अलवर. सेना भर्ती के लिए दौड़ लगाने के लिए इंदिरा गांधी स्टेडियम खुलवाने की मांग को लेकर लंबे समय से अलवर में हंगामा चल रहा है. इस बीच अलवर के एक छात्र नेता ने प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि श्रम मंत्री ने पुलिस और प्रशासन पर दबाव बनाया, जिसके बाद उसको जबरन गिरफ्तार किया गया है.
अलवर के इंदिरा गांधी स्टेडियम में हजारों की संख्या में युवा सेना भर्ती के लिए अभ्यास करते हैं. कोरोना काल के दौरान स्टेडियम को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था. इस दौरान केवल खिलाड़ियों को आने-जाने की अनुमति थी. कोरोना का प्रभाव कम हो चुका है. सरकार की तरफ से सभी चीजों को खोल दिया गया है और लगी हुई रोक हटा दी गई है लेकिन अलवर के इंदिरा गांधी स्टेडियम में अब भी युवाओं को आने जाने की अनुमति नहीं है. इसको लेकर लंबे समय से युवा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. युवाओं की ओर से सड़क पर धरना भी दिया गया. बस स्टैंड मार्ग पर सैंकड़ों स्टूडेंटों ने धरना दिया और जाम लगाया. कई जगह इस संबंध में ज्ञापन दिए गए.
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20 फरवरी को छात्र नेता संदीप ओला ने आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी. जिसके बाद कलेक्ट्रेट पहुंचे छात्र नेता को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. संदीप ओला का आरोप था कि वैसे तो धारा 151 में गिरफ्तार किया गया. इस धारा में थाना स्तर और अन्य मजिस्ट्रेट के सामने तुरंत जमानत मिल जाती है लेकिन संदीप ओला को जबरन तीन दिनों तक जेल में रखा गया. न्यायालय में देरी से पेश किया गया.
संदीप ओला ने एक प्रेस वार्ता की
इस पूरे मामले के बाद छात्र नेता संदीप ओला ने एक प्रेस वार्ता करते हुए प्रदेश के संबंधी टीकाराम जूली पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि श्रम मंत्री के दबाव के चलते पुलिस प्रशासन ने उनको 3 दिनों तक जेल में रखा. इतना ही नहीं लगातार उसको जान से मारने की धमकियां दी जा रही है. उन्होंने कहा कि मंत्री के कुछ नजदीकी लोग उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. उनकी एक ऑडियो भी उन्होंने सोशल मीडिया पर वारयल की. उन्होंने कहा कि मंत्री के दबाव में जबरन उन सहित 300 स्टूडेंटों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. इसके अलावा भी छात्र नेता संदीप ओला ने श्रम मंत्री पर कई गंभीर आरोप लगाए.
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इस संबंध में शहर कोतवाली थानाधिकारी राजेश शर्मा ने बताया कि छात्र नेता संदीप ओला ने स्टेडियम खुलवाने की मांग को लेकर कुछ दिन पहले आंदोलन किया था. जिस पर छात्र नेता संदीप ओला के साथ कुछ युवाओं ने अलवर शहर के अलग-अलग स्थानों पर रास्ता जाम किया था. जिस पर छात्र नेता संदीप ओला सहित कुछ युवाओं के खिलाफ रास्ता जाम करने और राजकार्य में बाधा डालने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.