अलवर. प्रदेश में सबसे अधिक टोल प्लाजा अलवर जिले में पड़ते हैं. शहर की सीमा से बाहर निकलते ही सभी मार्गों पर लोगों को टोल टैक्स चुकाना पड़ता है. अलवर जिले में कुल 17 टोल प्लाजा है. इनसे प्रतिदिन 30 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होता है. इसमें 10 लाख निजी वाहन व 20 लाख कॉमर्शियल वाहनों से मिलता है. सरकार की ओर से टोल शुरू करने से कांग्रेसियों की परेशानी भी बढ़ गई है. कांग्रेसियों का कहना है कि सरकार को अगर टोल शुरू करना था तो पंचायत चुनाव के बाद करना चाहिए था.
अभी चुनाव से पहले टोल शुरू करने से भाजपा सरकार को घेरने में लगी हुई है. भाजपा की तरफ से अलवर में जिला कलेक्ट्रेट पर धरना दिया गया तो भिवाड़ी में टोल प्लाजा पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया. प्रदेश में लगातार टोल हटाने को लेकर मांग की जा रही है.
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अलवर जिले में स्टेट हाईवे पर टोल प्लाजाओं का जाल बिछा हुआ है. सभी मार्गों पर टोल है तो वहीं लोगों को इससे खासी परेशानी उठानी पड़ रही है. टोल लगाने का सीधा असर आम आदमी पर पड़ रहा है. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने स्टेट हाईवे से निजी वाहनों के लिए टोल समाप्त किया था तो वहीं कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के एक साल में ही टोल को 1 नवंबर से फिर से लागू कर दिया है.