अलवर. कोरोना काल में लगे लॉकडाउन ने लाखों लोगों को बेरोजगार कर दिया है तो वहीं बड़ी संख्या में लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला अलवर में सामने आया. कोरोना काल में अलवर के रहने वाले एक व्यक्ति की नौकरी चली गई. पत्नी एक स्कूल में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत हैं, लेकिन स्कूल बंद होने के कारण उनका भी काम छूट चुका है.
ऐसे में बच्चों की स्कूल फीस जमा करने के लिए परिवार के पास पैसे नहीं हैं. इन हालातों को देखते हुए परेशान बच्चों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक मेल भेजा है. इसमें अपनी समस्या बताते हुए बच्चों ने फीस माफ कराने की मांग की है.
अलवर के स्कीम नंबर 4 निवासी दर्श बंसल के पिता रमन बंसल दिल्ली की एक कंपनी में नौकरी करते थे. लॉकडाउन के चलते उनकी नौकरी चली गई और लॉकडाउन के दौरान वो लौटकर घर आ गए. यहां मजबूरी में एक दुकान पर वो काम कर रहे हैं. मां सपना बंसल एक स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते इस समय स्कूल बंद हैं. इसलिए उनको भी वेतन नहीं मिल रहा है.
पढ़ें- SPECIAL: बक्सा व्यवसाय पर कोरोना की चोट
परिवार के हालात दिनों दिन खराब हो रहे हैं. घर खर्च के लिए परिवार के पास पैसा नहीं है. परेशान होकर माता पिता ने बच्चों को स्कूल फीस जमा करने से मना कर दिया. इस पर दर्श बंसल और उसकी बहन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ईमेल भेजा. जिसमें दर्श ने लिखा मैं कक्षा 9वीं का विद्यार्थी हूं. लॉकडाउन के कारण मेरे पापा के पास पहले जैसा रोजगार नहीं रहा है. मैं पढ़ लिखकर CA बनना चाहता हूं. आप मेरी सहायता कीजिए या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलवा दीजिए. यह मेल मिलने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय में हलचल हो रही है. इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय ने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय अलवर को तथ्यात्मक रिपोर्ट के लिए आदेश दिया है.
दर्श शुरू से ही पढ़ाई में होशियार है. उसकी एक छोटी बहन है. प्रतिभाशाली होने के कारण दर्श अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कर रहा है, लेकिन उसके सामने आर्थिक संकट आकर खड़ा हो गया है. परिवार के सदस्यों ने बताया कि दर्श हमेशा से ही कक्षा में अव्वल रहा है. उसकी बहन पलक कक्षा पांचवी में पढ़ती है. उसका कहना है कि मेरी पढ़ाई का कुछ नहीं हो तो कम से कम मेरी बहन की पढ़ाई का खर्च सरकार माफ कराएं.
पढ़ें- Special: लॉकडाउन में Business बर्बाद होने के बाद अब हाईवे के किनारे फल बेचने को मजबूर युवा
ईटीवी भारत से खास बातचीत में उसने कहा कि वो पढ़ लिखकर CA बनना चाहता है. उसका हमेशा ध्यान पढ़ाई में रहता है. मामला सामने आने के बाद लगातार समाज से भी लोग भी परिवार से संपर्क कर रहे हैं और हर संभव मदद कराने का आश्वासन दे रहे हैं. दर्श ने बताया कि स्कूल प्रशासन का भी उनके पास फोन आया है. वो उन्होंने मिलने के लिए बुलाया है.
खास बातचीत में दर्श की मां सपना बंसल ने कहा कि वो मजबूर है. घर की हालत दिनों दिन खराब हो रही है. घर में राशन और बिजली के बिल चुकाने तक के पैसे नहीं हैं. इसलिए मजबूरी में उसने अपने बच्चों से फीस जमा नहीं करने की बात कही. ऐसे में देखना होगा कि आगे परिवार को किस तरह की सरकार की मदद मिलती है.