ETV Bharat / state

टोल मुद्दे पर सियासी घमासान शुरू, भिवाड़ी और अलवर में भाजपाइयों ने दिया धरना - स्टेट हाईवे पर टोल राजस्थान

अलवर सहित प्रदेश भर में स्टेट हाईवे पर सरकार के टोल शुरू करने के बाद लगातार प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो चुका है, तो वही नेता एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए घेरने में लगे हुए हैं. टोल के विरोध में अलवर और भिवाड़ी टोल प्लाजा पर भाजपाइयों ने धरना दिया वहीं टोल हटाने की मांग की.

Rajasthan toll on state highway, स्टेट हाईवे पर टोल राजस्थान
author img

By

Published : Nov 2, 2019, 10:45 AM IST

अलवर. प्रदेश में सबसे अधिक टोल प्लाजा अलवर जिले में पड़ते हैं. शहर की सीमा से बाहर निकलते ही सभी मार्गों पर लोगों को टोल टैक्स चुकाना पड़ता है. अलवर जिले में कुल 17 टोल प्लाजा है. इनसे प्रतिदिन 30 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होता है. इसमें 10 लाख निजी वाहन व 20 लाख कॉमर्शियल वाहनों से मिलता है. सरकार की ओर से टोल शुरू करने से कांग्रेसियों की परेशानी भी बढ़ गई है. कांग्रेसियों का कहना है कि सरकार को अगर टोल शुरू करना था तो पंचायत चुनाव के बाद करना चाहिए था.

भिवाड़ी और अलवर में भाजपाइयों ने दिया धरना

अभी चुनाव से पहले टोल शुरू करने से भाजपा सरकार को घेरने में लगी हुई है. भाजपा की तरफ से अलवर में जिला कलेक्ट्रेट पर धरना दिया गया तो भिवाड़ी में टोल प्लाजा पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया. प्रदेश में लगातार टोल हटाने को लेकर मांग की जा रही है.

पढ़ें- हरियाणा के परिणाम ने बदल दी नेताओं की रणनीति, अब अलवर निकाय चुनाव में स्थानीय मुद्दे ही होंगे अहम

अलवर जिले में स्टेट हाईवे पर टोल प्लाजाओं का जाल बिछा हुआ है. सभी मार्गों पर टोल है तो वहीं लोगों को इससे खासी परेशानी उठानी पड़ रही है. टोल लगाने का सीधा असर आम आदमी पर पड़ रहा है. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने स्टेट हाईवे से निजी वाहनों के लिए टोल समाप्त किया था तो वहीं कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के एक साल में ही टोल को 1 नवंबर से फिर से लागू कर दिया है.

अलवर. प्रदेश में सबसे अधिक टोल प्लाजा अलवर जिले में पड़ते हैं. शहर की सीमा से बाहर निकलते ही सभी मार्गों पर लोगों को टोल टैक्स चुकाना पड़ता है. अलवर जिले में कुल 17 टोल प्लाजा है. इनसे प्रतिदिन 30 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होता है. इसमें 10 लाख निजी वाहन व 20 लाख कॉमर्शियल वाहनों से मिलता है. सरकार की ओर से टोल शुरू करने से कांग्रेसियों की परेशानी भी बढ़ गई है. कांग्रेसियों का कहना है कि सरकार को अगर टोल शुरू करना था तो पंचायत चुनाव के बाद करना चाहिए था.

भिवाड़ी और अलवर में भाजपाइयों ने दिया धरना

अभी चुनाव से पहले टोल शुरू करने से भाजपा सरकार को घेरने में लगी हुई है. भाजपा की तरफ से अलवर में जिला कलेक्ट्रेट पर धरना दिया गया तो भिवाड़ी में टोल प्लाजा पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया. प्रदेश में लगातार टोल हटाने को लेकर मांग की जा रही है.

पढ़ें- हरियाणा के परिणाम ने बदल दी नेताओं की रणनीति, अब अलवर निकाय चुनाव में स्थानीय मुद्दे ही होंगे अहम

अलवर जिले में स्टेट हाईवे पर टोल प्लाजाओं का जाल बिछा हुआ है. सभी मार्गों पर टोल है तो वहीं लोगों को इससे खासी परेशानी उठानी पड़ रही है. टोल लगाने का सीधा असर आम आदमी पर पड़ रहा है. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने स्टेट हाईवे से निजी वाहनों के लिए टोल समाप्त किया था तो वहीं कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के एक साल में ही टोल को 1 नवंबर से फिर से लागू कर दिया है.

Intro:अलवर
अलवर सहित प्रदेश भर में स्टेट हाईवे पर सरकार के टोल शुरू करने के बाद लगातार प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो चुका है। तो वही नेता एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए घेरने में लगे हुए हैं। टोल के विरोध में अलवर व भिवाड़ी टोल प्लाजा पर भाजपाइयों ने धरना दिया व टोल हटाने की मांग की।


Body:राजस्थान में सबसे अधिक टोल अलवर जिले में पड़ते हैं। अलवर शहर की सीमा से बाहर निकलते ही सभी मार्गो पर लोगों को टोल देना पड़ता है। अलवर जिले में कुल 17 टोल प्लाजा है। इनसे प्रतिदिन 30 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। इसमें 10 लाख निजी वाहन व 20 लाख कमर्शियल वाहनों से मिलता है। सरकार के टोल शुरू करने से कांग्रेसियों की परेशानी भी बढ़ गई है। कांग्रेसियों का कहना है कि सरकार को अगर टोल शुरू करना था। तो पंचायत चुनाव के बाद करना चाहिए था। अभी चुनाव से पहले टोल शुरू करने से भाजपा सरकार को घेरने में लगी हुई है। भाजपा की तरफ से अलवर में जिला कलेक्ट्रेट पर धरना दिया गया। तो भिवाड़ी में टोल प्लाजा पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया। प्रदेश में लगातार टोल हटाने को लेकर मांग की जा रही है।


Conclusion:अलवर जिले में स्टेट हाईवे पर टोल प्लाजा ओं का जाल बिछा हुआ है। सभी मार्गों पर टोल है। तो वहीं लोगों को इससे खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। टोल लगाने का सीधा असर आम आदमी पर पड़ रहा है। वसुंधरा सरकार ने स्टेट हाईवे से निजी वाहनों के लिए टोल समाप्त किया था। तो वहीं गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल के एक साल बाद इन दोनों को 1 नवंबर से फिर से लागू कर दिया है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.