बानसूर (अलवर). थानागाजी दुष्कर्म मामले में कोर्ट के फैसले के बाद क्षेत्र की महिलाओं ने इस फैसले का सम्मान किया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस द्वारा भी कोताही बरती गई थी. अगर समय रहते पुलिस इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करती तो बदमाशों में भय बना रहता.
वहीं इस मामले को न्यायालय द्वारा 538 दिन का समय लगाते हुए दोषियों को सजा सुनाई गई है. ऐसे में सभी दोषियों को फांसी की सजा देनी चाहिए थी. वहीं दूसरी महिला ने कहा कि ऐसी घटना दलित ही नहीं, किसी भी महिला के साथ हो सकता है और मेरा मानना है कि हर मां-बाप का कर्तव्य बनता कि अपने बच्चों को अच्छी परवरिश और अच्छे संस्कार दें.
आजकल के युवा बच्चों को मोबाइल से दूर रखने की जरूरत है. मोबाइलों में ऐसे वीडियो देखरकर बच्चें राह से भटक जाते हैं. वहीं तीसरी युवती ने कहा इन चार दोषियों सहित वीडियो वायरल करने वाला दोषी को भी उम्र कैद होनी चाहिए थी. उम्र कैद की जगह ये पांचों दोषी फांसी की सजा के हकदार थे. वहीं चौथी युवती ने कहा अगर दोषियों को पहले सजा मिलती, तो आगे इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देने वालों को कई बार सोचना पड़ता.
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बता दें कि थानागाजी दलित महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने का मामला सामने आया था. इस मामला में बीते 17 महीने 26 दिन बाद अलवर एससी-एसटी कोर्ट ने 6 अक्टूबर मंगलवार को दुष्कर्म के 4 दोषियों को उम्र कैद की सजा और वीडियो वायरल करने वाले दोषी को 5 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इस फैसले का सभी राजनीतिक पार्टियों सहित आम जनता ने स्वागत किया है.