अलवर. दिल्ली सहित एनसीआर में तेजी से प्रदूषण बढ़ रहा है. ऐसे में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में हालात को काबू करने के लिए कई अहम फैसले किए. इनमें पराली जलाने और पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध जैसे फैसले भी शामिल रहे हैं. बोर्ड ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए सभी राज्यों को सड़कों पर चलने वाले वाहनों में 30 प्रतिशत की कटौती करने के निर्देश दिए है. यह पहली बार है जब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से इस तरह के बड़े फैसले लिये जा रहे हैं.
अलवर के भिवाड़ी में प्रदूषण स्तर खतरनाक...
अलवर में प्रदूषण का स्तर 100 से 150 यूजी के आसपास दर्ज किया जा रहा है. जबकि भिवाड़ी में प्रदूषण का स्तर एक्यूआई 300 यूजी से अधिक हो चुका है. प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के नियम अनुसार प्रदूषण का स्तर 100 यूजी से ज्यादा नहीं होना चाहिए. एनसीआर में तेजी से बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली एनसीआर में दिवाली पर पटाखों की बिक्री और पटाखे चलाने पर रोक भी लगाई गई थी. इसके अलावा कई अन्य कदम भी विभाग की तरफ से उठाए जा रहे हैं.
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सड़कों से हटेंगे 30 फीसदी वाहन...
पहली बार केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सड़कों पर चलने वाले वाहनों में 30 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला लिया है. इसके तहत अलवर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से जिले के सभी औद्योगिक इकाइयों की बड़ी कंपनियों और अन्य संस्थाओं को एक आदेश जारी किया है. जिसमें साफ तौर पर वाहनों में कटौती करने के लिए कहा गया है. प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने कहा कि लोग निजी वाहन की जगह सार्वजनिक वाहन का उपयोग करें. कंपनियों की तरफ से कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम दिया जाए, जिससे वे अपने घर रह कर काम कर सकें. इस संबंध में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की तरफ से प्रदेश सरकार व परिवहन विभाग को जरूरी निर्देश दिए गए हैं.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ऐतिहासिक फैसले...
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अलवर क्षेत्र प्रबंधक ओपी गुप्ता का कहना है कि दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र की आबोहवा जहरीली हो रही है. ऐसे में प्रदूषण विभाग ने यह सख्त कदम उठाया है. एनसीआर में राजस्थान के अलवर-भरतपुर के अलावा उत्तर प्रदेश के गौतमबुधनगर, गाजियाबाद, मेरठ, अलीगढ़ शहर आते हैं. हरियाणा के गुड़गांव, फरीदाबाद और बल्लभगढ़ भी एनसीआर का हिस्सा है. एनसीआर में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. ऐसे में सरकार की तरफ से प्रदूषण नियंत्रण के लिए लिए गए फैसले इस बार ऐतिहासिक हैं.
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15 हजार औद्योगिक इकाईयां हैं अलवर में...
भिवाड़ी में हालात ज्यादा खराब है. इसलिए जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में भिवाड़ी में एक समिति बनाई गई है जो लगातार प्रदूषण कम करने के कार्यों की मॉनिटरिंग कर रही है. भिवाड़ी यूआईटी, भिवाड़ी नगर परिषद प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, जिला प्रशासन सहित तमाम विभागीय अधिकारी प्रदूषण कम करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं. बीते दिनों केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल की तरफ से भिवाड़ी की कुछ औद्योगिक इकाइयों पर सख्त रुख अपनाते हुए उनको बंद किया गया था. साथ ही विभाग द्वारा लगातार बेहतर मॉनिटरिंग करने के प्रयास किए जा रहे हैं. भिवाड़ी देश के सबसे प्रदूषित शहरों में भी शामिल हो चुका है. इसलिए भिवाड़ी पर सबकी निगाहें रहती हैं.
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों ने कहा अलवर की आबोहवा ठीक है, लेकिन भिवाड़ी के हालात खराब हैं. अलवर को राजस्थान की औद्योगिक राजधानी माना जाता है, यहां 15 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयां हैं. जिनमें लाखों श्रमिक काम करते हैं. इनमें कैमिकल मिल, स्टील प्लांट सहित सभी औद्योगिक इकाईयां शामिल हैं. बहरहाल, प्रदूषण बोर्ड के फैसलों का असर अब देश की आबोहवा पर नजर भी आने लगा है.