अलवर. जिले में हथियार के फर्जी लाइसेंस जारी करने के मामले में जिला कलेक्टर कार्यालय के सहायक प्रशासनिक अधिकारी दुर्गेश चोला को गिरफ्तार किया गया है. दुर्गेश चोला को इसी मामले में पूर्व में निलंबित किया जा चुका है. साथ ही उसका साथी संविदा कर्मी कंप्यूटर ऑपरेटर सुनील अरोड़ा अभी फरार है.
कलेक्टर के निर्देश पर हथियार के फर्जी लाइसेंस जारी करने के मामले में जांच के लिए कमेटी भी गठित की गई है. इस कमेटी में अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम रामचरण शर्मा, डीआईओ सत्येंद्र सिंह, कोषाधिकारी ऋतु जैन, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त निदेशक राजेश भाटिया भी को शामिल किया गया. प्रारंभिक जांच में तीन फर्जी हथियार लाइसेंस बनाने की पुष्टि हुई है. फर्जी हथियार लाइसेंसों में फर्जी तरीके से जिला कलेक्टर की मोहर व हस्ताक्षर का इस्तेमाल करने की बात सामने आई.
यह भी पढ़ें. अलवर: पाठ्यक्रम में इतिहास से छेड़छाड़ के विरोध में भाजपा का प्रदर्शन
वहीं शहर कोतवाल आध्यात्म गौतम ने बताया कि दुर्गेश चोला को पूछताछ के लिए कोतवाली लाया गया लेकिन आरोप की पुष्टि होने पर उस को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके साथ ही संविदा कर्मी कंप्यूटर ऑपरेटर सुनील अरोड़ा अभी फरार है. इन दोनों के खिलाफ एडीएम सिटी उत्तम सिंह शेखावत ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर फर्जी तरीके से हथियार लाइसेंस जारी करने का मामला कोतवाली थाने में दर्ज कराया था.
यह भी पढ़ें. जोधपुर में पुलिस थाने के बाहर मची अफरा-तफरी, थाने के बाहर खड़ी सीज गाड़ियों में लगी आग
बता दें कि अतिरिक्त जिला कलेक्टर उत्तम सिंह शेखावत की ओर से कोतवाली थाने में प्रकरण दर्ज कराया गया है. उन्होंने बताया कि उनके बिना अनुमिति के तीन फर्जी आर्म्स लाइसेंस जारी किए गए थे. जिसका कार्यालय में कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं था और ये लाइसेंस सीधे पोर्टल पर जारी कर दिए गए. डीएम शेखावत ने बताया कि उनके खुद के फर्जी दस्तखत किए गए थे.