बानसूर (अलवर). जिले के बानसूर में अलवर एसीबी टीम की कार्रवाई लगातार जारी है. अलवर एसीबी टीम ने बानसूर में महिला बाल विकास अधिकारी प्रदीप घिलोटिया के फरार होने के बाद एसीबी की टीम बानसूर सीडीपीओ प्रदीप घिलोटिया को पकड़ने के लिए जगह-जगह दबिश दे रही थी, लेकिन आरोपी प्रदीप घिलोटिया रिश्वत के 50 हजार पाउडर लगे रुपये लेकर फरार हो गया था. जिसकी तलाश जारी है.
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अलवर एसीबी टीम को सूचना लगी कि बानसूर सरकारी अस्पताल के सामने गारमेंट्स दुकान के अशोक सैनी उक्त रिश्वत की राशि रुपयों को खुर्द बुर्द करने के लिए सुबह सिंह गुर्जर के घर देने गया था, जो आरोपी प्रदीप घिलोटिया की गाड़ी का ड्राइवर है. लेकिन वह नहीं मिला और उसकी बहन ने पैसे लेने से इनकार कर दिया.
उसके बाद सुबहसिंह का भतिजा जले सिंह को अपने घर बुलाया लेकिन अशोक सैनी ने पुलिस की गाड़ी देखी और अपना प्लान बदलकर जले सिंह को अपने निवास स्थान सिल्लार की ढाणी पर बुलाया. जहां अशोक सैनी रिश्वत की राशि को छुपाने के लिए अपनी दुकान पर कार्य करने वाले युवक मुकेश सैनी के घर में रख दिया.
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जिस पर एसीबी के पुलिस उपाधीक्षक महेंद्र मीणा के नेतृत्व में टीम ने कार्रवाई करते हुए अशोक सैनी को दस्तयाब कर लिया है और उससे सीडीपीओ द्वारा फरार रिश्वत की 50 हजार रुपये की राशि भी बरामद कर लिया है.
गौरतलब है कि रामनिवास यादव निवासी हाजीपुर ने अलवर एसीबी में शिकायत दी थी कि पोषाहार बिल करीब तीन साल के 12.87 लाख रुपए पास करवाने की एवज में महिला बाल विकास अधिकारी प्रदीप घिलोटिया और उनके कर्मचारी ने करीब 3 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी. जिस पर अलवर एसीबी टीम ने एसीबी उपाधीक्षक महेंद्र मीणा के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को रिश्वत की राशि सहित गिरफ्तार किया था.
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साथ ही बानसूर सीडीपीओ प्रदीप घिलोटिया की गाड़ी से करीब 97,500 रुपये बरामद किये थे. लेकिन कार्रवाई के दौरान आरोपी बानसूर सीडीपीओ प्रदीप घिलोटिया रिश्वत के पाउडर लगे रुपये लेकर फरार होने में कामयाब हो गया था. जिसकी तलाश एसीबी कर रही है.