिती दायमा और साक्षी ने चूजे को देख लिया. दोनों ने पास में खेल रहे दूसरे बच्चों को भी बुला लिया. उस चूजे के प्रति बच्चों के दिल में एक सहानुभूति और प्रेम की लहर दौड़ पड़ी. बच्चे उस चिड़िया के चूजे को उठाकर घर ले आए.

पढ़ें- Special: Food Delivery Boys से जानिए कितना सुरक्षित है Online Food

चूजे को एक रात घर पर ही रखा...

बच्चों ने रात भर चूजे को घर पर ही रखा. दाना-पानी भी दिया. सुबह बच्चों ने अपने पिता पूर्व पार्षद महिपाल से कहा कि इस चूजे की मां अपने बच्चे के बिना नहीं रह पाएगी. वह परेशान हो रही होगी. चूजे को उसकी मां तक पहुंचाना है. यह बात सुनकर बच्चों के माता-पिता के दिल में भी उस चूजे के प्रति सहानुभूति उमड़ पड़ी.

चूजे को क्रेन से घोंसले तक पहुंचाया

बिजली बंद कराया, जेसीबी भी बुलाई गई

पिता ने विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता राजेंद्र सैनी को फोन कर तुरंत ही विद्युत सप्लाई को बंद करवाया. उन्होंने फोन कर जेसीबी को बुलवाया. जेसीबी के जरिए उस चूजे को खंभे पर स्थित घोंसले तक पहुंचाने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली.

जेसीबी काम न आई, क्रेन मंगाई गई

जब जेसीबी काम नहीं आई तो बच्चों के पिता ने फोन कर क्रेन का इंतजाम किया. काफी मशक्कत के बाद क्रेन के जरिए चिड़िया के चूजे को उसके घोंसले तक सही सलामत पहुंचाया गया. इस दौरान आसपास के लोगों की भीड़ लग गई.

carried chick to nest by crane,  Bhiwadi News
जे को क्रेन से घोंसले तक पहुंचाया

बच्चों के चेहरे खिले

घोंसले पर अपने बच्चे को देखकर चिड़िया चहचहाने लगी. इधर चूजे को अपनी मां के पास देख कर बच्चों के चेहरे भी खिल उठे.

carried chick to nest by crane,  Bhiwadi News
बच्चों का पक्षी प्रेम

पक्षी प्रेम की अनूठी मिसाल

सभी लोगों ने बच्चों की इस भावना को काफी सराहा. इस पूरे घटनाक्रम में विद्युत विभाग के अधिकारियों और आमजन ने सहयोग कर मानवता की मिसाल पेश की है.

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